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UP Land Acquisition : यूपी में बनेगा नया इंडस्ट्रियल हब, 900 एकड़ भूमि का किया जाएगा अधिग्रहण

UP News : यूपी हर दिन तरक्की कर रहा है। बीते कुछ  दिनों यहां कई नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। अब इसी बीच एक खबर सामने आई है, जिसके तहत यूपी में जल्द ही नया इंडस्ट्रियल हब बनाया जाने वाला है और इस इंडस्ट्रियल हब (UP Land Acquisition) को बनाने के लिए 900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। आइए खबर में जानते हैं कि यूपी का ये नया इंडस्ट्रियल हब कहां बनने वाला है।
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UP Land Acquisition : यूपी में बनेगा नया इंडस्ट्रियल हब, 900 एकड़ भूमि का किया जाएगा अधिग्रहण

HR Breaking News - (UP Land Acquisition) यूपी में अब नए  इंडस्ट्रियल हब को बनाने को लेकर चर्चा कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर तैयारी चल रही है। यूपी में बनने वाले इस नए इंडस्ट्रियल हब के लिए 900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस नए इंडस्ट्रियल हब (UP New industrial hubs) के निर्माण से सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होगा। आइए खबर में जानते हैं इस इंडस्ट्रियल हब के बारे में।


किसानों ने दी भूमि अधिग्रहण के लिए रजामंदी 


यूपी सरकार के इस प्रोजेक्ट (UP Land Acquisition )के लिए किसानों और अधिकारियों के बीच मुआवजे की दर तय हो चुकी है। हालांकि इसे लेकर पहले असहमति थी पर अब 900 किसानों ने भूमि अधिग्रहण के लिए रजामंदी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए 750 एकड़ भूमि का अधिग्रहण (Acquisition of land) सुगम हो गया है और प्रशासन आगे की कार्यवाही करेगा। औद्योगिक क्षेत्र में उद्यम लगाने के लिए जमीन की कमी पर गौर करते हुए शासन ने क्षेत्र से जुड़े चार गांवों की जमीनों के अधिग्रहण का प्रोसेस शुरू कर दिया था, जिसके तहत किसानों से सहमति-पत्र फिल कराए जा रहे हैं और अब तक 75 प्रतिशत किसान सहमति-पत्र दे चुके हैं। 

किन किसानों को किया गया शामिल


यूपी सरकार (UP Government) द्वारा उद्यम लगाने के लिए कई प्लान दिए गए हैं, जिसके तहत बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र के सभी फेज में जमीन मौजुद न होने के चलते यूपीसीडा कानपुर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा जनवरी 2024 को जारी पत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तारीकरण (expansion of industrial area) के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के दिशानिर्देश जिलाधिकारी के जरिए तहसील प्रशासन को प्राप्त हुआ है। इसमे ग्राम रैसों, बघुआमऊ, जमसारा समोधा के किसानों को शामल या गया है।

अधिकारी और किसानों ने रखी अपनी बात


दरअसल, आपको बता दें कि 15 मार्च 2025 को यूपीसीडा (UPSIDA)के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की मौजूदगी में नई तहसील स्थित सभागार में किसानों के साथ बैठक आयोजित हुई थी। इन अधिकारियों में चर्चित गौड़, आरएम अजय दीप, तहसीलदार निखिलेश तथा एसडीएम डा. अरुणिमा श्रीवास्तव का नाम शामिल है। इस बैठक में किसानों ने कहा कि स्थानीय बाजार मूल्य करीब एक करोड़ 50 प्रति बीघा है तो हम सर्किल रेट (circle rate)पर अपनी ये किफायती जमीनें क्यों देंगे, जबकि अधिकारियों ने कहा कि चारों गांवों का सर्किल रेट अलग-अलग तय किया गया है।

लंबी वार्तालाप के बाद भी नहीं जताई सहमति


जमीनों के अनुसार ही किसानों को मुआवजा (compensation to land farmers) दिया जाएगा। जबकि किसान यह चाह रहे थे कि चारों गांवों की जमीनों का बाजार मूल्य के दोगुना सभी को एक जैसा ही मूल्य दिया जाए। सीडा अधिकारी ने किसानों की मांगों को लेकर आपत्ति जताई थे। किसानों व अधिकारियों के बीच लंबी वार्तालाप होने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई थी।


तहसील प्रशासन (Tehsil Administration)की ओर से अपने स्तर से किसानों से लगातार बातचीत करता रहता था, जिसके तहत रैसों, बघुआमऊ, जमसारा व समोधा के 1,200 किसानों के सापेक्ष 900 किसानों ने भूमि अधिग्रहण किए जाने की परमिशन दे दी हैं। बता दें कि इन किसानों की तकरीबन 750 एकड़ भूमि है।

क्या कहता है भूमि अधिग्रहण अधिनियम 


भूमि का अधिग्रहण (Acquisition of land)वाले क्षेत्र  के प्रभावित किसानों में से 70 प्रतिशत किसान लिखित रूप से जमीन देने के लिए रजामंद नहीं थे, उस समय में सरकार जमीनों का अधिग्रहण (Jamino Ka Adhigrahan)नहीं कर सकती, जब तक चारों गांवों के तकरीबन 75 प्रतिशत किसान लिखित रूप से सहमति दे चुके हैं, इस वजह से भूमि अधिग्रहण की राह आसान हो गई है।


सुत्रो के मुताबिक रैसों, बघुआमऊ, जमसारा व समोधा गांवो के 1,200 किसानों की 750 एकड भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए इससे जुड़े सभी गांवों में शिविर लगाकर किसानों से सहमति ली जा चुकी है, इससे तकरीबन 75 प्रतिशत यानि 900 किसानों ने लिखित रूप में सहमति दे दी है। इसके बाद आगे का प्रोसेस होगा।