Electricity Bill: यूपी में बिजली चोरों पर अब चलेगा सरकार का डंडा, बिजली विभाग ने कर दिया यह कड़ा इंतजाम
Electricity theft Rules: बिजली चोरी करने के लिए लोग अलग अलग तरीके अपनाते है। आजकल जो तरीका काफी प्रचलन में है वो है बिजली मीटर से छेद-छाड़ (Bijli meter)। लेकिन आपको बता दें, अब ऐसे लोगों पर सरकार अपना शिकंजा कसने वाली है। निगम के अधिकारियों के अनुसार यह बदलाव एक जून से लागू कर दिए गए हैं। कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये (bijli meter fraud) गलतियां। आइए खबर में विस्तार से जानते है-
HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। बिलिंग व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और उपभोक्ताओं का ब्योरा जुटाने के लिए बिलिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है। असिस्टेंट बिलिंग एप (Assistant Billing App) के जरिये अब बिल के साथ ही उपभोक्ता की मीटर व केबल की स्थिति, सप्लाई और रीडिंग आदि पांच बिंदुओं की जानकारी सीधे पावर कारपोरेशन के पास पहुंचेगी। इससे पहले उपभोक्ता की जानकारी संबंधित क्षेत्र के एसडीओ( bijli bill payment) के पास आती थी और वहां से उच्च अधिकारियों के माध्यम से पावर कारपोरेशन पहुंच रही थी।
असिस्टेंट बिलिंग एप
बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार असिस्टेंट बिलिंग (electricity bill payment by app) किए गए बदलाव एक जून से लागू कर दिए गए हैं। मीटर रीडर उपभोक्ता की रीडिंग लेकर बनाएगा। फिर विभागीय कर्मचारी मौके का मुआयना करके (electricity meter) मीटर की स्थिति, बिजली की डिमांड, बिजली का उपयोग कामर्शियल या घरेलू, केबल की स्थिति, मौजूदा लोड आदि पांच बिंदुओं को एप पर दर्ज करके सीधे पावर कारपोरेशन को भेजेंगे।
कारपोरेशन एप से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही तय करेगा। मीटर रीडरों के साथ विभाग की ओर से तकनीकी, गैर-तकनीकी, टीजी-2 और संविदा Electricity bill online) समेत 600 कर्मचारियों को लगाया गया है। सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर असिस्टेंट मीटर ऐप डाउनलोड कराया है। कर्मचारियों की कमी (how to use assistant meter app) से जूझ रहे अधिकारियों को नए फरमान ने चिंता में डाल दिया है, क्योंकि इसमें शत प्रतिशत असिस्टेंट रीडिंग के निर्देश दिए गए हैं। असिस्टेंट बिलिंग को एप में संशोधन के साथ शुरू कर दिया है। अब उपभोक्ता की डिटेल सीधे पावर कारपोरेशन जाएगी।