Astrology : बिल्ली रास्ता काट ले तो क्या करें, जानिए इसके पीछे का राज

हिंदू धर्म में बिल्ली के रास्ता काटने पर बहुत अपशगुन माना जाता है। बिल्ली के रास्ता क्रॉस करने पर लोग थोड़ी देर रूककर उस रास्ते का पार करते हैं। क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का अंधविश्वास।

 

HR Breaking News, Digital Desk- आमतौर पर देखा जाता है कि यदि बिल्‍ली रास्‍ता काट दे तो लोग रुक जाते हैं या अपना रास्‍ता बदल देते हैं. इसके पीछे वजह है कि लोग बिल्‍ली के रास्‍ता काटने को अशुभ मानते हैं. माना जाता है कि कहीं जाते समय बिल्ली रास्ता काट जाए तो अपशगुन होता है. इस कारण लोग थोड़ी देर ठहरकर आगे बढ़ते हैं. वहीं दुनिया के कुछ देशों में बिल्‍ली को गुडलक की निशानी माना जाता है इसलिए लोग अपने घर में बिल्लियां पालते हैं. यदि आप भी बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुक जाते हैं या दूसरा रास्‍ता इख्तियार कर लेते हैं तो इसके पीछे जुड़े अंधविश्‍वास की बजाय वैज्ञानिक कारण भी जान लें. 

बिल्ली के रास्‍ता काटने पर रुकना केवल अंधविश्‍वास है?

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प्राचीन समय में माना जाता था कि बिल्‍ली के घर में आने से नकारात्‍मक ऊर्जा आती है. दरअसल बिल्‍ली, चूहे समेत कई कीड़े-मकोड़े खाती है, जिससे उसके घर में आने और यहां-वहां घूमने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. इसलिए लोग बिल्‍ली से दूरी बनाना ही पसंद करते थे. लिहाजा यह धारणा धीरे-धीरे इस अंधविश्‍वास में बदल गई कि बिल्‍ली के रास्‍ता काटने से अपशगुन होता है. 

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जबकि प्‍लेग महामारी से बचने के लिए बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकने का नियम बनाया गया था. दरअसल बिल्‍ली, चूहे खाती है और प्‍लेग की बीमारी चूहों से फैलती है. ऐसे में जिस जगह बिल्‍ली होगी, वहां प्‍लेग का संक्रमण फैलने का खतरा रहता था. इसलिए कहा गया कि जहां बिल्‍ली हो, उस जगह जाने से थोड़ी देर के लिए बचना चाहिए.
 

लिहाजा बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर रुकने का यह वैज्ञानिक कारण समय के साथ अंधविश्‍वास बन गया. इसके अलावा पहले के समय में जब बिजली नहीं था, तब किसी भी जानवर के रास्‍ते से गुजरने के दौरान लोग थोड़ी देर रुक जाते थे, ताकि वह जानवर आराम से रास्‍ता पार कर ले और किसी को उससे नुकसान भी ना पहुंचे.