घर बनाने का सामान हुआ बेहद सस्ता, चेक कर लें अपने शहर के रेट

Low price Sariya-Cement-Bricks:अब अपना घर बनाने के लिए सही समय का इंतजार खत्म हुआ. मकान निर्माण में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख निर्माण सामग्री की कीमतें, जो कुछ महीने पहले आसमान में थीं, हाल के दिनों में काफी कम हो गई हैं। सरिया की ही बात करें तो पिछले दो-तीन महीने में इसकी कीमत घटकर आधी हो गई है। जानें कीमत..
 

HR Breaking News, New Delhi: अपने सपनों का  घर बनाने का ख्वाब हर व्यक्ति का होता है। पर महंगाई के इस बारे में आम आदमी घर बनाना तो दूर इस बारे में सोचता भी नहीं है।  जी हां, अब यह सपना अब साकार हो सकता है। भवन बनाने में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री की बेहद गिरावट आई है। सबसे पहले, सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए स्टील पर निर्यात शुल्क बढ़ाया। इससे घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों की कीमतों में तेज गिरावट आई है।

 

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सरिया (Sariya) की कीमतों में गिरावट का यह मुख्य कारण है। बार(Bar) की कीमत लगातार घट रही है। सीमेंट(Cement), ईंटों(Bricks) के दाम भी कम हो रहे हैं। एक तरफ बढ़ती महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों की दोहरी मार झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है।


अब अपना घर बनाने के लिए सही समय का इंतजार खत्म हुआ. मकान निर्माण में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख निर्माण सामग्री की कीमतें, जो कुछ महीने पहले आसमान में थीं, हाल के दिनों में काफी कम हो गई हैं। लोहे की छड़ की ही बात करें तो पिछले दो-तीन महीने में इसकी कीमत घटकर आधी हो गई है।


इस सप्ताह भी सरिया के भाव में 1,100 रुपये प्रति टन तक की गिरावट आई है. इसके अलावा सीमेंट से लेकर ईंट-रेत तक की कीमतों में गिरावट आई है।
 

अब घरों के निर्माण में प्रयुक्त डिजाइन के कारण सरिया (Sariya), सीमेंट (Cement), बालू (रेता) और गिट्टी (बजरी) सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सामग्री हैं। आजकल घरों के निर्माण में फ्रेम संरचनाओं का उपयोग किया जाता है। अतीत में, मकान लोड-असर संरचना मॉडल पर बनाए जाते थे।

 

पुराने ढांचे में खंभे, बीम आदि नहीं थे। साथ ही छतें ढलाई की नहीं थीं। अभी खंभों से लेकर बीम तक और नींव से लेकर छत की ढलाई तक सबसे जरूरी चीज है बार। इससे घर मजबूत होता है। इन कारणों से पूर्व में निर्माण सामग्री के दाम गिरे हैं, कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए हैं।


जिससे निर्माण सामग्री की कीमतों में कमी आई है। सबसे पहले, सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए स्टील पर निर्यात शुल्क बढ़ाया। इससे घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों की कीमतों में तेज गिरावट आई है। बार कीमतों में गिरावट का यह मुख्य कारण है।

 

आकाश को छू रही महंगाई को घटाने के लिए सरकार ने Diesel और Petrol पर Tax भी Reduce दिया है. इससे परिवहन की लागत कम हुई है, जो लगभग हर चीज की लागत को कम करने में मददगार साबित हो रही है। इनके अलावा कुछ कारक भी अनुकूल होते हैं।

 

 

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बरसात का मौसम शुरू होते ही निर्माण कार्य कम होने लगता है, जिससे निर्माण सामग्री की मांग अपने आप घटने लगती है। रियल एस्टेट सेक्टर के खराब हालात भी इस बार साथ दे रहे हैं। इन कारणों से ईंट, सीमेंट, बार, यानी छड़, रेत जैसी चीजों की मांग निचले स्तर पर है। बार की कीमत इतनी गिर गई है।

इतना गिर चुका है सरिये का भाव

  • नवंबर 2021 : 70,000
  • दिसंबर 2021 : 75,000
  • जनवरी 2022 : 78,000
  • फरवरी 2022 : 82,000
  • मार्च 2022 : 83,000
  • अप्रैल 2022 : 78,000
  • मई 2022 (शुरुआत) : 71,000
  • मई 2022 (अंत): 62-63,000
  • जून 2022 (शुरुआत): 48-50,000
  • जून 2022 (09 जून): 47-48,000

भारत के प्रमुख शहरों में अभी सरिये का रेट

               शहर                   अधिकतम न्यूनतम

  • दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल):      45,300-44,200
  • कोलकाता (पश्चिम बंगाल):  45,800 -44,700
  • रायगढ़ (छत्तीसगढ़):        48,700-48,500
  • राउरकेला (ओडिशा):     50,000-49,500
  • नागपुर (महाराष्ट्र):      51,000-50,500
  • हैदराबाद (तेलंगाना): 52,000-52,000
  • जयपुर (राजस्थान): 52,200-52,700
  • भावनगर (गुजरात): 52,700-52,400
  • मुजफ्फरनगर (UP): 52,900-52,100
  • गाजियाबाद (UP): 53,000-53,400
  • इंदौर (मध्य प्रदेश): 53,500-53,700
  • गोवा:                       53,800-53,800
  • जालना (महाराष्ट्र): 54,000-53,800
  • मंडी गोविंदगढ़ (पंजाब): 54,300 53,800
  • चेन्नई (तमिलनाडु): 55,000-54,000
  • दिल्ली:                      55,000-54,700
  • मुंबई (महाराष्ट्र):    55,200-54,100
  • कानपुर (उत्तर प्रदेश): 57,000-56,100