सरकार ने स्कूल खोलने का जल्द न लिया फैसला तो एसोसिएशन खुद लेगी कोई निर्णय

हरियाणा में स्कूल खोलने की मांग को लेकर वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 7 फरवरी तक या तो स्कूल खोलने के आदेश दिए जाएं वरना एसोसिएशन अपने स्तर पर कोई निर्णय ले सकती है। 
 

हरियाणा में 7 फरवरी से प्राइवेट स्कूल खुलने के आसार हैं। स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा ने खुद ही स्कूल खोलने को लेकर फैसला लेने की चेतावनी दी है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार शर्मा ने गुरुवार को चंडीगढ़ में बताया कि यदि सरकार ने जल्द ही स्कूल न खोले तो 7 फरवरी से प्राइवेट स्कूल अपने स्तर पर सभी कक्षाओं को खोलेंगे। स्कूल बंद करने के निर्णय से अभिभावक, अध्यापक और बच्चे सभी परेशान हैं।

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पिछले एक महीने से प्रदेशभर के सभी 90 विधायकों और 10 सांसदों को और उनके माध्यम से हरियाणा के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर स्कूल खोलने की मांग रख चुके हैं। ज्ञापन में एसोसिएशन ने स्कूल खोलने के लिए सभी वैज्ञानिक तथ्य रखे हैं। हमने स्कूल बंद रखने से बच्चों को होने वाले नुकसान के बारे में वर्ल्ड बैंक, यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट भी ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाई है।

बहुत सारी पंचायतों ने अपने स्तर पर स्कूल खोल भी दिए हैं। इन सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन हरियाणा के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से फिर से अनुरोध करता हूं कि सभी कक्षाएं खोली जाएं। यदि सरकार को लगता है कि कोरोना है तो बाजार भी बंद होना चाहिए। सब कुछ खोलकर सिर्फ स्कूलों को बंद रखना बिलकुल गलत है। पूरे देश में स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया है।

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134ए के लिए सरकार ने आज तक पोर्टल नहीं बनाया

राम अवतार शर्मा ने कहा कि 134ए के तहत पहली लिस्ट के दाखिले करवाते समय सरकार ने कहा था कि जल्द ही बकाया पैसों के भुगतान के लिए पोर्टल खोल दिया जाएगा। 134ए के तहत 9वीं से 12वीं कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों की फीस भी निर्धारित कर दी जाएगी।

स्कूलों ने सरकार के इसी आश्वासन पर दाखिले किए थे। लेकिन आज तक न तो सरकार ने पोर्टल बनाया है और न ही 9वीं से 12वीं कक्षाओं की फीस निर्धारित की है। अभी सरकार ने जो दूसरी लिस्ट जारी की है, एसोसिएशन उन बच्चों का दाखिला नहीं करेगी।

कांग्रेस ने पैसेंजर टैक्स माफ किया, भाजपा ने लागू किया

राम अवतार ने बताया कि एसोसिएशन ने कांग्रेस पार्टी की सरकार से लड़ाई लड़कर स्कूल बसों का पैसेंजर टैक्स माफ़ करवाया था। लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही फिर से पैसेंजर टैक्स लागू कर दिया गया। बच्चे कोई पैसेंजर नहीं होते। इसी तर्क के साथ हमने अनुरोध किया था कि स्कूल बसों का पैसेंजर टैक्स खत्म किया जाए।