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Haryana Mosam Update बढ़ती गर्मी गेहूं के लिए पैदा कर रही खतरा, किसानों के अरमानों पर फिर सकता है पानी

Haryana Mosam Updateहरियाणा में बढ़ती गर्मी इंसानों के साथ साथ फसलों को भी प्रभावित कर रही है। किसानों को डर है कि बढ़ती गर्मी कई उनके अरमानों को न झुलसा दे। पहले बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेरा था अब गर्मी भी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है।
 
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HR Breaking News, हिसार ब्यूरो, हरियाणा में इस बार गेहूं की फसल पर शुरू से ही मौसम ही मार रही है। सर्दियों में बेमौसम बरसात से गेहूं की फसल बहुत प्रभावित हुई। जलभराव होने से काफी किसानों को भारी नुकसान हुआ।

 

अब अचानक गरम मौसम व तेज हवाएं चलने से गेहूं की फसल को नुकसान है। इन दिनों किसान बेहद चिंतित हैं। अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए अधिकतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस चाहिए, जबकि इन दिनों तापमान बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।


कृषि विभाग के डीडीए जसविंद्र सैनी के मुताबिक ऐसा मौसम गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। जिले में करीब 87 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल है। जिसमें 40 प्रतिशत रकबे में पछेती किस्म की गेहूं खड़ी है।

 

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बढ़ते तापमान से उत्पादन होगा प्रभावित

गेहूं के लिए न्यूनतम तापमान आठ से दस डिग्री सेल्सियस अच्छा माना जाता है। इन दिनों न्यूनतम तापमान भी 19 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। यह बहुत ज्यादा है। फिलहाल न्यूनतम व अधिकतम तापमान में कमी आने की बजाय बढ़ोतरी की संभावना ज्यादा है। गेहूं सर्दी की फसल है। अंकुरण के दिनों में तापमान में बढोतरी गेहूं की फसल के लिए अच्छी नहीं है।

गेहूं में बालियां लगने के बाद तैयार होने के लिए समय चाहिए। बालियां आते ही तेज हवाएं व तापमान बढ़ जाए तो गेहूं की फसल के नुकसानदायक है। तापमान के कारण पौधा तेजी से बढ़ने के साथ बालियां जल्दी से पक जाती है। समय कम मिलने पर गेहूं की बालियां में दाने पतले रह जाते हैं। जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर बढ़ता है।

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मौसम पर नजर रखे किसान

कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि बढ़ते तापमान में किसान मौसम पर नजर बना कर रखें। फसल में हल्की सिंचाई कर सकते हैं। फसल में ज्यादा पानी होने से हवा के कारण जमीन पर गिर सकती हैं। पछेती फसल पर ज्यादा ध्यान देनी की जरूरत है।

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बरसात में ये हुआ था नुकसान

सर्दियों में बेमौसम बरसात से जिले में 11367 हेक्टेयर गेहूं की फसल खराब हुई। इनमें 25 से लेकर 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। सरस्वतीनगर में 2103.5 हेक्टेयर, रादौर में 1284 हेक्टेयर, जगाधरी में 991 हेक्टेयर, बिलासपुर में 3265 हेक्टेयर, प्रतापनगर में 890, साढौरा में 332.08 व छछरौली में 2501.6 हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुई है। बारिश होने पर जलभराव के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए 200 के करीब किसानों ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कार्यालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं।

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वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान संजू गुंदियाना का कहना है कि खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा होती जा रही हैं। लंबे समय से फसलों के समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। बरसात के कारण हुए नुकसान की स्पेशल गिरदावरी भी सरकार ने नहीं करवाई। किसान बहुत परेशान हैं।