Indian Ralway - इस ट्रेन में होगा ऑफिस-कैबिन जैसा मजा, लक्ष्य पुरा करने के लिए सुबह 7.30 से रात 2.00 बजे तक हो रहा काम 
 

यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए रेलवे ट्रेनों में अच्छी व सभी सुविधाओं देने के प्रयास में जोरो से लगा हुआ है। फिलहाल आज हम एक ऐसी ट्रेन की बात कर रहे है जिसमें यात्रियों को ऑफिस-कैबिन जैसा मजा मिलेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रेलवे में सुबह 7.30 से रात 2.00 बजे तक काम हो रहा है। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- पेरंबूर की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में वंदे भारत ट्रेन के 100 से ज्यादा कोच तैयार होने वाले हैं। चेयरकार के बाद अब स्लीपर कोच ट्रेनें भी पटरियों पर उतरने वाली हैं। इनकी डिजाइन तैयार है, बस बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है।

अगले दो साल में 115 वंदे भारत ट्रेन बनाने का लक्ष्य है। इनमें 75 चेयरकार और 40 स्लीपर है। ICF के जीएम और प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर एस. श्रीनिवास बताते हैं सभी ट्रेनें दो साल में बन जाएंगी। अप्रैल के बाद ये कपूरथला और रायबरेली में भी बनने लगेंगी।

बहरहाल, फैक्ट्री में सबसे आगे पार्ट्स के पार्सलों के ढेर हैं, जो दर्शाते हैं कि अंदर तेजी से काम जारी है। यहां रोज सुबह 7.30 से रात 2.00 बजे तक सैकड़ों इंजीनियर-टेक्नीशियन काम में जुटे हैं। फाइनल टेस्टिंग यूनिट में एक पूरी रैक तैयार खड़ी है। इसमें एक्सपर्ट पायलटों को संचालन की विधि समझा रहे हैं। कुछ लोग क्रेन से ट्रेन की छत को कोच की साइड-वॉल और बेस पर लगा रहे थे।

यूक्रेन से आ रहा वंदे भारत ट्रेन का पहिया-


यह असेंबल यूनिट है। यहां करीब 100 कोच तैयार हो रहे हैं। यहां काम कर रहे पब्लिसिटी इंस्पेक्टर इल्लीबाबू बताते हैं कि दूसरे हिस्से में फिनिशिंग चल रही है। यानी फर्श का कारपेट लग रहा है, खिड़कियां लग रही हैं, सेनेट्री की फिटिंग और वायरिंग हो रही है। फिनिशिंग यूनिट में भी 50 से ज्यादा कोच आखिरी चरण में चल रहे हैं। LHB के तीसरे हिस्से में यूक्रेन से आए चक्के बोगी पर लगे एक कतार में खड़े हैं।

वंदे भारत ट्रेन के पहिए यूक्रेन ही सप्लाई कर रहा है। वहां युद्ध के कारण ये चक्के कुछ महीनों के लिए अटक गए थे। इन्हें गाड़ियों से रोमानिया पहुंचाया गया, फिर एयरलिफ्ट कर भारत लाए गए।

नए फीचर: ड्राइवर ब्रेक लगाना भूल जाए तो सेंसर ट्रेन रुकवाएंगे-


- कवच सुधारा। खतरे में ड्राइवर ब्रेक लगाना भूल गया तो सेंसर खुद ही लगा देगा। मानवीय भूल की गुंजाइश कम होगी।
- इमरजेंसी टॉक सिस्टम से यात्री ड्राइवर से सीधे बात कर सकता है। पहले कोच के बाहर दो पॉइंट थे, अब 4 पॉइंट हैं।
- 180 किमी प्रतिघंटा रफ्तार की टेस्टिंग हो चुकी। अभी 160 पर चल रही है, पर पटरियों के कारण 130 की स्पीड है।
- ड्राइवर कैब से कोच और प्लेटफार्म पर नजर। सभी कोच में 6 CCTV कैमरे लग रहे।

पिछले शुक्रवार को PM मोदी ने अहमदाबाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंगाल में आयोजित कार्यक्रम में जुड़े। उन्होंने हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई।

कार्यक्रम में शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी की मां के निधन पर दुख जताया। पूरी खबर यहां पढ़ें...