UP में हर तीसरे और छठे महीने होगी बिजली मीटरों की MRI, जेई और XEN को लेकर भी आदेश जारी

उत्तर प्रदेश में सरकार ने बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार ने हर तीसरे और छठे महीने में बिजली मीटरों की एमआरआई (MRI) के आदेश दिए हैं। खबर में विस्तार से जानें- 

 
UP में हर तीसरे और छठे महीने होगी बिजली मीटरों की MRI, जेई और XEN को लेकर भी आदेश जारी

HR Breaking News (नई दिल्ली)। यूपी की बिजली व्यवस्था सुधारते हुए राजस्व बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मागर्दर्शी सिद्धांत जारी किए हैं। बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि सिद्धांतों का अक्षरश: पालन कराया जाए ताकि उपभोक्ताओं की सहुलियतों में इजाफा के साथ ही राजस्व वृद्धि हो सके। कनेक्शन के लिए मिलने वाले आवेदनों पर हर हाल में कनेक्शन देने का आदेश है, किसी विधिक व तकनीकी दिक्कत होने पर सिर्फ अधिशासी अभियंता स्तर पर ही आवेदन को अस्वीकृत किया जा सकेगा। अब जेई और एसडीओ स्तर से आवेदन अस्वीकृत नहीं किए जा सकेंगे। 

सिर्फ आरमर्ड केबिल से ही मिलेंगे अब नये कनेक्शन 

कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने यह मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए हैं। इन सिद्धांतों के मुताबिक हर नये कनेक्शन का मीटर परिसर से बाहर लगाने, सभी नये कनेक्शन आरमर्ड केबिल के माध्यम से दिए जाने, उपभोक्ता द्वारा केबिल नहीं उपलब्ध कराने पर विभागीय स्तर पर केबिल लगाते हुए उसकी कीमत बिल में जोड़कर लेने का आदेश है। इसके लिए सभी विद्युत खंडों में आरमर्ड केबिल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। झटपट पोर्टल पर आरमर्ड केबिल की प्रति मीटर दर डिस्प्ले की जाएगी।

कनेक्शन के एक माह के अंदर बिल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी तय 

यह भी आदेश है कि कनेक्शन देने वाले अधिकारी व कर्मचारी कनेक्शन दिए जाने के एक महीने के अंदर उपभोक्ता को उसका पहला बिल उपलब्ध कराएंगे। इसकी सूचना भी वह झटपट पोर्टल पर देंगे। मीटर स्थापना का फीडबैक आईवीआरएस के माध्यम से लिए जाने का निर्देश है इसके लिए एप्लीकेशन विकसित करने की जिम्मेदारी आईटी विभाग को दी गई है। 


हर तीसरे और छठे महीने होगी मीटरों की एमआरआई

मीटर से छेड़छाड़ व तकनीकी दिक्कतों के कारणों को पकड़ने के लिए 5 से 9 किलोवाट तक विद्युत भार वाले मीटरों की हर तीसरे महीने एमआरआई तथा 2 स 4 किलोवाट तक के कनेक्शन वाले मीटरों की हर छठे महीने एमआरआई कराने का आदेश है। यह काम एमआरआई वेंडर करेंगे। ऐसे उपभोक्ता जिनका विद्युत भार 5 किलोवाट से कम है और खपत अधिक है उनके मीटरों की भी एमआरआई कराते हुए भार की जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।