Nitin Gadkari - राहत, देशभर में 30 प्रतिशत कम होगा बसों का किराया, नितिन गडकरी ने बताया प्लान

आम जनता के लिए बड़ी राहत। दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट ढांचे में डीजल ईंधन का इस्तेमाल घटाने पर जोर दिया है. जिसके तहत देशभर में 30 प्रतिशत कम होगा बसों का किराया.

 

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट ढांचे में डीजल ईंधन का इस्तेमाल घटाने पर जोर दिया है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि बिजली से चलने वाली बसों (Electric Buses) के यात्री टिकट डीजल चालित बसों के मुकाबले 30 फीसदी सस्ते हो सकते हैं.

महंगे डीजल से चलती हैं परिवहन निगम की बसें-


गडकरी ने सोमवार को इंदौर में कहा कि देशभर के राज्यों के सड़क परिवहन निगम कभी फायदे में नहीं आ सकते क्योंकि इनकी बसें महंगे डीजल से चलती हैं. उन्होंने कहा,‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ बोल रहा हूं कि बिजली से चलने वाली एसी बस के यात्री टिकट डीजल से चलने वाली बस के मुकाबले 30 फीसदी तक आसानी से सस्ते हो सकते हैं.’’

देश में 50 हजार बिजली से चलने वाली बसें चलाने की योजना-


गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार पूरे देश में 50 हजार बिजली चालित बसें चलाने की योजना पर आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश के परिवहन तंत्र को दूरदर्शी सोच के साथ बदलने की जरूरत है. गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के बजाय बिजली, ग्रीन हाइड्रोजन, एथनॉल, बायो-सीएनजी और बायो-एलएनजी सरीखे सस्ते ईंधनों के इस्तेमाल को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाना चाहिए.’’

गडकरी ने मध्य प्रदेश में 2,300 करोड़ रुपये की रोड प्रोजक्ट्स की नींव रखी-


गडकरी ने कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश में 2,300 करोड़ रुपये की लागत वाली 5 रोड प्रोजक्ट्स की नींव रखी. अधिकारियों के मुताबिक, इन प्रोजक्ट्स से महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों से मध्य प्रदेश के सड़क संपर्क में सुधार होगा तथा रोजगारऔर निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे.

20 फ्लाईओवर के निर्माण को दी मंजूरी-


गडकरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मांग पर इंदौर, भोपाल, सागर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, खंडवा, धार, छतरपुर और विदिशा में कुल 20 फ्लाईओवर के निर्माण को मंजूरी की घोषणा भी की. गडकरी ने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मध्यप्रदेश के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत कर चुका है और 2024 समाप्त होने के पहले यह आंकड़ा बढ़कर चार लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.