Chanakya Niti : सिर्फ 10 सैकेंड में ऐसे पहचान सकते है इंसान का असली चेहरा
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि सिर्फ 10 सैकेंड में ऐसे पहचान सकते है आप सामने वाले इंसान का असली चेहरा। आइए जानते है आखिर वे कौन से तरीके है। जो आपके लिए मददगार साबित होंगे इंसान का असली चेहरा पहचानने में।
HR Breaking News, Digtal Desk- आचार्य चाणक्य बताते हैं कि महज 10 सैकेंड में आप सामने वाले इंसान का असली चेहरा पहचान सकते हैं. इसके लिए समुद्र शास्त्र के लिखित तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है.
बुरे वक्त में करें ये प्रयोग-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जैसे शुद्ध सोने की पहचान के लिए उसे घिसा, रगड़ा, तोड़ा और गर्म तक किया जाता है. वैसे ही दोस्त की पहचान बुरे वक्त में होती है. एक सच्चा दोस्त बिल्कुल श्रीकृष्ण की तरह रणभूमि में आपका साथ देगा.
कौन होता है विश्वासपात्र ?
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक आदर्श पत्नी की परख धन खत्म होने पर होती है. जैसे-माता सीता ने हर परिस्थिति में भगवान राम का साथ दिया. उनके साथ महारानी होने के बावजूद वनवास झेला. वो एक आदर्श पत्नी थी. जबकि मतलबी पत्नी धन खत्म हो जाने पर पति को छोड़कर भाग जाती है.
सांप के चरित्रवालें लोग-
चाणक्य नीति के अनुसार सांप से भरे घर में , हमेशा गुस्से में रहने वाली पत्नी, कपटी दोस्त और दगाबाज नौकर से दूर रहें, ये सब आपके जीवन को बर्बाद कर सकते हैं और आपके जीवन को खत्म तक कर सकते हैं.
मीठी-मीठी बातें करने वाले-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता से झूठ बोलने वालों पर आप कभी भी भरोसा मत करें. क्योंकि जो माता-पिता को धोखा देगा वो आपको भी धोखा दे सकता है. सामने मीठी-मीठी बातें कर, ऐसे लोगों मन ही मन आपको बर्बाद करने के बारे में सोचते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें.
साथ निभाने का दावा करने वाले लोग-
चाणक्य नीति के अनुसार सच्चा प्रेमी, वो होगा जो प्यार के लिए सब कुछ त्यागने को तैयार रहता है. जैसे-काली मधुमक्खी, मोटी से मोटी लकड़ी को भी भेद सकती है, लेकिन जब वो कमल के अंदर होती है, तो बिल्कुल शांत रहती है और कमल को नुकसान नहीं पहुंचाती.
गंदे दिमाग वालों से दूर रहें-
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि चंदन की लकड़ी को छोटे-छोटे पीस में काटने के बाद भी उसकी महक कम नहीं होती. हाथी बूढ़ा भी हो जाए तो भी वो हमेशा हाथी ही रहेगा, गन्ने की मिठास बार-बार निचोड़े जाने के बाद भी खत्म नहीं होती. वैसे ही ज्ञानी आदमी के जीवन में कितनी भी कठिनाई जा जाएं. वो कभी बुरे इंसान की तरह व्यवहार नहीं करेगा. बिल्कुल वैसे ही शराब के बर्तन को कितना ही धो लो. उसकी बदबू नहीं जाएगी या फिर कौए को कितना ही नहला लो वो साफ नहीं हो सकता है. वैसे ही गंदे दिमाग वाला आदमी बदला नहीं जा सकता, ऐसे लोग आपकी सोच को भी गंदा कर सकते हैं.
चरित्रवान इंसान दूर से दिख जाते हैं-
कीचड़ में खिले कमल की तरह ही, चरित्रवान इंसान दूर से दिख जाते हैं, उनका रहन-सहन, बात करने का तरीका, उनके मूल्य, उनसे बात करने पर पता चल जाते हैं.चरित्रवान इंसान गुलाब के फूल में कांटे के सामान सुंदर दिखता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान के कुल-धर्म और जाति के आधार पर नहीं बल्कि उसके कर्म के आधार पर उसकी पहचान होनी चाहिए.
जैसे-अगर कोई कौआ, पहाड़ पर बैठ जाते तो गिद्ध या बाज की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा, वैसे ही ऊंची पदवी हासिल करने से आप चरित्रवान नहीं हो जाते.