अमेरिका (America) यदि मदद करे तो CPEC को खत्म कर सकता है पाकिस्तान (Pakistan), चीन (China) पर अधिक निर्भरता है वजह

Report on CPEC : एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पर अधिक निर्भरता के लिए बढ़ते आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बीच पाकिस्तानी अफसर चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) को खत्म करने के लिए तैयार हैं। हालांकि उनकी शर्त है कि ऐसा तभी संभव है जब अमेरिका (America) इसी तरह के सौदे की पेशकश करे।
 
अमेरिका (America) यदि मदद करे तो CPEC को खत्म कर सकता है पाकिस्तान (Pakistan), चीन (China) पर अधिक निर्भरता है वजह

एशिया टाइम्स (Asia Times) ने अंदरूनी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि पश्चिमी देशों के प्रति संवेदनशील पाकिस्तानी अधिकारियों ने सीपीईसी को रद्द करने या किनारे करने की पेशकश की है, लेकिन वाशिंगटन को इसी तरह की वित्तीय सहायता की पेशकश करना होगी।

इसे देखते हुए लगता है कि इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) अमेरिका (America) के साथ रिश्तों को गर्म करने की कोशिश कर रही है। यहां तक कि अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के लिए वर्षों तक काम करने वाले पाकिस्तानी विश्लेषक मोईद यूसुफ को इमरान ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी नियुक्त किया है।

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हालांकि जुलाई 2019 में आईएमएफ के बेलआउट पैक्ज के अलावा उसे कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है। वहीं, पाक ने सीपीईसी के कर्ज के जाल में होने संबंधी खबरों को खारिज किया है।


 

अमेरिका ने वियतनाम युद्ध से कुछ नहीं सीखा : अल्वी
पाक एक तरफ अमेरिका से रिश्ते बढ़ाना चाहता है और दूसरी तरफ उस पर तंज कस रहा है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आश्चर्य जताया कि वाशिंगटन ने अतीत से कुछ नहीं सीखा और वह एक अन्य जाल में घिर गया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने वियतनाम युद्ध से कुछ भी सीखे बिना यूक्रेन संघर्ष में हाथ फंसाया है।

बता दें कि इसी बीच पीएम इमरान खान ने रूस का दौरा कर राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है। विश्लेषकों ने इस दौरे को बुरा वक्त और मूर्खतापूर्ण करार दिया है।

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