Car Purchase Tips : कार खरीदने का है प्लान तो पहले जान लें बेस या टॉप वेरिएंट में से कौन सा खरीदना ज्यादा फायदेमंद
HR Breaking News, Digital Desk- कार निर्माता कंपनियों के द्वारा एक ही नाम से उस कार के अलग-अलग वेरिएंट लॉन्च किए जाते है। इसे समझने के लिए पहले आपको ये समझना होगा कि आखिर ये अलग-अलग वेरिएंट से हे क्या। अधिकतर वाहन निर्माता कंपनी किसी भी कार को अलग-अलग वेरिएंट (different car variants) के साथ लॉन्च करती है। अगर नॉर्मली देखा जाए तो देखने में सभी एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन फीचर्स और कीमत के मामले में इन में काफी अंतर होता है। क्या आप भी बेस और टॉप वेरिएंट को देखने के बाद यह तय नहीं कर पाते कि आखिर इनमें से कौन फायदे का सौदा है। अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी वेरिएंट्स के बीच अंतर जानने के बाद आपको गाड़ी खरीदने में काफी आसानी (car buying tips) होगी।
इसके साथ ही आप यह भी तय कर पाएंगे कि सभी मॉडलों में से कौन ज्यादा बेहतर है। आमतौर पर लोग टॉप वेरिएंट एक खरीदना चाहते हैं। लेकिन बहुत सारे मॉडल देखने के बाद उन्हें यह सुनिश्चित करना मुश्किल होता है कि कौन ज्यादा सही (car purchasing tips) है।
ये होता हैं बेस वेरिएंट
अगर आप नही जानते तो हम आपको बता दें कि कंपनी एक ही नाम से अलग-अलग कारें लॉन्च करती है। बेस वेरिएंट की कीमत (Base variant price) टॉप के मुकाबले कम होती है। सिर्फ इतना ही नहीं अन्य के मुकाबले इनमें फीचर्स भी काफी कम देखने को मिलती है। ऐसा नहीं है कि इन फीचर्स की वजह से गाड़ी चलाने में दिक्कत होती है। लेकिन इसके बिना भी आप किसी भी गाड़ी को बहुत ही आसानी से चला पाते हैं। इसके पीछे की वजह सभी वर्ग के लोगों के बीच अपनी गाड़ी की पहुंच बना पाना है। अधिकतर लोग खरीदना तो टॉप मॉडल चाहते हैं। लेकिन बेस वेरिएंट खरीदने के बाद भी आप इसमें अलग से काम करवा कर टॉप वेरिएंट (top variant of car) का मजा ले सकते हैं।
यहां जानें क्यों है कार के बेस वेरिएंट फुल पैसा वसूल
ये कहना गलत नही होगा कि बेस वेरिएंट खरीदना फुल पैसा वसूल (Buying the base variant is totally worth the money.) है। इसके पीछे की भी कई वजह है। दरअसल आप किसी भी कार को खरीदने के बाद इसमें अलग से काम करवा कर टॉप वेरिएंट की तरह लुक दे सकते हैं। वहीं अगर फीचर्स की बात करें तो बेस वेरिएंट्स में कुछ फीचर्स की कमी देखने को जरूर मिलती है। लेकिन इसे आफ्टरमार्केट गाड़ी में लगवा कर लाखों रुपये बचा सकते हैं। इसे अलग से लगवाने में कंपनी के मुकाबले काफी कम पैसे खर्च करने पड़ते हैं। यानी बेस वेरिएंट खरीद कर भी टॉप वेरिएंट का मजा ले सकते हैं।
कार के केवल टॉप वेरिएंट में ही मिलतें हैं ये खास फीचर्स
वैसे देखा जाए तो बेस वेरिएंट खरीदने के कई नुकसान भी हैं। आमतौर पर टॉप वेरिएंट कार (top variant car benefits) में 4 या 6 एयरबैग देखने को मिल जाती है। वहीं बेस वेरिएंट में इसे केवल ड्राइवर और आगे बैठने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए ही एयर बैग्स दिए जाते हैं। इसे अलग से फिटिंग करवाने पर कई बार दुर्घटना होने की स्थिति में समय पर इसे काम नहीं करने के कारण जान भी जा सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं टॉप मॉडल की तरह बेस वेरिएंट में डीआरएल, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, कीलेस एंट्री, डिफॉगर, और रियर वाइपर जैसे सुविधाएं नहीं मिलती (top variant car features) है।