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Dearness - टमाटर, प्याज से कहीं ज्यादा बढ़ने वाले हैं इस चीज के रेट, लोग अभी से कर रहे स्टॉक

Dearness - बढ़ती महंगाई के इस दौर में आमजनता को एक और झटका लगने वाला है। आपको बता दें कि टमाटर, प्याज से कहीं ज्यादा अब इस चीज के दाम बढ़ने वाले है... लोग अभी से करने लगे है स्टॉक। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- गेहूं, आटा, चावल, दाल, टमाटर, प्याज और हरी सब्जियों के बाद अब आने वाले दिनों में चीनी भी महंगी हो सकती है. क्योंकि देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र (maharashtra)  में गन्ने के प्रोडक्शन में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है. इसके लिए खराब मौसम और कम बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अभी तक समहाराष्ट्र में औसत से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है. यदि आने वाले महीनों में यही स्थिति रही , तो गन्ने की पैदावार (sugarcane yield) प्रभावित हो जाएगी, जिसका सीधा असर चीनी उत्पादन पर पड़ेगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय खटाल ने एक इटरव्यू के दौरान सिंचाई को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में ग्राउंट वाटर लेवल तेजी के साथ गिरता जा रहा है. इससे गन्ना उत्पादक किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है. यदि समय पर बारिश नहीं होती है, तो इसके चलते जलसंकट और गहरा जाएगा.

चीनी की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है-
संजय खटाल की माने तो बारिश कम होने की वजह से प्रदेश के गन्ने के ऊपर खतरा मडराने लगा है. अगर सितबंर- अक्टूबर तक बारिश में सुधार नहीं हुआ, तो स्थिति और बिगड़ जाएगी. खास बात यह है कि महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में सीजन की शुरुआत में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी. ऐसे में जानकारों का कहना है कि यदि सबसे बड़े राज्य में बारिश कम होने से चीनी के प्रोडक्शन पर असर पड़ता है तो महंगाई बढ़ जाएगी. खास कर चीनी की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है.

चीनी के निर्यात पर रोक भी लगा सकती है-
ऐसे में केंद्र सरकार (central government) खुदरा मार्केट में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए चीनी के निर्यात पर रोक भी लगा सकती है. क्योंकि भारत सरकार ने हाल ही में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए गैर- बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया था. हालांकि, कई एक्सपर्ट का कहना है कि चीनी उत्पादन को लेकर संजय खटाल द्वारा यह भविष्यवाणी करना बहुत ही जल्दीबाजी होगी, क्योंकि मानसून के जाने में अभी एक महीने से अधिक का समय लगेगा. खाद्य मंत्रालय के अनुसार कुल उत्पादन का वास्तविक अनुमान उपलब्ध होने पर भारत सरकार 2023-24 के लिए चीनी निर्यात पर कोई फैसला करेगी.