Chanakya Niti: इन लक्षणों से पहचान कर सकते है धोखेबाज और स्वार्थी महिला की, बनाकर रखें दूरी
 

आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के युग में भी मनुष्य को सही मार्ग पर चलकर जीवन की चुनौतियों से लड़ने की सीख देती हैं। वहीं चाणक्य नीति शास्त्र में व्यक्ति के गुण-अवगुण को लेकर भी कई बातें बताई गयी हैं। चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य के ये लक्षण उसकी धोखेबाज प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। आइए जानते है किन लक्षणों से पहचान कर सकते है आप धोखेबाज और स्वार्थी लोगों की। 
 

HR Breaking News, Digital Desk- आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के गुणों और अवगुणों को लेकर बहुत सी बातें बताई हैं। चाणक्य नीति के अनुसार जहां एक गुणी, चतुर और ज्ञानी व्यक्ति का साथ आपके जीवन में बहुत मायने रखता है,

वहीं यदि किसी स्वार्थी और धोखेबाज इंसान से आपका पाला पड़ जाए तो वह आपको मुश्किल में डाल सकता है। ऐसे में अपने आसपास के लोगों की पहचान करने की सीख भी चाणक्य नीति देती है। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार किन लक्षणों से धोखेबाज इंसान का पता लगा सकते हैं.

चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग अपनी बातों को घुमा-फिराकर करते हैं, अक्सर देखा जाता है कि उन्हीं के मन में चोर होता है। ऐसे लोगों आपके सामने कुछ और बोलते हैं तथा पीठ पीछे अलग ही बात करते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। इन पर कभी भरोसा न करें। क्योंकि जो लोग सीधे और स्पष्ट तरीके से अपने मन की हर बात कहते हैं वह कभी किसी को धोखा नहीं दे सकते। यानी ऐसे लोगों का दिल साफ होता है। ऐसे व्यक्ति कभी भी अपने मित्र का अहित नहीं चाहते।


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक धोखेबाज व्यक्ति आपसे आवश्यकता के समय पैसे तो उधार ले लेता है परंतु जब लौटाने की बात आती है तो उसके पास टालने के कई बहाने भी होते हैं। ऐसे लोग बचने के लिए आपको नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं। इसलिए इन लोगों की नियत और स्वभाव को पहचानकर जितना जल्दी हो सके इनसे पीछा छुड़ा लें क्योंकि ये लोग आपको धोखा कभी भी दे सकते हैं और इनके कारण आप खुद मुसीबत में फंस जाते हैं।

अगर कोई व्यक्ति आपके काम के समय मदद करने में आनाकानी करता है तो समझ लीजिए कि ये लोग कभी भी आपके शुभचिंतक नहीं हो सकते। ये कभी भी मुसीबत के समय आपके काम नहीं आएंगे। ऐसे स्वार्थी और धोखेबाज लोग केवल अपनी भलाई ही सोचते हैं। इसलिए इन लोगों का साथ छोड़ने में ही समझदारी है।