Delhi NCR में बढ़ते प्रदूषण के चलते पाबंदियां लगना शुरू, 1 अक्टूबर से लागू होंगे ये आदेश

Delhi Air Pollutions : अक्टूबर महीने से ग्रैप पीरियड की शुरुआत हो जाती है. क्योंकि इसी माह से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है और जहरीली होती हवा में लोगों का दम घुटने लगता है. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण के चलते पाबंदियां लगनी शुरू हो गई है, पूरी जानकारी पाने के लिए जुड़े रहे खबर के साथ अंत तक।

 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। आज से ठीक 10 दिन बाद यानी एक अक्टूबर 2023 से डीजल जैनरेटर दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR news) में बंद हो जाएंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सख्त हिदायतें जून माह में ही जारी कर दी थी. इस बार ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान यानि ग्रैप 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. ग्रैप पीरियड के दौरान दिल्ली-एनसीआर में किसी भी तरह का डीजल जैनरेटर नही चल पाएगा. पिछले साल जहां केवल इंडस्ट्रियल जैनरेटर पर ही बैन(Ban on industrial generators only)  लगा था. वहीं, इस बार इमरजेंसी सर्विस फिर चाहे वो हास्पिटल हो या फिर रेलवे या मैट्रो या बैंक. कहीं भी डीजल जैनरेटर से बिजली आपूर्ति नहीं की जा सकेगी.

 

 


प्रदूषण नियंत्रण विभाग (Pollution Control Department) के एसडीओ अमित दहिया ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जैनरेटर चल ही नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर जैनरेटर चलाना है कि तो उसे ड्यूल फ्यूल मोड में परिवर्तित करवाना होगा. इसके लिए आरईसीडी किट लगवानी होगी और जैनरेटर को 70 प्रतिशत गैस और 30 प्रतिशत डीजल में परिवर्तन करवा कर बिजली जाने के बाद 2 घंटे के लिए चलाया जा सकता है.

अस्पताल में भी जैनरेटर नहीं चल पाएंगे और इसकी सूचना मिलते ही बहादुरगढ़ में अस्पताल संचालकों में खलबली मच गई है. संजय अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संजय सिंह का कहना है कि बीच ऑपरेशन में अगर बिजली चली जाती है तो जैनरेटर चलाना उनकी मजबूरी हो जाती है. क्योंकि एक जीवन बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इसलिए उन्होंने सरकार और आयोग से अस्पताल को इस बैन से छूट देने की मांग की है.

 

 


उद्योगों के संगठन कन्फैडरेशन ऑफ बहादुरगढ इंडस्ट्रीज के प्रधान प्रवीन गर्ग ने सरकार से 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बिजली नहीं दे पा रही है तो बिजली कट की अवधि में उन्हे जैरनेटर चलाने की अनुमति मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी सभी उद्योंगों तक गैस पाइपलाइन नहीं पहुंची है और आरईसीडी किट भी काफी महंगी है. जिसके कारण ड्यूल फ्यूल मोड में सभी जैरनेटर नहीं बदल पाए हैं.

 

 

 

 

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण बैन का कारण


दरअसल, ये सारी बंदिशें इसलिए लगाई गई हैं, ताकि दिल्ली एनसीआर की हवा सांस लेने लायक रह सके. अक्टूबर महीने से ग्रैप पीरियड की शुरुआत हो जाती है. क्योंकि इसी माह से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है और जहरीली होती हवा में लोगों का दम घुटने लगता है. इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इस बार बंदिशे और भी ज्यादा सख्त कर दी हैं, जिन्हें सख्ती से लागू करने के लिए सम्बंधित विभागों को दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं.