PF Account : अभी करले ये काम नहीं तो PF अकाउंट से नहीं निकलेंगे पैसे, मेहनत हो जायगी बर्बाद
HR Breaking News, New Delhi : अगर आप रिटायर हो गए हैं या नौकरी छोड़ दी है, तो तीन साल के अंदर पीएफ खाते (PF Account) से पैसा निकाल लें। ऐसा नहीं करने पर आपका पीएफ खाता इनएक्टिव हो सकता है। एक मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने कुछ इसी तरह का फैसला दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसले में कहा है कि रिटायर होने वाला या विदेश में स्थायी रूप से बस जाने वाला कर्मचारी तीन साल तक अपने पीएफ अकाउंट से पैसा नहीं निकालता, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही कर्मचारी के खाते में इस पीरियड का ब्याज भी नहीं दिया जाएगा। दरअसल, एक शख्स ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि उसे 2017 से 2021 तक का पीएफ का ब्याज (PF Interest) दिलवाया जाए। इस पर कोर्ट ने मांग नामंजूर करते हुए कहा कि शख्स 2006 में रिटायर हो गया था। उसने रिटायरमेंट के 3 साल के अंदर विड्रॉल (PF Withdrawl) के लिए अप्लाई नहीं किया। ऐसे में उसे 2017 से 2021 तक का ब्याज नहीं दिया जा सकता।
कब इनएक्टिव हो जाता है पीएफ खाता
रिटायरमेंट या विदेश में स्थायी रूप से बस जाने या कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में इस तरह के मामले सामने आते हैं। जब पीएफ खाते में तीन साल तक कोई योगदान नहीं किया जाए, तो उसे एक निष्क्रिय खाता माना जाता है। इस समय कर्मचारी की 58 वर्ष की आयु तक ब्याज दिया जाता है। आप इस आयु तक पहुंच जाएंगे, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा।
इनएक्टिव खाते से इस तरह निकालें रकम
ईपीएफओ मेंबर अपने पीएफ खाते को दोबारा एक्टिव भी करवा सकते हैं। इसके लिए आपको ईपीएफओ के ऑफिस में आवेदन देना होगा। निष्क्रिय पीएफ खातों (Inactive PF account) से संबंधित क्लेम को निपटाने के लिए उस क्लेम को कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा सर्टिफाइड किया जाना जरूरी होता है। अगर कंपनी बंद हो चुकी है और क्लेम सर्टिफाइड करने के लिए कोई नहीं है, तो ऐसे क्लेम को बैंक केवाईसी दस्तावेजों के आधार पर सर्टिफाई करते हैं। केवाईसी दस्तावेजों में आपको आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, पैन कार्ड, राशन कार्ड, ईएसआई आइडेंटिटी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ सकती है।
लेनी होती है मंजूरी
अगर पीएफ खाते में 50 हजार रुपये से अधिक की रकम है, तो यह पैसा असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर की मंजूरी के बाद निकलता है। 25 हजार रुपए से अधिक और 50 हजार रुपए से कम रकम होने पर अकाउंट ऑफिसर की मंजूरी लेनी होती है। वहीं, पीएफ की रकम 25 हजार रुपए से कम है, तो निकासी के लिए डीलिंग असिस्टेंट मंजूरी दे सकते हैं।
कितना कटता है टीडीएस
मान लीजिए किसी कर्मचारी ने 5 साल से कम जॉब की है और पीएफ राशि 50,000 रुपये से अधिक है। ऐसे में पीएफ से पैसा निकालने पर ब्याज की राशि से 10 फीसदी टीडीएस की कटौती होगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी ने 5 साल लगातार नौकरी की है, तो ईपीएफ में योगदान नहीं करने की तारीख से लेकर निकासी के समय तक के लिए आप ब्याज पाने के योग्य होंगे। हालांकि, इस ब्याज पर टैक्स देना होगा। यहां आपकी नौकरी के दौरान की ब्याज आय टैक्स फ्री रहती है।