Chanakya Niti : शादी के बाद पुरुष क्यों ढूंढ़ने लगते हैं दूसरी औरतें, चाणक्य नीति में बताए गए हैं ये 4 कारण
HR Breaking News (ब्यूरो): आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र (Chanakya ki Niti) में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, परिवार, समाज के साथ ही कई मुद्दों पर नियम बताये हैं। ये सभी नियम वर्तमान समय में कठोर भी हैं और प्रांसगिंक भी। इसमें बताया गया है कि आखिर क्यों पुरुष का अपनी पत्नी से मोहभंग होता है और क्यों वो दूसरी औरत के प्रति सम्मोहित हो जाता है। शादी के बाद स्त्री-पुरुष का किसी अन्य के प्रति आकर्षित होने सामान्य बात है। ये गलत नहीं है, लेकिन जब ये आकर्षण प्रशंसा से कहीं आगे बढ़ जाए तो नया रिश्ता बनता है, जो हमारे समाज में स्वीकार्य नहीं है। ऐसा बना नया रिश्ता पुराने से पुराने से पुराने प्रेम संबंध और शादी को तोड़ने की क्षमता रखता है।
सबसे पहले वाणी में मधुरता की कमी होना
चाणक्य नीति के अनुसार समय के साथ साथ वैवाहिक रिश्ते में कड़वाहट की वजह वाणी की मधुरता में कमी होना होती है। ऐसे में घर की स्त्री हो या फिर पुरुष, घर के बाहर वो मधुरता तलाशने लगते हैं, बस यहीं से परेशानी शुरू होती है। एक वैवाहिक रिश्ते में दूसरे सुखों के साथ ही मानसिक सुख भी मायने रखता है, जिसकी कमी रिश्ते तोड़ देती है।
आकर्षण की कमी
जब पति पत्नी एक दूसरे पर ध्यान नहीं देते या फिर एक दूसरे को पूरा समय नहीं देते या फिर सिर्फ एक दूसरे की कमियों को गिनाते रहते हैं तो ऐसे में रिश्तों में खटास पैदा होने लगती है। ऐसे में पति, अपनी पत्नी की जगह किसी और स्त्री की तरफ आकर्षित हो जाता है।
भरोसे की कमी
ये सभी को पता है कि वैवाहिक जीवन की सबसे बड़ी ताकत ही भरोसा है। अगर स्त्री ये भरोसा तोड़ती है तो पुरुष और अगर पुरुष ये भरोसा तोड़ता है तो स्त्री, घर के बाहर रिश्तों की तलाश करने लगती है। अपनी जरुरतों के लिए ऐसे स्त्री पुरुष एक्ट्रा मैरिटल अफेयर में कहीं आगे बढ़ जाते हैं।
संतान की नई जिम्मेदारी
शादीशुदा जिंदगी में पति पत्नी के बीच सन्तान के होने के बाद कभी कभी रिश्तों में बदलाव आ जाता है। स्त्री पुरुष एक दूसरे के साथ वक्त नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में चंचल स्वभाव वाले पुरुष घर से बाहर अन्य के प्रति आकर्षित हो जाते हैं और यहीं से एक्ट्रा मैरिटल अफेयर की शुरुआत होती है।
आचार्य चाणक्य ने इसके आलवा नीति शास्त्र में स्त्री-पुरुष के लिए कड़े नियम बताएं, जिनका पालन नहीं करने पर जिंदगी बर्बाद हो सकती है। चाणकय ने बताया है कि पति की 3 तरह की मांग को हमेशा पत्नी को पूरा करना चाहिए और ऐसा नहीं करने पर शादीशुदा जिंदगी खराब हो सकती है।
पति की उदासी करनी चाहिए दूर
आचार्य चाणक्य के अनुसार , पति-पत्नी को एक दूसरे के सुख-दुख का ख्याल रखना चाहिए। नीति शास्त्र (Chanakya Niti) में कहा गया है कि पति की सभी चीजों का ध्यान रखना पत्नी का पहला कर्तव्य होता है और पति जब कभी भी उदास हो तो उसे तुरंत मनाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपका रिश्ता खराब हो सकता है। इसलिए, पति की उदासी का कारण पता करें और उसे हर हाल में दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
पति के प्रेम की चाहत जरूर करें पूरा
पत्नी को हमेशा पति के प्रति अपना प्रेम जाहिर करनी चाहिए और पत्नी को अपने पति के प्रेम की चाहत को पूरा करना चाहिए। जब पति-पत्नी के बीच प्रेम नहीं होता तब लड़ाई झगड़े होते हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अगर पति की प्रेम की चाहत हो तो पत्नी को उसे प्रेम से संतुष्ट करना पत्नी का कर्तव्य है।
वैवाहिक जीवन में कभी ना आने दे दरार
चाणक्य नीति के अनुसार (Acharya Chanakya) के अनुसार, एक खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच प्रेम का होना बहुत ही जरूरी है। पति-पत्नी के बीच प्यार नहीं होने पर मैरिड लाइफ खराफ हो जाती है और परिवार बिखर जाता है। पत्नी का कर्तव्य है कि वो वैवाहिक जीवन में कभी भी दरार न आने दे।
इस बात में कोई दोराय नहीं कि खुशहाल जीवन के लिए लाइफपार्टनर का अच्छा होना बहुत जरूरी है। यही कारण है कि शादी से पहले व्यक्ति की हर तरह से जांच पड़ताल कर ली जाती है। लेकिन ज्यादातर शादियां लड़के के पैसे और लड़की की खूबसूरती से ही तय होती हैं। जिसका परिणाम आज किसी से छिपा नहीं है। इसके कारण ही लगातार तलाक और एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर के मामलों में बढ़ौतरी हो रही है। ऐसा माना जाता है कि एक स्त्री अपने गुणों से किसी भी घर को स्वर्ग या नरक बना सकती है। यदि गहराई से इस बात को सोचा जाए तो इसमें बहुत सत्यता दिखती है। यह बात तब और पक्की हो जाती है, जब आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र (Chanakya Niti) स्त्री के ऐसे गुणों का वर्णन मिलता है जो पुरुष की सोई किस्मत भी जगा सकती है। आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए अच्छी पत्नी के ऐसे ही कुछ गुण यहां हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
जो मन से शांत हो
चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो औरत मन से शांत हो वह किसी भी परिस्थिति में क्रोध नहीं करती है। वो जगह और समय के हिसाब से सोच समझकर कार्य करने में सक्षम होती है। ऐसी औरत अपने पति के जीवन को भी आसान बना देती है।
धैर्यवान हो
यह कहा जाता है कि जल्दबाजी का काम शैतान का होता है और इसमें गड़बड़ी की संभावना भी बहुत अधिक होती है। लेकिन धैर्य से काम करने वाला व्यक्ति खराब से खराब स्थिति में भी बहुत ही उच्च कोटी का काम करता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य धैर्यवान औरत से शादी करने की सलाह देते हैं। क्योंकि पुरुष के घर परिवार को चलाने की अहम जिम्मेदारी उसकी पत्नी पर ही होती है।
कहा जाता है कि पत्नी गुणवान हो तो वह एक बिगड़े हुए आदमी को भी सुधार देती है, उसकी असफलताओं को सफलता में बदलने की ताकत रखती है। लेकिन, यदि पत्नी का स्वभाव इसके विपरीत हो तो इसका परिणाम परिवार को भुगतना पड़ सकता है। ऐसे स्थिति में खुद पति भी कभी अपने जीवन में सुख का अनुभव नहीं कर पाता है।
महान कूटनीतिक और दार्शनिक आचार्य चाणक्य के नीतियों के संग्रह पुस्तक चाणक्य नीति में भी इस बात का जिक्र मिलता है, कि यदि पत्नी में पतन करने वाले गुण हो तो उसे छोड़ देने में ही भलाई है। खराब औरत की पहचान आप नीचे बताए गए लक्षणों से कर सकते हैं।
जो औरत सोच-विचार कर न बोलती हो
आचार्य चाणक्य के अनुसार अनुसार, ऐसी पत्नी के त्याग को सही माना गया है, जिसका अपनी वाणी पर वश न हो और जो बहुत कठोर शब्दों का प्रयोग करती हो। क्योंकि ऐसे लोग कुछ भी बोल देते हैं, जिससे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। साथ ही इस तरह के लोग किसी दूसरे की भावना की चिंता नहीं करते हैं।
जब बात को बिना समझे गुस्सा करे
गुस्सा आना इंसान की प्रकृति है लेकिन जब कोई इससे ग्रसित होता है, तो वो अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी कष्टदायक बना देता है। इसलिए चाणक्य नीति में कहा गया है, कि जिस पत्नी का स्वभाव गुस्सैल होता है, उसे अपने और अपने परिवार की खुशियों के लिए छोड़ना ही बेहतर है।
घर का माहौल रखे खराब
चाणक्य नीति के अनुसार घर में अशांति करने वाली पत्नी के साथ जीवन कभी भी सुखदायी नहीं बन पाता है। उसके इस गुण का परिणाम पूरी पीढ़ी को भुगतना पड़ता है क्योंकि ऐसी औरते अपने बच्चों को भी अच्छे गुण नहीं दे पाती हैं। इसलिए ऐसी औरत से दूरी बनाने में ही भलाई है।