UP में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का तेजी से हो रहा विस्तार, इन जिलो से होकर गुजरेंगे 9 नए एक्सप्रेसवे
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य है, जहां 13 एक्सप्रेसवे हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,200 किलोमीटर है। हाल ही में, राज्य सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 9 नए एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लंबाई 2,063 किलोमीटर होगी। इन एक्सप्रेसवे से राज्य में कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। इस विस्तार के साथ, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे नेटवर्क के मामले में सबसे आगे निकल जाएगा।
9 एक्सप्रेसवे की लिस्ट-
1. लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे: 49.96 किमी (आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक)
2. फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे: 90.84 किमी (गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक)
3. जेवर लिंक एक्सप्रेसवे: 74.30 किमी (यमुना एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे तक बुलंदशहर के माध्यम से)
4. झांसी लिंक एक्सप्रेसवे: 118.90 किमी
5. विंध्य एक्सप्रेसवे: 320 किमी
6. मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे: 120 किमी (उत्तर प्रदेश सीमा तक)
7. चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेसवे: 70 किमी
8. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 519 किमी
9. गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे: 700 किमी
एनएचएआई गोरखपुर-सिलीगुड़ी और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगी। बाकी सात एक्सप्रेसवे यूपीडा बनाएगा। इन नौ नए एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश का कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क 4,374 किलोमीटर का हो जाएगा, जो एक रिकॉर्ड है। यह विस्तार राज्य में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।
यूपी एक्सप्रेसवे के लिए, वर्तमान में 7 काम कर रहे हैं जैसे कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (24.53 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (165 किमी), आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (302 किमी), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (341 किमी), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी) और मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे (96 किमी)।
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे-
भारत में, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक 49.96 किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए पहली बार 3D ऑटोमेटिक मशीन-गाइडेड सिस्टम का उपयोग किया गया है। इस तकनीक ने निर्माण की गुणवत्ता और सटीकता को बढ़ाया है। इसके साथ ही, GPS-सहायता प्राप्त मोटर ग्रेडर, इंटेलिजेंट कॉम्पैक्टर, और स्ट्रिंगलेस पावर जैसी आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से ईंधन की बचत, निर्माण समय में कमी और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार हुआ है।
फर्रुखाबाद एक्सप्रेसवे-
प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य फर्रुखाबाद (Farrukhabad Expressway) जिले को राज्य के प्रमुख एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ना है। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास, व्यापार, कृषि, और पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी। इसकी कनेक्टिविटी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से होगी। इस कारण लोगों को एक शहर से दूसरे शहर में जाना आसान होगा।
झांसी एक्सप्रेसवे-
झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे (Jhansi-Jalaun Link Expressway) प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक और बेसिक ढांचे के विकास को बढ़ावा देना है। झांसी और कानपुर के बीच 36,000 एकड़ में प्रस्तावित औद्योगिक शहर को भी इस एक्सप्रेसवे से फायदा होगा, जिससे निवेशकों को अपनी तरह किया जा सकेगा। इसके साथ ही राज्य के व्यापारियों को भी फायदा मिलेगा।
जेवर एक्सप्रेसवे-
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे (jewar link expressway) उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित और निर्माणाधीन एक प्रमुख सड़क परियोजना है, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) को कई प्रमुख हाईवे और क्षेत्रों से जोड़ेगी। यह एक्सप्रेसवे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर को यमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल केजीपी एक्सप्रेसवे) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (कुंडली-पलवल केएमपी) से जोड़ेगा। यह एक 6 लेन वाला एक्सप्रेसवे होगा, जो हाई-स्पीड और सुगम यातायात के लिए डिजाइन किया गया है।
विंध्य एक्सप्रेसवे-
विंध्य एक्सप्रेसवे (Vindhya Expressway) मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य इन राज्यों के कई जिलों को जोड़कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। इस एक्सप्रेसवे का विस्तार प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र जिलों को जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ और झारखंड तक पहुंचाएगा। इससे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। आम जनता के लिए भी सफर करना आसान होगा।
मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे-
मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे (Meerut-Haridwar Expressway) का उद्देश्य मेरठ और हरिद्वार के बीच तेज, सुरक्षित और बिना बाधा के यात्रा सुनिश्चित करना है। यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। वर्तमान समय में दिल्ली से हरिद्वार की यात्रा में लगभग 5 से 6 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद ये समय घटकर लगभग 3 घंटे रह जाएगा।
चित्रकूट से रीवा एक्सप्रेसवे-
चित्रकूट से रीवा एक्सप्रेसवे (Chitrakoot to Rewa Expressway) एक नहीं बल्कि दो राज्यों को कनेक्ट करेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और मध्य प्रदेश के रीवा जिला शामिल हैं। दोनों जिलों के बीच बेहतर सड़क कनेक्टिविटी स्थापित करना है। यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। चित्रकूट एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तेज और सुविधाजनक यात्रा करने का अनुभव होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे-
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) भारत सरकार का खास परियोजना है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ते हुए पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। यह एक्सप्रेसवे न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, व्यापार, पर्यटन और रणनीतिक नजरिए से भी जरूरी है।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे-
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) को बनाने का उद्देश्य राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़कर क्षेत्रीय विकास, व्यापार, पर्यटन और रणनीतिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, अयोध्या, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली शामिल हैं।