Haryana news:5 दिन गर्भ में पड़ा रहा मरा हुआ नवजात,दर्द से तड़प रही महिला को देते रहे इंजेक्शन,17 साल बाद होनी थी संतान

Haryana news today:एक महिला के यहां 17 साल बाद किलकारी गूंजने वाली थी। सब कुछ सही चल रहा था। परिवार खुश था कि डेढ़ दशक बाद उनके आंगन में खुशियां आएगी।
 

लेकिन डॉक्टर की लापरवाही से महिला की जान पर बन आई। नवजात की गर्भ में ही मौत हो गई। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर महिला का इलाज करते रहे। 5 दिन तक मृत नवजात गर्भ में ही रहा।

डॉक्टर महिला को इंजेक्शन देते रहे। जब उसे जनाना अस्पताल लेकर आए तो इसका खुलासा हुआ। अब परिवार न्याय की मांग कर रहा है। मामला अलवर के काला कुआं की है।

5 दिन तक चलता रहा इलाज अलवर के काला कुआं निवासी सोनिया के गर्भ में 5 दिन तक नवजात मरा पड़ा रहा। जबकि पहले डॉक्टर कहते रहे कि सब कुछ स्वस्थ है 15 दिन बाद में बच्चा जन्म लेगा।

पीड़िता ने बताया कि 12 से 18 फरवरी तक काला कुआं अस्पताल आते रहे। डॉक्टर ने कहा सब कुछ ठीक है। बच्चा स्वस्थ होगा। कहीं कोई दिक्कत नहीं लग रही। 20 फरवरी तक काला कुआं सैटेलाइट अस्पताल में महिला को भर्ती कर दिया।

इसके बाद कहा कि पेट में नवजात उल्टा है। इसलिए जनाना अस्पताल ले जाए। महिला को जनाना अस्पताल लेकर आए। यहां महिला को प्रसव कराया गया। तब पता लगा नवजात 5 दिन से पेट में मरा था।

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जबकि काला कुआं हॉस्पिटल के डॉक्टर सब कुछ ठीक बता दर्द के इंजेक्शन देते रहे। महिला ने काला कुआं अस्पताल की डॉक्टर प्रगति व रुचि पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस मामले में सीएमएचओ के स्तर पर जांच शुरू की है।

अब मां चाहती है न्याय


वह मां अभी प्रसव पीड़ा से भी नहीं उभरी है और उसे 17 साल बाद बेटे के जन्म लेने की खुशियां छिन जाने का बड़ा दर्द मिल गया है। अब उसकी यही मांग है कि मेरा बेटा डॉक्टरों की लापरवाही से मरा है।

उसे न्याय चाहिए। इसके लिए वह कानूनी रूप से भी लड़ाई लड़ेगी। मेडिकल एक्सपर्ट के जानकारों का कहना है कि चार दिन तक पेट में बच्चा मरा पड़ा रहने से महिला की जान भी जा सकती थी।

सीएमएचओ बोले जांच कर रहे


इस मामले में सीएमएचओ डॉ ओपी मीणा का कहना है कि मामले की जांच कर रहे हैं। दोनों अस्पतालों से रिपोर्ट मंगा ली है। परिजन बता रहे हैं कि डॉक्टर की गंभीर लापरवाही रही है। पेट में ही बच्चा मर गया लेकिन डॉक्टरों ने सुध नहीं ली। जांच करने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।