Chanakya Niti: इन गुणों वाले लोग ही पहुंच पाते है सफलता के शिखर पर, जानिए कौन से है गुण अनिवार्य
HR Breaking News, Digital Desk- आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान होने के साथ एक अच्छे शिक्षक भी माने जाते हैं। आचार्य चाणक्य विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर आचार्य के पद पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया था। वे न सिर्फ एक कुशल कूटनीतिज्ञ बल्कि एक महान रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे।
आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में विषम से विषम परिस्थितियों का सामना किया था परंतु कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। अगर कोई व्यक्ति की आचार्य चाणक्य की बातों का अनुसरण अपने जीवन में करता है, तो वह जीवन में कभी गलती नहीं करेगा और सफल मुकाम पर पहुंच सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ विशेष गुण बताए हैं जो व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं और उसे सफलता के शिखर तक ले जाते हैं।
आइए जानते हैं क्या हैं वो विशेष गुण-
इंसान में हो मजबूत इरादा-
जिंदगी का हर दिन मुश्किल भरा होता है। जरूरी नहीं हम जैसे आज हैं वैसे ही कल भी हों। लेकिन जिस व्यक्ति का इरादा मजबूत होता है, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं होती। ऐसे लोगों की नजर सिर्फ अपनी मंजिल पर होती है। अक्सर मुश्किल समय व्यक्ति अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं,
इसका कारण सिर्फ यह है कि उनका इरादा मजबूत नहीं होता। आचार्य चाणक्य के अनुसार मजबूत इरादे वाले लोगों का तो मंजिलें भी रास्ता देखती हैं। मजबूत इरादे वाले इंसान ही मुश्किलों और परेशानियों से पार कर सफलता को प्राप्त करते हैं।
दानवीर व्यक्ति के पास नहीं होती धन की कमी-
दान का महत्व हर धर्म में बताया गया है। गुप्त दान (जिसका जिक्र न किया जाए) को सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है। जो दान बिना स्वार्थ के गुप्त रूप से किया जाता है वह बहुत ही पुण्य कारी माना जाता है। चाणक्य जी के अनुसार दान करने के वाले इंसान के ऊपर मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा रहती है। मंदिर में दान करना मनुष्य को संपन्नता और सुख- समृद्धि देता है। गरीब और असहाय मनुष्यों की मदद करने वाला मनुष्य भी जीवन में नाम और शौहरत प्राप्त करता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि घर में कोई जरूरतमंद व्यक्ति आता है तो उसे काभी भी खाली हाथ नहीं जानें दें।
धैर्यवान होना मनुष्य का सबसे बढ़िया गुण-
मनुष्य का सबसे विशेष गुण धैर्यता है लेकिन धैर्य रखना कोई सरल कार्य नहीं है। धैर्यवान होना एक अच्छी विशेषता है, जिसे हमें अवश्य ही विकसित करना चाहिए। धैर्यवान व्यक्ति का उद्देश्य लक्ष्य तक पहुंचना और ईश्वर द्वारा दी गई नियामतों से तालमेल बनाना है। कमजोर संकल्प व मनोबल के व्यक्ति बहुत जल्द मुसीबतों से घबरा जाते है और समस्याओं के सामने समर्पण कर देते हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक धैर्य मनुष्य का सबसे मूल्य होता है, जो उसे सफलता के शिखर तक ले जाता है। उनके अनुसार व्यक्ति को कठिन से कठिन में भी धीरज रखना चाहिए।
विनम्रता मनुष्य का बहुमूल्य आभूषण-
विनम्रता एक ऐसी खान है जिसमें सहनशीलता, दया, परोपकार, प्रसन्नता, प्यार, वाणी, सुव्यवहार, स्वभाव, आचरण, रूपी अनेक गुण समाहित होते हैं। इससे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकता है। इसलिए कहा गया है मनुष्य का बहुमूल्य आभूषण और शृंगार उसकी नम्रता का गुण है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक व्यक्ति के व्यक्तित्व को जानने की पहली सीढ़ी उसकी विनम्रता रूपी गुण होती है, तभी आगे व अन्य मानवीय गुणों को प्राप्त करेगा। अगर मनुष्य का स्वभाव विनम्र नहीं है तो वो सफल होकर भी ज्यादा दिनों तक सफलता के शीर्ष पर नहीं रहता।