दिल्ली के 17 इलाकों में MCD का बड़ा एक्शन, 668 प्रोपर्टी की कुर्क, आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई

Delhi mcd action - दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) के बकाएदारों के खिलाफ दिल्ली नगर निगम ने बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल, दिल्ली के 17 इलाकों में दिल्ली नगर निगम 668 संत्तियों को कुर्क कर दिया है। बताया जा रहा है कि जो टैक्सपेय (tax payers) बकाया टैक्स भरने में असफल रहते हैं तो ऐसी संपत्ति की नीलामी  के लिए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। आइए नीचे खबर में जानते हैं- 

 

HR Breaking News (ब्यूरो)। दिल्ली में प्रोपर्टी टैक्स न भरने वालों के खिलाफ एमसीडी एक्शन मोड में है। एमसीडी सभी जोनों में प्रोपर्टी टैक्स (property tax) के बकाएदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में अब तक 668 संपत्तियों को कुर्क किया गया है। पिछले एक हफ्ते के दौरान एमसीडी के A&C विभाग द्वारा 23.81 करोड़ रुपये के बकाए के लिए 74 कमर्शिल और इंडस्ट्रियल प्रोपर्टियों को कुर्क किया गया है। इसमें खैबर पास स्थित मेसर्स पार्श्वनाथ डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड (M/s Parshvanath Developer Pvt. Ltd.) की संपत्ति शामिल है। 

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एमसीडी (MCD) के मुताबिक जो उक्त संपत्तियां कुर्क की गई हैं, वे- रोहिणी, महिपालपुर, द्वारका, महावीर एन्क्लेव, नेताजी सुभाष प्लेस, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, साकेत जिला केंद्र, आनंद पर्वत, सकुरपुर, सरूप नगर, रिठाला, बुद्ध विहार, अशोक विहार, पंजाबी बाग, सिरसपुर क्षेत्र में स्थित हैं। 

इसके अलावा, विभाग बड़े टैक्स बकाएदारों (tax defaulters) के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी प्रक्रिया में है। वहीं अगर टैक्सपेयर अपने बकाया टैक्स (due tax) का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो ऐसी संपत्ति की नीलामी के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

एमसीडी (MCD) ने 5 लाख से अधिक टैक्स पेयर्स (tax payers) को ऑनलाइन नोटिस जारी किए गए हैं, जिन्होंने या तो 2021-22 या 2022-23 में टैक्स नहीं भरा है। उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना टैक्स भरने के लिए नोटिस भेजा गया है। वहीं ऐसा न करने वालों के खिलाफ डीएमसी अधिनियम, 1957 (संशोधित) के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

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एमसीडी के मुताबिक भविष्य में भी विभिन्न क्षेत्रों में बड़े टैक्स बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी कार्रवाई से बचने के लिए, प्रोपर्टी टैक्सपेयर्स को सलाह दी गई है कि वे समय पर अपना बकाया भुगतान करें।