New Expressway in UP : 12 जिलों से होकर गुजरेगा यूपी का नया एक्सप्रेसवे, काम हुआ पूरा, जानिए कब से होगा शुरू
New Expressway in UP : हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है. 36 हजार करोड़ की लागत से बन रहा यह 594 किमी लंबा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक की दूरी कुछ ही घंटों में तय कर देगा... आइए नीचे खबर में जान लेते है आखिर कब से होगा ये शुरू-
HR Breaking News, Digital Desk- (New Expressway in UP) गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रोड प्रोजेक्ट है, जो मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा है. 36,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे अपने निर्माण के अंतिम चरण में है. यह एक्सप्रेसवे राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए एक और बड़ी सुविधा प्रदान करेगा, जिससे यूपी में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क और मजबूत होगा.
देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे-
गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद आता है. इसका निर्माण 12 जिलों के 518 गांवों से होकर किया जा रहा है. मेरठ से प्रयागराज (Meerut to Prayagraj) तक की यात्रा अब कुछ ही घंटों में पूरी की जा सकेगी. एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (NH 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दादू गांव (NH 19) तक फैला होगा.
आधुनिक सुविधाओं से लैस-
इस एक्सप्रेसवे पर न केवल तेज रफ्तार से सफर करना आसान होगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है. टोल प्लाजा (toll plaza), सर्विस रोड (service road), स्ट्रीट लाइट्स (street lights), डिस्प्ले बोर्ड, हर एक किलोमीटर पर कैमरे और पेड़-पौधों की रोपाई जैसी सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं. एक्सप्रेसवे पर बड़े विमानों के उतरने की सुविधा भी होगी और गंगा व रामगंगा पर दो विशाल पुलों का निर्माण किया जा रहा है. शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाने का प्रस्ताव है.
नवंबर 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य-
बारिश के कारण प्रयागराज सर्विस लेन (Prayagraj Service Lane) का काम रुक गया था, लेकिन अब यह फिर से तेजी से शुरू हो गया है. प्रयागराज के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने 2 नवंबर, 2025 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है. इस परियोजना के पूरा होने के बाद, उत्तर प्रदेश में देश के 10 में से पांच एक्सप्रेसवे होंगे. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को काफी लाभ होगा.