ITR Filing Rules: नहीं छुपा पाओगे अपनी इनकम, जान लें ITR के नए रूल्स
HR Breaking News, New Delhi: वित्त वर्ष 2021-22 या AY 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2022 है. अगर आप डेडलाइन तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाते हैं, तो आपको देर से आईटीआर फाइल करते समय पेनाल्टी देनी होगी। हालांकि, कुछ ऐसे लोग हैं जो आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन समाप्त होने के बाद भी जुर्माना अदा किए बिना अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन से लोग हैं जो जुर्माना अदा किए बिना आईटीआर फाइल(ITR File) कर सकते हैं। इस बार से आईटीआर फाइलिंग के कुछ नियमों (ITR Filing Rules) में बदलाव किया है। आईटीआर भरने से पहले इन बदलावों के बारे में जान लेना जरूरी है, वर्ना हो सकता है कि आईटीआर भरने के बाद भी आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस (Income Tax Notice) मिल जाए।
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जानें क्या है एआईएस और टीआईएस
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में एआईएस (AIS) यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement) और टीआईएस (TIS) यानी टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (Taxpayer Information Summary) लॉन्च की है। डिपार्टमेंट ने इनकी शुरुआत आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल बनाने के लिए की है।
नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है। इनमें सेविंग अकाउंट से ब्याज के रूप में हुई कमाई (Saving Account Interest Income), रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम (Recurring and Fixed Deposit Income), डिविडेंड के रूप में मिले पैसे (Income From Dividend), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) समेत सिक्योरिटीज के लेन-देन से हुई आय, विदेश से मिले पैसे आदि शामिल हैं। आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टीआईएस की शुरुआत की है। इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्सेबल राशि (Taxable Amount) की एकमुश्त जानकारी मिल जाती है।
इस तरह आईटीआर फाइलिंग में मददगार
आम तौर पर लोग खासकर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 (Form-16) के आधार पर आईटीआर फाइल कर देता है। हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। एआईएस और टीआईएस यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है। एआईएस में आपको सैलरी सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत स्पेसिफाई किया गया है। मतलब इसमें हर उस इनकम की जानकारी मिलेगी, जो टैक्सेबल कैटेगरी का है। सरल शब्दों में कहें तो किसी एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के दौरान किए गए सारे वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) के डिटेल्ड स्टेटमेंट को एआईएस कह सकते हैं। टीआईएस इसी का सारांश होता है।
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जानें कैसे करें एआईएस/टीआईएस को डाउनलोड
- सबसे पहले इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएं।
- अब पैन नंबर (PAN Number), पासवर्ड की मदद से अपने अकाउंट में लॉग इन करें।
- ऊपर मेन्यू में सर्विसेज टैब पर जाएं।
- ड्रॉपडाउन में 'Annual Information Statement (AIS)' को सेलेक्ट करें।
- प्रोसीड पर क्लिक करते ही एक अलग वेबसाइट ओपन होगी।
- नई वेबसाइट पर AIS के ऑप्शन को सेलेक्ट करें
- में 'Annual Information Statement (AIS)' को सेलेक्ट करें।
- प्रोसीड पर क्लिक करते ही एक अलग वेबसाइट ओपन होगी।
- नई वेबसाइट पर AIS के ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
- अब आपको AIS और TIS दोनों डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा।
- आप AIS और TIS को PDF या JSON फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।