IRCTC : 4,300 किलोमीटर की दूरी, 9 राज्य, 59 रेलवे स्टेशन और 80 घंटे का सफर, ये है भारत की सबसे लंबी दूरी की ट्रेन

भारतीय रेलवे देश के परिवहन की रीढ़ है. हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. लेकिन, क्‍या आप जानते हैं कि कौन सी ट्रेन सबसे लंबी दूरी तय करती है? वहीं, सबसे कम दूरी तय करने वाली ट्रेन को कितना समय लगता है और ये कितने स्‍टेशनों पर रुक‍ती है?आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

 

HR Breaking News (नई दिल्ली)।  अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारत में हर दिन करीब 2.50 करोड़ लोग ट्रेन में सफर कर अपनी-अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. वहीं, हर साल यात्रियों का ये आंकड़ा करीब 800 करोड़ रहता है. देश में इस समय करीब 1,200 पैसेंजर एक्‍सप्रेस ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, वित्‍त वर्ष 2022-23 में मालगाड़ी से 151 करोड़ टन कार्गो और सामान एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया था. केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है. इस कड़ी में पिछले 10 साल में 25 हजार किमी से ज्‍यादा ट्रैक जोड़ा गया है. लेकिन, क्‍या आप जानते हैं कि देश में सबसे लंबी दूरी और सबसे छोटी दूरी करने वाली ट्रेनें कौन-सी हैं?

 

 

ट्रेनें देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लंबी रेल यात्राओं के साथ ही बेहद छोटी यात्रा की सुविधा भी उपलब्‍ध कराती हैं. भारतीय रेलवे 26 तरह की पैसजेंर ट्रेनों का संचालन करती है. इनमें सेमी हाई स्पीड गतिमान एक्सप्रेस ट्रेन, शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस शामिल हैं. हम आपको देश में सबसे छोटी और सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों के बारे में बताने जा रहे हैं. बता दें कि सबसे कम दूरी की ट्रेन का किराया इतना ज्‍यादा है कि आप चौंक सकते हैं. यहां हम लोकल ट्रेनों की बात नहीं करेंगे. दरअसल, लोकल ट्रेनें रेग्‍युलर स्टॉप के साथ बहुत कम दूरी तय करती हैं.

सबसे लंबी दूरी की ट्रेन कौन-सी है?


देश में लंबा सफर तय करने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है. विवेक एक्सप्रेस की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर की गई थी. यह ट्रेन असम के डिब्रूगढ़ से तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक का 4,300 किमी दूसरी का लंबा सफर तय करती है. इस दूरी को तय करने में विवेक एक्‍सप्रेस को 80 घंटे से ज्यादा का समय लगता है. सफर के दौरान ट्रेन 59 स्टेशनों पर रुकती है. यात्रा पूरी करने के दौरान ट्रेन देश के 9 राज्यों से होकर गुजरती है. यह रेलमार्ग भारत ही नहीं, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में सबसे लंबा है. ये ट्रेन असम, नागालैंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु को छूती है. इस ट्रेन में 19 कोच लगे हुए हैं.

विवेक एक्‍सप्रेस का कितना है किराया?


विवेक एक्‍सप्रेस में डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक के सफर के लिए आपको 5,000 रुपये तक का किराया देना होता है. इस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया करीब 3,000 रुपये लगता है. वहीं, सेकंड एसी का किराया करीब 5,000 रुपये और स्लिपर कोच का किराया करीब 1200 रुपये लगता है. बता दें कि विवेक एक्सप्रेस की घोषणा रेल बजट 2011-12 के दौरान की गई थी. विवेक एक्‍सप्रेस ट्रेन सप्‍ताह में दो दिन ही चलती है. ये डिब्रूगढ़ से शाम 7.25 बजे निकलकर करीब 80 घंटे बाद कन्याकुमारी स्टेशन पहुंचती है.

देश का सबसे छोटा रेल रूट कहां है?


अब जानते हैं कि सबसे कम दूरी तय करने वाली ट्रेन कौन सी है? बता दें कि भारत का सबसे छोटा रेल रूट सिर्फ 3 किमी लंबा है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि भारतीय रेलवे इतने छोटे रूट पर भी ट्रेनें चलाती हैं. दोनों स्टेशनों के बीच यात्रा करने के लिए टिकट मिलता है. हालांकि, इसका दाम लंबी दूरी की ट्रेनों के करीब-करीब बराबर होता है. महाराष्ट्र के नागपुर और अजनी रेलवे स्टेशन के बीच देश का सबसे छोटा रेलमार्ग है. सिर्फ 3 किमी दूरी तय करने में ट्रेन को 8-9 मिनट लगते हैं. ज्‍यादातर लोग इस ट्रेन में जनरल कोच से ही यात्रा करते हैं. इसके पीछे किराया बड़ी वजह है.

कितना चुकाना होता है इसका किराया?


अगर आपको महज 3 किमी की दूरी ऑटो, कैब, ई-रिक्‍शा से तय करना हो तो 50 से 60 रुपये ही लगेगा. वहीं, देश के सबसे छोटे रेलमार्ग पर ट्रेन से यात्रा करने के लिए आपको उम्‍मीद से ज्‍यादा किराया चुकाना पड़ेगा. नागपुर से अजनी रेलवे स्टेशन की यात्रा में आपको थर्ड एसी के लिए 500 रुपये, सेकेंड एसी के लिए 800 रुपये और फर्स्‍ट एसी कोच के लिए 1145 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, स्लीपर कोच के लिए 200 रुपये तक किराया चुकाना होगा. हालांकि, जनरल कोच का किराया महज 60 रुपये ही है. वहीं, अगर आपको दिल्ली से उत्तर प्रदेश के कानपुर जाना हो तो आपको 500 किमी की इस यात्रा में थर्ड एसी के लिए करीब 750 रुपये किराया देना होगा. वहीं स्लीपर कोच से यात्रा करने पर 400 रुपये तक देने पड़ेंगे.

एक, दो नहीं, रेलवे चलाता है 5 ट्रेनें


नागपुर और अजनी के बीच सबसे छोटे रूट पर रेलवे 4 से 5 ट्रेनें चलाता है. इस रूट पर विदर्भ एक्सप्रेस, नागपुर-पुणे गरीब रथ और नागपुर-पुणे एक्सप्रेस ट्रेन भी चलती हैं. बता दें कि यह दुनिया का 9वां सबसे बड़ा ट्रेन रूट है. भारतीय रेलवे को देश की धड़कन माना जाता है. कोरोना महामारी के मुश्किल वक्‍त में भी ट्रेनों के पहिये थमे नहीं थे. हालांकि, सभी ट्रेनें तो नहीं चल रही थीं, लेकिन रेलवे ने जरूरी सामानों को एक से दूसरी जगह तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी.