Vidur Niti: इन लोगों से मित्रता करने पर मिलता है धोखा, संकट के समय नहीं आते हैं काम

विदुर नीति लोगों को अच्छे कर्म करने औरधर्म कर मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है. विदुर नीति उन व्यक्तियों के बारे में भी बताती है जो मित्रता के काबिल होते हैं.

 

HR Breaking News, Digital Desk- महात्मा विदुर महाभारत के लोकप्रिय पात्रों में से एक थे. महात्मा विदुर ने विकट परिस्थितियों में भी सत्य और ईमानदारी का मार्ग नहीं छोड़ा. उन्हें धर्मराज का अवतार माना गया है. महात्मा विदुर महान विद्वान और दूरदर्शी व्यक्ति थे. उन्हें हस्तिनापुर का महामंत्री नियुक्त किया गया था.

महाराजा धृतराष्ट्र को जब भी किसी गूढ़ विषय पर चर्चा करनी होती थी, तो वे महात्मा विदुर से ही सलाह करते थे. महाभारत युद्ध के पहले उन्होंने महाराजा धृतराष्ट्र के साथ हर विषयों पर संवाद और वार्तालाप किया. उनके इन्हीं वार्तालाप को विदुर नीति कहा गया.

महात्मा विदुर ने अपनी इस नीति में जीवन के लिए अनेक उपयोगी बातों का वर्णन किया है. विदुर नीति में निहित उनकी शिक्षाएं आज मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं. विदुर नीति में उन्होंने ऐसे लोगों के बारे में बताया है कि व्यक्ति को किस तरह के लोगों से भूलकर भी मित्रता नहीं करनी चाहिये.

कपटी लोगों से न करें मित्रता-

विदुर नीति के अनुसार, ऐसे लगों से मित्रता भूलकर भी नहीं करनी चाहिए जिन लोगों के अंदर छल कपट भरा हुआ हो. जो लोग कपटी लोगों से मित्रता कर लेते हैं, उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है तथा वे हमेशा परेशानी उठाते हैं. विदुर नीति के अनुसार कपटी मित्र वे होते हैं जो हमेशा झूठी तारीफ़ करते हैं. वे गलत कामों को भी सही बताते हैं.


कपटी मित्र अपने स्वार्थ के कारण मित्रता करते हैं. वे बुरा वक्त आने पर वैसे ही साथ छोड़कर भाग जाते हैं, जैसे नाव में पानी घुसते ही चूहे भाग जाते हैं.  जबकि सच्चा मित्र बुरे वक्त पर भी दीवाल की तरह साथ में खड़ा होता है. वह आपके दुःख में दुखी होता है.   

कपटी मित्र आपको संकट में घिरा देखकर प्रसन्न होगा और आपका परिहास भी करेगा. विदुर नीति के अनुसार भूलकर भी कपटी लोगों से मित्रता नहीं करनी चाहिए. ये संकट आने पर सबसे पहले भागते हैं.