चाणक्य नीति: ये 4 पक्षी आपको दिखाएंगे सफलता की राह, जानिए इनकी खूबियां
 

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में 4 पक्षियों के बारे में जिक्र किया है। चाणक्य ने कहा है की इन 4 पक्षियों की गुणों को अपनाने से आप जीवन में कभी असफल नहीं होंगे। 

 

HR Breaking News (ब्यूरो) : आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के वचन हमेशा ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं. कहते है उनकी बातों का पालन करने से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. ऐसा भी कहा जाता है कि अगर मनुष्य आचार्य चाणक्‍य का नीतिशास्त्र जीवन में अपनाता है वह कभी नहीं हारता. 

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्यक्ति जीवों से भी बहुत कुछ सीख सकता है. कई ऐसे पक्षी हैं जो हमें जीवन को आसान बनाने के गुण सिखा सकते है. आइए जानते हैं कि किन पक्षियों के गुण अपनाकर आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं. 

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बगुला (Heron)


आचार्य चाणक्‍य कहते हैं हर व्यक्ति को अपनी इंद्रियों (senses) को काबू करना आना चाहिए, जैसे एक बगुला अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करना जानता है.  जैसे बगुला तालाब के किनारे चुपचाप, ध्यान से बैठा रहता है ताकि उसका शिकार उससे डरकर भाग न जाए. उसी प्रकार व्यक्ति को भी जीवन में शांत रहकर अपने लक्ष्य पर अपना सारा ध्यान लगाना चाहिए. ताकि सफलता उसे खुद ही मिल जाए. जो व्यक्ति अपने गुस्से और दिमाग पर काबू नहीं कर पाता वह हमेशा परेशान रहता है. इसलिए अपने  दिमाग को हमेशा शांत रखना चाहिए. यह आदत हमें बगुले से सीखनी चाहिए.

कोयल (Cuckoo) 

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कोयल अपनी सुरीली-मीठी आवाज के लिए जानी जाती है.आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि कोयल जैसी मधुर आवाज को अपनाकर व्यक्ति लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है.  मधुर आवाज का मतलब है कि किसी से चीखकर, गुस्से में नहीं बोलना चाहिए, बल्कि आराम से शांत होकर प्यार से बात करें. ऐसा करने से आप किसी को भी अपना बना  सकते हैं और सब आपसे बात करना चाहेंगे.


मुर्गा (Rooster) 


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति मुर्गे से भी कई अच्छी बातें सीख सकता है. जैसे मुर्गा सूर्योदय से पहले उठता है. उसी तरह लोगों को सुबह जल्‍दी उठना  जैसे मुर्गा आलस छोड़ कर जल्दी उठता है. अपने और अपने परिवार के लिए खाना ढूंढता है, उसी तरह व्यक्ति को भी यह आदत अपनानी चाहिए. हमें भी मुर्गों की तरह ल्दी हार नहीं माननी चाहिए और  उनसे सीख लेनी चाहिए.


कौवा (Crow) 

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आचार्य चाणक्‍य कौवे को बेहद चालाक पक्षी मानते थे. उनका मानना था कि जिस तरह से एक कौवा हर समय सतर्क और सावधान रहता है, उसी तरह मनुष्य को भी हमेशा सतर्क और सावधान रहना चाहिए. ताकि, व्यक्ति आने वाली परेशानियों और होने वाले नुकसान के लिए पहले से तैयार हो.