UP में बनेगा 700 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे, इन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा

new expressway : राज्य की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए सड़क कनेक्टिविटी सबसे अहम होती है। इस मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन राज्य है। यूपी की सड़क कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के लिए सरकार अब 700 किलोमीटर लंबा एक नया एक्सप्रेसवे बनाने वाली है। चलि नीचे खबर में जानते हैं किन जिलों से होकर गुजरेगा या नया एक्सप्रेसवे। 

 

HR Breaking News - (UP new expressway)। उत्तर प्रदेश तेजी से विकसित होता हुआ राज्य है। राज्य में सरकार कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। लोगों को बेहतर आवासीय सुविधा देने के लिए नए शहर बसाए जा रहे हैं और सफर को आसान करने के लिए नए एक्सप्रेसवे बनाने का काम भी तेजी पर है। ‌अब यूपी वालों के लिए एक गुड न्यूज़ है। दरअसल, सरकार ने प्रदेश में नया एक्सप्रेसवे (new expressway) बनाने का ऐलान किया है। प्रदेश के लिए यह एक्सप्रेसवे खास होगा। 


दो बड़े राज्यों को जोड़ेगा नया एक्सप्रेसवे - 


उत्तर प्रदेश में सड़क और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और अब इस कड़ी में गोरखपुर से शामली होते हुए हरियाणा के पानीपत तक एक नया एक्सप्रेसवे (new expressway up) बनाने की तैयारी जोरों शोरों पर है।

 


इस दिन से बनना शुरू होगा एक्सप्रेसवे -

 


इस नए एक्सप्रेसवे (UP new expressway) के बनाने का प्रमुख उद्देश्य पूर्व उत्तर प्रदेश को हरियाणा के साथ जोड़ना है। पानीपत में कपड़ा, फर्नीचर, कृषि और पेपर जैसे अनेकों उद्योग मौजूद हैं। इन उद्योगों में उत्तर प्रदेश के लोग बड़े पैमाने पर रोजगार करते हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच नया एक्सप्रेसवे बनने से व्यापार परिवहन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह नया एक्सप्रेसवे NHAI द्वारा बनाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2026 में शुरू हो सकता है। एक्सप्रेसवे (expressway News) को 4 लेन बनाया जाएगा भविष्य में इसे 8 लेने किया जा सकता है। बता दें कि इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 700 किलोमीटर होगी। 

इन जलों से होकर गुजरेगा नया एक्सप्रेसवे - 

यह एक्सप्रेसवे  सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, अमरोहा, बरेली और मुरादाबाद जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इसका ज्यादातर हिस्सा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (Greenfield Corridor) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से कई गांव  के विकास को गति मिलेगी। इसके अलावा कई जगहों पर प्रॉपर्टी के रेट भी बढ़ सकते हैं। 

 


NHAI के उप महाप्रबंधक अंकित वर्मा के मुताबिक, एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे (Access-Controlled Expressway) होने के कारण इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की आशंका काफी कम होगी, क्योंकि अनधिकृत वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इससे सड़क सुरक्षा में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।

 


 
डीपीआर (DPR) में सड़क के संरेखण, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण सुरक्षा और आवश्यक शर्तों का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, पेड़ों की कटाई कम से कम करने, यातायात दबाव का आकलन करने और प्रमुख मार्गों को जोड़ने जैसे पहलुओं पर प्राथमिकता दी जा रही है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में राज्य सरकार, एनएचएआई को सहयोग प्रदान करेगी।