UP में नए शहर के प्लान में आया चेंज, अब 13 गांवों की जगह 20 गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण
New City In UP : हाल ही में यूपी सरकार ने यूपी में एक और नए शहर का निर्माण का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार 13 गांव की भूमि का अधिग्रहण करने वाली थी। हालांकि अब योगी सरकार (Yogi Goverment) ने अपने प्लान में बदलाव कर दिया है। अब सरकार शहर का निर्माण के लिए 20 गांव की भूमि का अधिग्रहण करने वाली है। आइए जानते हैं इन नए शहरों के बारे में पूरी जानकारी।
HR Breaking News (UP Goverment)। लगातार बढ़ रही आबादी की वजह से योगी सरकार यूपी में एक और नए शहर को बसाने की तैयारी कर रही है। योगी सरकार ने यूपी में एक नये शहर को बसाने की तैयारी कर दी है।
यूपी के इस नए शहर को बसाने के लिए सरकार ने भूमि अधिग्रहण (Land acquisition in UP) की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। पहले सरकार ने इसके लिए 13 गांव की भूमि को अधिग्रहित करने का प्लान किया था, लेकिन अब सरकार ने प्लान में बदलाव कर दिया है। अब सरकार 20 गांव की भूमि का अधिग्रहण करने वाली है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
यहां पर होगा नए शहर का निर्माण
गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र में बसने वाले इस नए शहर का नाम 'ग्रेटर गाजियाबाद' (Greater Ghaziabad) होने वाला है। जोकि अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सुव्यवस्थित प्रशासन और रोजगार के नए अवसरों से सुसज्जित होने वाला है।
यह प्रोजेक्ट दिल्ली–NCR में शहरीकरण (Urbanisation in Delhi–NCR) और स्मार्ट सिटी की अवधारणा को नई दिशा देने में कारिगर साबित होने वाला है।
13 गांवों को किया जाएगा शामिल
ग्रेटर गाजियाबाद का दायरा बड़ा रखा गया है। पहले सिर्फ 13 गांवों को शामिल करने की योजना बनाई गई थी। हालांकि हालिया सर्वेक्षण के बाद इसे बढ़ाकर लगभग 20 गांव तक कर दिया गया है।
प्रस्तावित शहर (City in UP) में 175 वार्ड बनाए जाने वाले हैं। इसमें मुरादनगर के साथ-साथ खोड़ा, लोनी और डासना नगर पंचायत जैसे इलाके भी जुड़ने वाला है।
प्रशासनिक ढांचे को मिली मजबूती
नए शहर के प्रशासनिक ढांचे को और भी ज्यादा मजबूत और पारदर्शी बनाने वाला है। योजना के मुताबिक, ग्रेटर गाजियाबाद (Ghaziabad Project) कमिश्नरेट सिस्टम के तहत संचालित होने वाला है।
इसका नेतृत्व सचिव स्तर के अधिकारी करने वाले हैं। शहर को तीन ज़ोन में बांटा जाएगा और प्रत्येक ज़ोन का जिम्मा एक आईएएस अधिकारी द्वारा संभाला जाने वाला है। इससे प्रशासनिक कामकाज (Administrative Functions) अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी होने वाला है।
मास्टर प्लान 2031 के तहत होने वाला है विकास
ग्रेटर गाजियाबाद प्रोजेक्ट को गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर के 2031 मास्टर प्लान (UP master plan) में शामिल किया जाने वाला है। जिला प्रशासन मौजूदा सड़क नेटवर्क और विकास क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सीमाओं को तय किया जा रहा है। मास्टर प्लान (master plan For UP) के अंतर्गत आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाने वाली है।
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार की उम्मीदें
इस नए शहर में रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर (Development plans) पर बड़ा निवेश किया जाने वाला है। बेहतर सड़क नेटवर्क, अंडरपास, सार्वजनिक परिवहन, रेल स्टॉपेज, बिजली–पानी की स्मार्ट सुविधाएं और आधुनिक शहरी ढांचा तैयार होने वाला है।
अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में ग्रेटर गाजियाबाद (Greater Ghaziabad Project) न सिर्फ NCR के लिए, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए रोल मॉडल स्मार्ट सिटी बनकर सामने आने वाला है।
अंतिम चरण में सर्वे और रिपोर्ट
सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्रों का सर्वे कार्य लगभग पूरा कर चुके हैं और रिपोर्ट अब अंतिम चरण पर पहुंच गई है। सीमांकन के बाद शहर के प्रशासनिक ढांचे और विकास योजनाओं (Development plans) को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाने वाली है।
भविष्य का स्मार्ट सिटी हब बनेगा दिल्ली
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ग्रेटर गाजियाबाद का गठन, दिल्ली–NCR में बढ़ती आबादी और अव्यवस्थित शहरीकरण (Urbanization in UP) को संतुलित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आ रहा है। यह शहर आधुनिक तकनीक, रोजगार, आवास और सुगम यातायात का केंद्र बनने वाला है।
ग्रेटर गाजियाबाद के रुप में होगी पहचान
यूपी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना (UP Scheme) के सफल क्रियान्वयन के बाद ग्रेटर गाजियाबाद सिर्फ एक नया शहर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के शहरी विकास की एक नई पहचान बनकर सामने आने वाला है।