Railway Facts : 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते TTE और TC में फर्क

रेलवे सफर के दौरान दो मुख्य चैकर TTE और TC अक्सर ट्रेन में देखे जा सकते है पर क्या आपको इन दोनों के बीच के अंतर का पता है, आज हम आपको इनके बारे में बताने जा रहे हैं 
 

HR Breaking News, New Delhi : हममें से ज्यादातर लोगों ने ट्रेनों में सफर किया होगा. लंबी दूरी के लिए ट्रेनों को सबसे ज्यादा किफायती और सुरक्षित माना जाता हैं. ट्रेन में सफर करना बेहद आरामदायक होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत ने अपने रेल नेटवर्क को इतना ज्यादा बड़ा कर लिया है कि वह दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बन चुका है. ट्रेन में सफर करते हुए आपका सामना अक्सर टीटीई (TTE) से हो जाता है. इनका काम रेल में यात्रा कर रहे लोगों के टिकट और आईडी चेक करना होता है. रेलवे के इन कर्मचारियों को टीटी, टीटीई या टीसी के नाम से पुकारा जाता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि टीटीई और टीसी के पोस्ट एक ही हैं लेकिन इनका काम एक दूसरे से अलग होता है.

कौन होते है टीटीई और टीसी?

रेलवे में यात्रा कर रहे लोगों के टिकट चेक करने वाले को टीटीई कहते हैं. इसके अलावा TTE ये भी चेक करता है कि कौन सा यात्री किस-सी सीट पर बैठा है? किस यात्री को सही जगह बैठाना है और ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों को किसी तरह की समस्या तो नहीं है! इन सभी कामों को टीईटी चेक करता है. टीसी का काम भी लगभाग टीटीई के जैसा होता है. इनके काम करने का दायरा थोड़ा सीमित होता है. ये ट्रेन में बैठे यात्रियों के टिकट नहीं चेक करते हैं बल्कि प्लेटफार्म पर घूम रहे यात्रियों का टिकट टीसी के द्वारा चेक किया जाता है यानी टीटीई ट्रेन में बैठे यात्रियों का टिकट देखता है जबकि टीसी का दायरा प्लेटफार्म तक होता है. यह दोनों लगभग एक ही तरह की पोस्ट हैं जिसका रैंक भी एक समान होता है.

जान लीजिए रेलवे की ये खासियत
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी दिल्ली का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भारत के सबसे अमीर रेलवे स्टेशनों में से एक है जो नॉन फेयर रेवेन्यू से मोटी कमाई करता है. भारत की करीब 1 फीसदी आबादी हर रोज ट्रेनों में सफर करती है. इसके अलावा 11 हजार ट्रेनें 60 हजार किलोमीटर के ट्रैक पर रोज दौड़ती हैं. रोजगार देने के मामले में भी रेलवे का कोई तोड़ नहीं है. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे में करीब 15.4 लाख लोग काम करते हैं.