sugar cane field मार्च के अंत तक गन्ने की बिजाई कर सकते है किसान

Agriculture News मार्च माह का अंतिम समय चल रहा है इसलिए जिन किसानों को गन्ने की बिजाई करनी है वे देरी ना करें। बिना विलंब खेतों को तैयार करें। साथ ही गुणवत्ता वाले बीज का उपचार करते हुए बिजाई करें। ताकि अच्छी पैदावार हो।
 
 

HR Breaking News, झज्जर ब्यूरो,  किसान गन्ने की बिजाई मार्च माह के अंत तक कर सकते हैं। इसके लिए खेतों को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। मार्च माह का अंतिम समय चल रहा है, इसलिए जिन किसानों को गन्ने की बिजाई करनी है वे देरी ना करें। बिना विलंब खेतों को तैयार करें। साथ ही गुणवत्ता वाले बीज का उपचार करते हुए बिजाई करें। ताकि अच्छी पैदावार हो। जिले की बात करें तो साढ़े चार हजार हेक्टेयर से अधिक एरिया में गन्ने की बिजाई की गई थी।

 

यह भी जानिए

Haryana News गेहूं कटाई के समय सावधानी बरतें किसान, लापरवाही पड़ सकती है मंहगी


गन्ने की बसंत कालीन बिजाई के लिए सबसे अच्छा समय मध्य फरवरी से लेकर मार्च माह के अंत तक की जा सकती है। जबकि शीतकालीन बिजाई का समय सितंबर माह के आखिर से लेकर अक्टूबर माह तक की जा सकती है। वहीं गन्ने के बीज का भी ध्यान पूर्वक चयन करना चाहिए।

 

गन्ने के ऊपर के दो-तिहाई स्वस्थ, कीट व रोग रहित हिस्से को बिजाई के लिए चनें। बिजाई के समय बीज की मात्रा का भी ध्यान रखना चाहिए। दो आंखों वाली करीब 35 हजार या तीन आंखों वाली करीब 23 हजार पोरियों की बिजाई की जाती है। प्रति एकड़ बीज 30-35 क्विंटल होना चाहिए।


अच्छी पैदावार के लिए बीज का उपचार भी अति आवश्यक होता है। विशेषज्ञों अनुसार बिजाई से पहले गन्ने की पोरियों (बीज) को मैन्कोजेब (डाईथेन एम-45) के 0.25 प्रतिशत घोल में 4-5 मिनट तक डुबोकर उपचार करें। एक एकड़ की बिजाई करने के लिए पोरियों के उपचार के लिए 500 लीटर पानी में घोल तैयार करना होगा।

यह भी जानिए

Haryana Mosam Update बढ़ती गर्मी फसलों के लिए घातक, जानिए हरियाणा में कब होगी बारिश

किसान बीज उपचार करते समय यह भी ध्यान रखें कि हाथ में कोई कटाव या खरोंच ना हो। रबड़ आदि के दस्ताने (ग्लब्ज) पहनने चाहिए। दवाई के घोल से निकाली गई दो आखों वाली पोरियों को पहले तैयार दो फीट दूरी वाली कतारों में पांच पोरियां तथा 2.5 फीट दूरी वाली कतारों में सात पोरिया व तीन फीट वाली कतारों में 8 पोरियां प्रति मीटर रखें। बिजाई के बाद नमी संरक्षण के लिए भारी सुहागा भी लगाएं।


किसान गन्ने की बिजाई से पूर्व खेत को भी अच्छे से तैयार कर लें। जमीन के नीचे की सख्त सतह को तोड़ने के लिए 1.5 गुना 1.5 मीटर दूरी पर चिजलर (पलाऊ) को 1.5 फीट गहराई पर चार साल में एक बार जरूर चलाएं। इससे भूमि की भौतिक में काफी सुधार आता है। इसके बाद खेत को तैयार करने के लिए 2 बार हैरा, 2 बार कल्टीवेटर चलाएं और दो बार सुहागा लगाएं। खेत को इस तरह तैयार किया जाए कि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। गन्ने की बिजाई में लाइनों के बीच की दूरी 2-2.5 फीट हो, यदि गन्ने की फसल के बीच में किसी अन्य फसल की बिजाई करनी हो तो बिजाई तीन फीट पर करें।

यह भी जानिए

Haryana Mosam Update बढ़ती गर्मी गेहूं के लिए पैदा कर रही खतरा, किसानों के अरमानों पर फिर सकता है पानी


किसान बसंत कालीन गन्ने की बिजाई मध्य फरवरी से मार्च माह तक कर सकते हैं। जिन किसानों को गन्ने की बिजाई करनी है, वे बिना देरी किए खेतों को अच्छे से तैयार करके बिजाई करें।

डा. इंद्र सिंह, डीडीए, झज्जर।