RBI ने HDFC को दिया तगड़ा झटका, इस काम के लिए कर दिया मना
हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, एचडीएफसी बैंक को आरबीआई ने तगड़ा झटका दिया है। एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के लिए आरबीआई से अपील की थी। लेकिन आरबीआई ने HDFC बैंक को इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड का दर्ज देने से साफ मना कर दिया। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं-
HR Breaking News (ब्यूरो)। देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) को आरबीआई ने बड़ा झटका दिया है। रिजर्व बैंक ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रतिभूतियों को इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड का दर्जा देने से मना कर दिया है। इसके लिए एचडीएफसी बैंक ने आरबीआई से अनुरोध किया था।
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एचडीएफसी लिमिटेड के हैं ये बॉन्ड
एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई (RBI) ने एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) के हाल ही में हुए विलय का हवाला देकर बॉन्ड के क्लासिफिकेशन के रिक्वेस्ट को मना किया है। आरबीआई का कहना है कि ये बॉन्ड एचडीएफसी लिमिटेड के द्वारा जारी किए गए थे, जिसका अब एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) में विलय हो चुका है। इस कारण एचडीएफसी बैंक के द्वारा बॉन्ड के क्लासिफिकेशन को लेकर किए गए रिक्वेस्ट को पूरा नहीं किया जा सकता है।
अब बन चुका है सबसे बड़ा बैंक
दरअसल एचडीएफसी बैंक एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी थी, जबकि एचडीएफसी बैंक एक कमर्शियल बैंक है। इस मर्जर से HDFC बैंक को कई मोर्चे पर फायदा हुआ है, लेकिन बॉन्ड के मामले में उसे झटका लगा है। दोनों एंटिटिज का विलय होने के बाद एचडीएफसी बैंक को भारत का सबसे बड़ा बैंक होने का दर्जा मिल गया है। अब उसकी वैल्यू सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की तुलना में ज्यादा हो गई है।
एनबीएफसी (NBFC) से अलग हैं बैंकों के नियम
ताजे मामले में आरबीआई (RBI) ने उसी विलय के चलते मना किया है। ईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई ने रिक्वेस्ट मना करने के बारे में एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) को एक कम्युनिकेशन में बता दिया है। मामले से जुड़े एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है- RBI का कहना है कि एनबीएफसी और बैंकों के मामले में प्रावधान अलग हो जाते हैं। ऐसे में अब बॉन्ड को इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में क्लासिफाई नहीं किया जा सकता है।
पिछले साल किया गया अनुरोध
ये बॉन्ड एचडीएफसी लिमिटेड (Bond HDFC Limited) के द्वारा मर्जर से पहले ही जारी किए गए थे। एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड का मर्जर जुलाई 2023 से प्रभावी हुआ है। ये बॉन्ड 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं और इनकी मैच्योरिटी 7 से 10 साल की है। HDFC बैंक ने करीब 1।20 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड को इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड क्लसिफाई करने के लिए रिजर्व बैंक से पिछले साल ही अनुरोध किया था।