My story : मैं मेरे पति के साथ बेडरूम में कर रही थी ये काम, पिताजी ने देख लिया सब
 

मेरी शादी को काफी समय हो चुका है। मैं मेरे पति से बहुत प्यार करती हूं। लेकिन मेरी कुछ गलतियों की वजह से उन्हें मुझे अपने बेडरूम से बाहर निकाल दिया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं

 

HR Breaking News (ब्यूरो)। मेरा एक शादीशुदा महिला हूं। मेरी शादी को कुछ दिनों पहले ही तीन साल हुए हैं। मैं अपने पति के साथ बेंगलुरु में रहती हूं। मेरी पति का चुनाव मेरे माता-पिता ने किया था। यही एक वजह भी है कि शादी से पहले मैं उनके बारे में बहुत सी बातें नहीं जानती थी। दरअसल, हमारे बीच शादी के तीन साल बाद भी पति-पत्नी वाला कोई रिश्ता नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे पति का बर्ताव मेरे प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। मैंने अपनी तरफ से उन्हें बदलने की बहुत कोशिश की है, लेकिन वह खुद को मेरे लिए नहीं बदल सके।

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दरअसल, मेरे पति का वजन 85 से 89 Kg के बीच है। ऐसे में जब मैंने उन्हें वजन कम करने के लिए कहा, तो हमारे बीच बहस होने लगी। हालांकि, मुझे उनके बढ़े हुए वजन से किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यह हमारी मैरिड लाइफ पर असर डाल रहा है। यही नहीं, मैं पूरा घर अकेले मैनेज करती हूं। मुझे उनसे किसी तरह की कोई हेल्प नहीं मिलती। हमारी शादी में तनाव चल ही रहा था कि एक दिन मेरी सास हमारे साथ रहने आ गई। मेरी सास के आने के बाद मेरे पति पूरी तरह से उनकी साइड हो गए।

वह मुझे छोटी-छोटी बातों पर सुनाने लगे। एक दिन इन सभी बातों को लेकर हमारे बीच झगड़ा बहुत ज्यादा बढ़ गया, जिसके बाद मेरे पति ने मुझे धोखे से मेरे मां-बाप के घर भेज दिया। इस दौरान मैंने उन्हें बहुत सारे फोन किए लेकिन उन्होंने मेरा एक भी फोन नहीं उठाया। ऐसे में जब मेरे पिता मुझे ससुराल छोड़ने आए, तब भी उन्होंने कोई बात नहीं की। मेरे पिता के सामने उन्होंने मुझे मेरे बेडरूम से बाहर निकाल दिया। मेरे पिता ने इस दौरान इसलिए कुछ नहीं बोल कि बात ज्यादा आगे बढ़ जाएगी। लेकिन यह सब यही खत्म नहीं हुआ। उन्होंने मुझे इससे भी ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। उनकी हरकतों से तंग आकर मैंने पुलिस में शिकायत कर दी। अभी केस शुरू नही हुआ है। मेरे मां-बाप मेरे साथ है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैंने सही किया या गलत? 

एक्सपर्ट का जवाब

प्रिडिक्शन फॉर सक्सेस के संस्थापक और रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता यूं ही टूटने की कगार पर नहीं पहुंचता। यह सब लंबे समय से चली आ रही घुटन का नतीजा होता है, जो उस एक पल का इंतजार करता है जब सब्र अपनी हद पर कर दे। यूं तो मैं हमेशा ही इस बात को तवज्जों को देता हूं कि रिश्ते में घुटन से अच्छा है कि उससे बाहर निकल जाना, लेकिन जब यह सब एक छोटे अंतराल में होता है, तो मुझे जल्दबाजी लगती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि गुस्से में इंसान गलत निर्णय ले लेता है। जब एक पार्टनर गुस्से में सही से सोच नहीं पा रहा है, तो दूसरे का फर्ज बनता है कि वह सयंम से काम ले। लेकिन जब दोनों ही लोग अपना धैर्य खो देते हैं, तो रिश्ते में न चाहते हुए भी दरार पड़ जाती है। वहीं इस दौरान पैरेंट्स आग में घी डालने का काम करते हैं। वह आपकी गलतियों को नहीं देखते हैं। उन्हें सामने वाला ही बुरा लगता है। लेकिन यह भी सच है कि जब रिश्ता टूट जाता है, तो वहीं मां-बाप आपको कसूरवार ठहरा देते हैं।

दोस्ती की कमी तो नहीं


जैसा कि आपने बताया कि शादी के तीन साल बाद भी आपके रिश्ते में प्यार नहीं है। ऐसे में मैं पहले यह पूछना चाहता हूं कि क्या इस रिश्ते में दोस्ती भी नहीं है? क्या ऐसा तो नहीं कि आप रिश्ते में सीधे प्यार चाहती हैं, जबकि आप दोनों के बीच अभी तक दोस्ती भी सही से नहीं हुई है? ऐसा इसलिए क्योंकि चीजों का एकदम से इतना ज्यादा बिगड़ जाना इस बात की तरफ इशारा करता है कि आप दोनों का रिश्ता बहुत ही कमजोर बुनियाद पर टिका हुआ है।

ऐसे में सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने रिश्ते को मजबूत बनाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी बुरे समय का भूचाल आएगा तब वह अपने साथ इस रिश्ते को बहा कर ले जाएगा। इतना ही नहीं, यहां मैं आपके पति के परिवार की भी गलती कहूंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वह जानबूझकर आप दोनों के रिश्ते में दूरियां पैदा कर रहे हैं।

जल्दबाजी में फैसला न लें

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जैसा कि आपने बताया कि आप अपने माता-पिता के साथ रह रही हैं, तो ऐसे में मैं यही कहूंगा कि कुछ दिन अपने मायके में ही रहें। वहीं रही बात केस की तो, उसमें देरी होना ही अच्छा है। मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप कार्यवाही न करें। इन सब चीजों को शिकायत तक ही सीमित रहने दें।

हो सकता है कि कुछ समय बाद जब आपके पति का गुस्सा शांत हो जाए, तो वह आपसे बात कर लें। आप चाहें तो इस मुद्दे से निपटने के लिए किसी मैरिज काउंसलर की मदद बी ले सकती हैं। जल्दबाजी में कोई भी फैसला न लें। हर रिश्ते में सुधार की गुंजाइश होती है।