Petrol-Diesel - डीजल-पेट्रोल के मामले में अब राज्यों के पाले में गेंद, वित्त मंत्री ने दी बड़ी जानकारी
GST on Petrol Diesel: डीजल-पेट्रोल को एक बड़ी जानकारी आ रही है। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला राज्यों की सहमति के बाद ही होगा। आइए जानते है इस अपडेट को नीचे खबर में विस्तार से..
HR Breaking News, Digital Desk- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पेट्रोल-डीजल जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी है, इसके बाद ही इसपर फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ साल से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है.
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है.
वित्त मंत्री ने कहा, "पिछले तीन-चार साल से, सार्वजनिक पूंजी व्यय पर जोर रहा है. हमने इस बजट में भी इसे जारी रखा है...यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि इस बजट में जोर पूंजी व्यय पर है."
पेट्रोल-डीजल पर लगेगा GST-
पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने के सवाल पर वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अगर राज्यों के बीच इस पर समझौता हो, इस पर कदम उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर राज्यों के बीच पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने सहमति होने पर ही इस पर फैसला लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड (One Nation-One Ration Card) लागू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.