Uttar Pradesh में एक्सप्रेसवे किनारे बसाया जाएगा नया शहर, 4000 हेक्टेयर में होगा विकास, 3 कंपनियों ने किया क्वालिफाई

Uttar Pradesh New city : यूपी में अब नए-नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही अब नया शहर बसाने को लेकर चर्चांए हो रही है। सरकार की ओर से अब प्रदेश में एक्सप्रेसवे किनारे एक नया शहर बसाए जाने का प्लान तैयार किया गया है। इस नए शहर का 4000 हेक्टेयर में विकास किया जाएग। इस नए शहर (Uttar Pradesh New city )  को तैयार करने का जिम्मा लेने के लिए 3 कंपनियों ने क्वालिफाई कर लिया है।

 

HR Breaking News (Uttar Pradesh) योगी सरकार की ओर से यूपी के विकास के लिए नई-नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है और अब यूपी में एक्सप्रेसवे किनारे एक नया शहर बसाए जाने की मंजूरी मिल गई है। सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत 4000 हेक्टेयर में इस नए शहर का विकास किया जाएगा। इस नए शहर का मास्टर प्लान (Master plan of new city) तैयार करने के लिए 3 कंपनियों ने क्वालिफाई कर लिया है। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

 

 

इन कंपनियों ने दिया गठित कमेटी के समक्ष प्रेजेंटेशन 


 प्राधिकरण के एक अधिकारी का कहना है कि फेज-2 के तहत हाथरस की मास्टर प्लान (New Hathras master plan) की तैयार के लिए तीन कंपनियों की ओर से अप्लाई किया गया था। इन कंपनियों में आरवी इंजीनियरिंग कंसल्टेंट लिमिटेड, गरुणा यूएसबी सॉफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शामिल है और एलईए एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का नाम है, जिन्होंने सीईओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन दिया था, और प्रेजेंटेशन में इन तीनों कंपनियों ने क्वालिफाई कर लिया है।

वित्तीय बिड प्रोसेस के तहत कंपनी का चयन 


अब प्राधिकरण वित्तीय बिड प्रोसेस (Financial Bid Process) के तहत किसी एक कंपनी का चुनाव करेगी, ये कंपनी पहले सिर्फ 4000 हेक्टेयर का मास्टर प्लान तैयार करेगी, जो यमुना एक्सप्रेसवे के पास है। प्राधिकरण के मुताबिक शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक ही औद्योगिक गतिविधियों को कराया जाना चाहिए, उसके बाद आगे का प्रोसेस किया जाएगा।

यूपी में बसेगी ये स्मार्ट सिटी 


दरअसल, अब प्रदेश में अर्बन सेंटर यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के पास ही नया हाथरस शहर बसाए जाने का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। शहर के मास्टर प्लान 2041 के लिए टेक्निकल बिड में तीन कंपनियों की ओर से क्विलफाई किया गया है और अब जो कंपनी वित्तीय बिड (financial bid kya hai) में क्वालिफाई करती है, वो इस नए शहर का मास्टर प्लान तैयार करेगी।

हाथरस जिले का इतिहास 


बता दें कि ब्रिटिश काल में ऐतिहासिक रूप से हाथरस एक बड़ा औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के तौर पर उभरा है। हालांकि जैसे-जैसे समय बीतता गया है। वैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं की कमी के चलते समय के साथ ही इसका महत्व कम होता गया। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अभी फिलहाल में हाथरस जिले में एमएसएमई और कुटीर उद्योग प्रमुख हैं। इस समय में हाथरस जिले में तकरीबन 10,293 उद्योग (Industries in Hathras district) रजिस्ट्रड हैं।

अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के इतने गांव है शामिल 


हाथरस जिले में उद्योगों (Industries in Hathras district) का ज्यादातर हिस्सा क्लस्टर के रूप में विकसित है और जो उद्योग है, वो कम इन्वेस्टमेंट में बढ़िया रोजगार देते हैं। जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के कुल 358 गांव का नाम शामिल है। अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले हाथरस में सड़क कनेक्टिविटी बेहतर है।

इंटरनल कनेक्टिविटी को बनाया जाएगा बेहतर 


जानकारी के लिए बता दें कि यूपी (UP new Hi-tch city) के इस नए शहर का एनएच 93 और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से एसएच 33 से कनेक्शन है और साथ ही हाथरस पर दो रेल लाइनें मिलती है। हालांकि इसकी कुछ कमियां भी है, लेकिन आगामी समय में इंटरनल कनेक्टिविटी को ओर बेहतर बनाया जा सकता है। अभी तो  इस शहर में आंतरिक सड़कों का अभाव है। इसके साथ ही पर्याप्त बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज आदि सुविधाएं नहीं है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं व मनोरंजन की सुविधाओं की भी यहां कमी है।

यमुना एक्सप्रेसवे के पास बसेगा ये शहर 


हाथरस जिले में वर्तमान में जो मौजूद उद्योग  है। वो कुछ इस प्रकार है। जैसे कि इकाई कांच की चूडियां निर्माण के 3300 उघोग है और घुंघरू निर्माण के 3124 उघोग है। वहीं, होजरी एवं कपड़ा के लगभग 1600 उघोग है। हस्तशिल्प के कुल 850 और कोल्ड स्टोरेज के 140 उघोग हैं। इसके साथ ही यहां पर धातु शिल्प के 85 रंग और डाई के  40 उघोग व दाल मिल के लगभग 35, हींग के निर्माण के 32 उघोगा और आयुर्वेदिक दवा के  30, अचार के 16 और बोटलिंग प्लांट व डेयरी के कुल 03 उघोग शामिल है। अभी शुरुआत में तो ये नया शहर (UP Ka Nya Seher) यमुना एक्सप्रेसवे के पास ही बसाया जाएगा।