Fastag की हुई छुट्टी, अब इस तरीके से कटेगा Toll tax 

किसी भी हाईवे पर चलने के लिए हमे टोल टैक्स देना पड़ता है, पहले टोल प्लाजा पर लम्बी लाइनें लगी होती थीः जिसे लोगों का काफी समय और पैसा खराब होता था और इसके बाद सरकार ने फास्टैग की शुरुआत की जिससे लोगों को काफी सहूलत मिली है और अब जल्दी ही सरकार fastag को भी बंद करने जा रही है और टोल टैक्स के लिए नया सिस्टम लेकर आने वाली है | आइये जानते हैं क्या है सरकार की योजना 

 

HR Breaking News, New Delhi : जब भी आप हाईवे पर सफर करते हैं तो आपको टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए fatsag का इस्तेमाल करना पड़ता है पर हाल ही में देश के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari news) ने जानकारी देते हुए बताया कि, सरकार ने नेशनल हाइवेज पर GPS बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू करने के लिए एक कंसल्टेंट की नियुक्त की है.

 

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 भारत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari news) ने, यह भी कहा कि इस सिस्टम को FASTags के अलावा पायलट बेस पर पेश किया जाएगा. 

लोकसभा में एक लिखित सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि, शुरुआत में नेशनल हाइवे पर कुछ चुनिंदा जगहों पर GNSS-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है, जिसके लिए एक सलाहकार की नियुक्त भी की गयी है. 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि NHAI बिना KYC (Know Your Customer) वाले फास्टैग यूजर्स को RBI की गाइडलाइन के अनुसार, KYC प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, NHAI की इस पहल का मकसद टोल प्लाजा पर सड़क पर यात्रा कर रहे लोगों को परेशानी से बचने के लिए, फास्टैग (fastag) सिस्टम को 100 फीसद KYC के अनुरूप बनाना है.


Fastag से लोगों की दूर हुई थी परेशानी 

 

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एक समय भारत में सडकों पर सड़क पर सफर करना, अपने आप में काफी मुश्किल काम था. जिसकी वजह सड़क के साथ साथ, टोल प्लाजाओं पर लगने वाला जाम भी था, जिसके चलते गाड़ियों घंटों का जाम में फसे रहना पड़ता था. लेकिन फास्टैग के जरिये टोल कलेक्शन सिस्टम आने से इसमें जबरदस्त बदलाव आया. अब टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में काफी कमी आयी है. रही बची कसर सरकार GPS बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लाकर दूर करने में जुटी है. 

 

इन गाड़ियों को नहीं देना होता है Toll tax
हाईवे पर दौड़ती हर एक गाडी को टोल टैक्स देना पड़ता है पर देश में कई गाड़ियां ऐसी होती हैं जिन्हें बिना टोल दिए जानें दिया जाता है. इनमें भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, किसी भी राज्य के राज्यपाल, भारत के चीफ जस्टिस, लोक सभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट जज, संघ के राज्य मंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर, पूर्ण सामान्य या समकक्ष रैंक के रैंक वाले चीफ ऑफ स्टाफ, किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति, किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष, हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, हाई कोर्ट जज, सांसद, थल सेनाध्यक्ष के सेना कमांडर और अन्य सेवाओं में समकक्ष, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, भारत सरकार के सचिव, सचिव, राज्यों की परिषद, लोक सभा, सचिव की गाड़ियां शामिल हैं और इनकी गाड़ियों को देश के किसी भी टोल पर टैक्स नहीं देना पड़ता |

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इन्हें भी मिलती है ये छूट
 ऊपर बताये गए अफसरों के साथ साथ  अर्धसैनिक बलों और पुलिस सहित वर्दी में केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बल, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, फायर फाइटर डिपार्टमेंट, शव वाहन को भी टोल टैक्स नही देना पड़ता है. इनके अलावा राजकीय यात्रा पर आए विदेशी गणमान्य, किसी राज्य की विधान सभा का सदस्य और अपने संबंधित राज्य के भीतर किसी राज्य की विधान परिषद का सदस्य, यदि वह राज्य के संबंधित विधानमंडल द्वारा जारी अपना पहचान पत्र दिखाता है तो उसे टोल टैक्स नहीं देना पड़ता.

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने एक गाइडलाइन (NHAI Guidelines जारी की है कि गाड़ियों के पीक समय में भी एक गाड़ी पर 10 सेकेंड से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए। यानी टोल प्लाजा पर एक गाड़ी को निकलने में 10 सेकेंड से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।

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10 मीटर लम्बी लाइन पर नहीं लगेगा टैक्स 
एनएचआईए के अनुसार टोल प्लाजा पर गाड़ियों की 100 मीटर से लंबी लाइन नहीं लगने को लेकर यातायात के सुचारु प्रवाह को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। अगर टोल प्लाजा पर किसी कारण वाहनों की कतार 100 मीटर से अधिक होती है तो, उस स्थिति में सभी वाहनों को बिना टोल दिए जाने की इजाजत होगी, जब तक टोल नाके से वाहनों की कतार वापस 100 मीटर के अंदर नहीं पहुंच जाती।


खींची जाएगी पीली लाइन 
सभी टोल नाकों पर 100 मीटर की दूरी का पता लगाने के लिए पीले रंग से एक लकीर बनाने का आदेश दिया जा चुका है। यह कदम इसलिए भी उठाया गया है ताकि टोल प्लाजा ऑपरेटरों में जवाबदेही की भावना पैदा हो। एनएचआईए ने फरवरी 2021 में 100 फीसदी कैशलेस टोलिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। टोल नाकों पर फास्टैग की उपलब्धता कुल मिलाकर 96 प्रतिशत और इनमें कईयों में तो 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

ये है NHAI का प्लान 

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देश में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बढ़ते टोल संग्रह को ध्यान में रखते हुए अगले दस वर्षों के दौरान यातायात के अनुमान को ध्यान में रखते हुये टोल प्लाजों के आकार और निर्माण पर जोर दिया जाएगा ताकि टोल संग्रह प्रणाली को कुशल बनाया जा सके।’’ एनएचआईए ने कहा कि कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी एक नया नियम बन गया है। फ़ास्टैग के बढ़ते इस्तेमाल से इसका पालन भी आसानी से किया जा रहा है जिससे टोल संचालक और वाहन यात्री संपर्क में भी नहीं आते।