Pension: कर्मचारियों की EPF पेंशन लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, जानें पूरा मामला
EPF Pension: सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ(EPFO) की ओर से कर्मचारी पेंशन के लिए कुछ प्रदेशों की चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानें पूरी जानकारी..
HR Breaking News, New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में वीरवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से कुछ राज्यों की चुनौती देने वाली अपीलों पर सुनवाई हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल, राजस्थान और दिल्ली हाईकोर्ट(Kerala, Rajasthan and Delhi High Court) के उन फैसलों को चुनौती देने वाली अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। दरअसल, कर्मचारी पेंशन(Employee Pension) (संशोधन) योजना, 2014 को रद्द कर दिया था। इस योजना में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन की सीमा 15 हजार रुपये तय की गई थी।
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EPFO की याचिका कर दिया गया था खारिज
गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ईपीएफओ की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं खारिज करने के अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार का निर्णय लिया और इस मामले में दोबारा सुनवाई की बात कही। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्यों हो रहा है विवाद
दरअसल, कर्मचारियों के लिए अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15 हजार रुपये प्रति माह तक सीमित है। यानी किसी कर्मचारी की सैलरी जो भी हो लेकिन उसके पेंशन की गणना सिर्फ 15 हजार रुपये के हिसाब से तय की जाएगी। फिलहाल इस सीमा को हटाने का मामला कोर्ट में चल रहा है।
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इस मुद्दे को इस तरह से समझा जा सकता है। जब हम कहीं जॉब जॉइन करते हैं। और हमारा ईपीएफओ(EPFO) अकाउंट खुल जाता है। काम करने वाला कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी ईपीएफ(EPF) के रूप में जमा करता है। इसके बदले उसकी कंपनी भी उसे उतनी ही रकम देती है। लेकिन इस रकम का सिर्फ 8.33 प्रतिशत हिस्सा ही जाता है। ऐसे में अगर 15 हजार की सीमा हटा दी जाती है और आपका मूल वेतन 20 हजार रुपये हो जाता है तो पेंशन की राशि भी बढ़ जाएगी।