एनएच-44 और एनएच-48 पर बनाया जाएगा ई-ट्रक चार्जिंग स्टेशन, होगा ट्रक चालकों को फायदा

charging station :अब एनएच-44 और एनएच-48 पर ई ट्रक चार्जिंग स्टेशन को बनाया जाने वाला है। ई-ट्रकों की वजह से मालभाड़ा भी कम होने वाली है। इन हाईवे पर 250 ई-ट्रक चार्जिंग स्टेशन बनाये जाएंगे। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।

 

HR Breaking News : लगातार बढ़ रही महंगाई का प्रभाव डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर भी देखा जा रहा है। डीजल और पेट्रोल की कीमतों में तेजी आने की वजह से ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी कर रहे हैं। इस वजह से हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन भी बनाये जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।

 

 

चार्जिंग सेंटर होंगे स्थापित 

गांव पांची गुजरान में उत्तर भारत का पहला ट्रक-ट्रेलर बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग सेंटर शुरू होने के बाद डीआईसीटी ने आने वाले एक साल की अपनी रणनीति साझा की है। डीआईसीटी (DICT) एक साल में देश के दो अति व्यस्त हाईवे को ई-हाईवे पर शिफ्ट करने वाली है। NH-44 और NH-48 पर 250 से अधिक ट्रक-ट्रेलर बैटरी स्वैपिंग (Truck-trailer battery swapping) एवं चार्जिंग सेंटर स्थापित किये जाने वाले हैं।

लाजिस्टिक कास्ट करने की प्लानिंग  

पांची गुजरान के स्टेशन पर शुरुआत में 115 ई-ट्रकों की फ्लीट शुरू कर दी गई है। एक साल में यहां 150 ट्रकों की एक और फ्लीट शुरू किये जाने वाले हैं। आने वाले एक साल में पेट्रोल पंपों (petrol pumps) की तरह इन सेंटरों का नेटवर्क खड़ा किया जाने वाला है। राष्ट्रीय मंत्री ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर में निजी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा कर शुरू लाजिस्टिक कास्ट करने की योजना का ऐलान किया जा रहा है। ई-ट्रकों का यूज बढ़ाकर देश में मालभाड़ा कम करने और प्रदूषण को कम करने की योजना पर सरकार काम कर रही है।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक बड़ा कदम 

दिल्ली इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (Delhi International Container Terminal) के एजीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि डीआइसीटी ने सोनीपत के पांची गुजरान में ट्रक-ट्रेलर बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग सेंटर शुरू कर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांति व बदलाव की शुरुआत हो जाती है। आईसीटी ने सहयोग से 115 ई-ट्रकों की फ्लीट शुरू कर दी है। यहां पर इन ट्रक-ट्रेलरों के लिए बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग सेंटर शुरू किये गए है।


डीआइसीटी ने दी जानकारी 

डीआइसीटी (DICT) अगले एक साल में दिल्ली से जम्मू-कश्मीर तक जाने वाले एनएच-44 व दिल्ली से चेन्नई तक जाने वाले एनएच-48 पर 250 ट्रक-ट्रेलर बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग सेंटर शुरू करने वाली है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले सोनीपत के 50 किलोमीटर के दायरे में करनाल, पानीपत, गाजियाबाद, गुरुग्राम, पटौदी में सेंटर शुरू करने के लिए जमीन देखी जा रही है। इसके बाद दिल्ली से चेन्नई तक जा रहे NH-48 पर सात राज्यों में पेट्रोप पंपों की तरह ट्रक-ट्रेलर बैटरी स्वैपिंग (Truck-trailer battery swapping) एवं चार्जिंग सेंटरों का नेटवर्क शुरू किये जाने वाले हैं।

लाजिस्टिक कोस्ट घटाने की हुई तैयारी 

ई-ट्रक अपनाकर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में लाजिस्टिक कोस्ट घटाने और ट्रांसपोर्टर व आमजन को लाभ पहुंचाने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है। डीजल चालित ट्रक 100 रुपये में तीन किलोमीटर चलता है और भारी प्रदूषण की वजह भी बनता है, वहीं बैटरी चालित ट्रक 12 रुपये में तीन किलोमीटर चलने वाला है और ऊपर से इससे किसी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होगा। इस बैटरी सेटअप से कोई ट्रक या ट्रेलर 40 टल माल लेकर 180 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है। इसके बाद बैटरी स्वैप को चार्ज करना पड़ेगा या इसे स्वैप करना पड़ेगा।

ई-ट्रक उतरेंगे सड़क पर 

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल एक-दो कंपनियां ही जो ई-ट्रक-ट्रेलर (E-Truck-Trailer) लेकर आई हैं। ट्रांसपोर्टरों व लोगों का भला जब होगा तक ई-ट्रक बनाने के लिए बड़ी कंपनियों के बीच स्पर्धा शुरू होने वाली है। फिलहान ईआइएम ने ई-ट्रक सड़क पर उतारे हैं। जब टाटा, वोल्वो, अशोक लेलैंड व अन्य कंपनियां भी ई-ट्रक को बनाएंगी, तब ट्रांसपोर्टरों को लाभ होगा और लोगों को कम मालभाड़ा देना होगा।

डीजल-पेट्रोल से मिलेगी मुक्ति 

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हाईड्रोजन से चलने वाले ट्रक बनाने पर काम किया जा रहा है। टाटा कंपनी पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन ट्रक चला रही है। आने वाले समय में डीजल-पेट्रोल से मुक्ति पाकर प्रदूषण खत्म करने की प्लानिंग की जा रही है। जल्द ही इस क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक अपनाने पर फोकस किया जाएगा।


फिलहाल सड़कों का निर्माण होने की वजह से देश में लाजिस्टिक कोस्ट छह प्रतिशत तक कम हो गई है। अगले साल तक यह नौ प्रतिशत आने वाली है। अगर आप लोग ईवी, CNG और फ्लैक्स इंजन व हाईड्रोजन अपनाते हैं तो अगले साल तक ट्रांसपोर्ट के रेट आधे हो जाएंगे।

मंत्री ने दी जानकारी 

मंत्री ने बताया कि दिल्ली-जयपुर के बीच फलैक्स चार्जिंग से युक्त हाईटेक बस (hi-tech bus) चलाने की प्लानिंग की जा रही है। यह बस फ्लैक्स चार्जिंग से 20 सेकेंड में चार्ज होकर आगे के लिए रवाना होगी। इस हाईवे पर जगह-जगह फ्लैक्स चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध हो रही है। ऊपर से बस के लिए चार्जिंग केबल आएगी और झटपट यह बस चार्ज हो जाएगी।

हवाई जहाज जैसी मिलेगी बस सुविधा 


हवाई जहाज जैसी सुविधाओं से युक्त बस 135 यात्रियों को लेकर दौड़ने वाली है। इस बस में एक्जिक्यूटिव क्लास की चेयर होंगी, हर सीट पर एलईडी लगाए जाएंगे। प्लेन की तर्ज पर चाय-नाश्ता मिलने वाला है। फिलहाल इस बस पर काम चल रहा, जल्द ही इसे चलाने की प्लानिंग की जा रही है।