Employee News - हाईकोर्ट का कर्मचारियों के हित में आया बड़ा फैसला, अब इतनी बढ़ेगी तनख्वाह
 

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। हाईकोर्ट का बड़ा फैसला कर्मचारियों के हित में आया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2010 से पहले नियमों के तहत लगे सभी कर्मचारियों को यूजीसी पे स्केल के तहत वेतनमान उपलब्ध कराया जाए।
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- कर्मचारियों (Employees) के लिए अच्छी खबर है। दरअसल प्रदेश के शासकीय स्कूल में कार्यरत 6th pay commission कर्मचारियों को भी उसी की तर्ज पर वेतन मान (commission) उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में हाईकोर्ट ने कर्मचारियों (high court employees) को महत्वपूर्ण राहत दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2010 से पहले नियमों के तहत लगे सभी कर्मचारियों को यूजीसी पे स्केल के तहत वेतनमान उपलब्ध कराया जाए।

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों से भेदभाव नहीं किया जा सकता और समरूप वर्ग के कर्मचारियों को बराबर वेतनमान पाने का अधिकार है। इससे पहले हाई कोर्ट द्वारा 100 सहायक लाइब्रेरियन की याचिका को स्वीकार किया गया था।

जिसमें अदालत ने स्पष्ट किया है कि सामान्य कार्य का निर्वहन करने वाले कर्मचारियों को समान वेतन का भुगतान करने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्हें समान वेतन का लाभ दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं द्वारा 2002 में सहायक लाइब्रेरियन के 88 पद के लिए आवेदन किया गया था। जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया को असीमित समय के लिए टाला गया था।

वहीं साल 2009 में एक बार पुनः विज्ञापन जारी किया गया। जिसमें स्पष्ट किया गया कि 2002 में आवेदन करने वाले याचिकाकर्ताओं को दोबारा आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उनका चयन किया गया था। अनुबंध के आधार पर उन्हें नौकरी दिए जाने के बाद 2015 में इनकी सेवाओं को नियमित कर दिया गया।

अब कोर्ट में याचिकाकर्ताओं द्वारा आरोप लगाया गया है कि उन्हें वर्ष 2010 के बाद से यूजीसी की तर्ज पर वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है जबकि 2010 से पहले नियमित सभी कर्मचारियों को यूजीसी वेतनमान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं याचिकाकर्ताओं द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि उनकी भर्ती भर्ती और पदोन्नति नियम 2000 के तहत योग्यता और नियम के अनुरूप हुई है।

ऐसे में उन्हें भी समान वेतनमान का लाभ उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कोर्ट की ओर से याचिकाकर्ता की बात पर स्पष्टीकरण मिलने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के हित में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सरकार को आदेश दिए हैं कि इन्हें भी यूजीसी की तर्ज पर वेतनमान का लाभ दिया जाए।