सैंकड़ों साल पहले लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी, अब फिर से हरियाणा की धरती पर बहेगी

चंडीगढ़ - हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि आदिबद्री डैम के निर्माण से वर्षों पहले विलुप्त हुई सरस्वती नदी (Saraswati river) का पुनरुद्धार होगा।
 

आदिकाल से पूजनीय सरस्वती नदी (Saraswati river) के प्रवाह स्थल के आसपास धार्मिक मान्यताएं पुनः जागृत होंगी, इसके साथ-साथ यह क्षेत्र तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा।

डेयरी लोन Dairy Loan) के लिए हरियाणा सरकार(haryana gov.) लेकर आई नई स्कीम, लोन भी मिलेगा और सब्सिडी भी

मुख्यमंत्री शुक्रवार को पंचकूला के पीडब्लूडी विश्राम गृह में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री  जयराम ठाकुर के साथ आदिबद्री में डैम के निर्माण से संबंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) समारोह के दौरान बोल रहे थे।

इस दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल व हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने दोनों मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में डैम निर्माण हेतू समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।  

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज उनका 35 साल पुराना सपना साकार हुआ है। उन्होंने वर्ष 1986-87 में सरस्वती(Saraswati river) के पुनरुद्धार के संबंध में हो रहे अनुसंधान से संबंधित यात्रा की थी।

यह यात्रा यमुनानगर के आदिबद्री से शुरू होकर कच्छ तक पहुंची थी। उन्होंने कहा कि आदिबद्री डैम बनने से 20 क्यूसिक पानी निरंतर सरस्वती नदी(Saraswati river) में प्रवाहित होगा।

इससे पूरा वर्ष सरस्वती(Saraswati river) में पानी का प्रवाह रहेगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी(Saraswati river) के प्रवाह के संबंध में न केवल धार्मिक मान्यता है बल्कि सैटेलाइट से स्पष्ट हुआ है कि जमीन के अंदर आज भी इसका प्रवाह है।

सरस्वती नदी(Saraswati river) पर शोध के संबंध में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पीठ की स्थापना कर रखी है, इसके अतिरिक्त हरियाणा सरस्वती हैरिटेज डेवलेपमेंट बोर्ड की स्थापना की गई है।

एजुकेशन लोन लेने पर छात्राओं को मिलती है आधा परसेंट छूट, SBI 1.50 करोड़ और BOB 80 लाख देता है एजुकेशन लोन

हरियाणा सरकार ने आदिबद्री से कैथल होते हुए घग्गर नदी तक 200 किलोमीटर दूरी के क्षेत्र को सरस्वती नदी के लिए अधिसूचित किया है। राजस्व रिकॉर्ड में भी इसका जिक्र मिलता है।

  • हिमाचल क्षेत्र की 31.16 हैक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा डैम


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह डैम हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के 31.66 हैक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा, इस पर 215.33 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें हर वर्ष 224.58 हैक्टेयर मीटर पानी का भंडारण होगा।

इसका 61.88 हैक्टेयर मीटर पानी हिमाचल प्रदेश को तथा शेष करीब 162 हैक्टेयर मीटर पानी हरियाणा को मिलेगा। इस पानी को सरस्वती नदी(Saraswati river) में प्रवाहित किया जाएगा।

इस डैम की चौड़ाई 101.06 मीटर तथा ऊंचाई 20.5 मीटर होगी। डैम से 20 क्यूसिक पानी सालभर सरस्वती नदी(Saraswati river) में प्रवाहित होगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद सरस्वती नदी(Saraswati river) के पुनरूद्धार के साथ-साथ भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना है।

डैम के शुरू होने से बारिश के दिनों में अत्यधिक वर्षा से पैदा होने वाली बाढ़ की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा। इसके नजदीक बनने वाली झील से पर्यटन बढ़ेगा।

  • तीर्थाटन के रूप में भी होगा विकसित


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आदिबद्री डैम बनने से इसके आसपास का क्षेत्र तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से कालका से कलेसर तक का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है।

इस क्षेत्र में आदिबद्री, लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्रादेवी सहित अनेक धार्मिक व पर्यटन स्थल आते हैं। डैम के साथ-साथ यहां झील बनने से बहुत से पर्यटक आएंगे, इससे दोनों प्रदेशों को लाभ मिलेगा।

  • हथनीकुंड बैराज पर भी बनेगा डैम


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर कई परियोजनाओं पर काम किया जाएगा, जिसमें हथनीकुंड बैराज पर डैम बनाया जाना भी शामिल है। इस डैम से बिजली उत्पादन के साथ-साथ यमुना नदी में भी साफ पानी का निरंतर प्रवाह संभव हो सकेगा।

इस डैम में पहाड़ों से हथनीकुंड बैराज पर आने वाले पानी को संचित किया जाएगा जिससे फसलों को बाढ़ जैसी स्थिति से भी बचाया जा सकेगा। इस डैम के लिए एनओसी मांगी गई है, जल्द सर्वे का काम शुरू होगा।

  • मोरनी में पानी की समस्या को भी किया जाएगा दूर


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मोरनी क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो चुका है। यहां पानी की समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। इस क्षेत्र के नजदीक बहने वाली नदी पर छोटा डैम बनाकर पानी की समस्या को दूर किया जाएगा।

  • जल्द होगा आदिबद्री डैम का शिलान्यास - जयराम ठाकुर

हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आदिबद्री डैम दोनों प्रदेशों के लिए सिंचाई व पीने के पानी की आवश्यकता को पूरा करेगा। सरस्वती नदी में जल के प्रवाह से धार्मिक व पर्यटन के दृष्टि से यह क्षेत्र विकसित होंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार कार्यक्रमों में सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के संबंध में अपनी इच्छा व्यक्त की है। प्रधानमंत्री का देश की नदियों को जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण विजन रहा है।

इसी कड़ी में आज हरियाणा व हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच आदिबद्री डैम को लेकर एमओयू हुआ है। इस डैम से जुड़े जमीन मालिकों को उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाएगी।

आने वाले दिनों में इस परियोजना से जुड़ी सभी औपचारिकता पूरी करके इस डैम का शिलान्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार व हरियाणा सरकार साथ मिलकर कई अन्य परियोजनाओं की भी रूपरेखा तैयार कर रही हैं । इससे दोनों क्षेत्रों में पर्यटन विकसित होगा।

  • आदिबद्री डैम बनना गौरव की बात - कंवरपाल

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि आदिबद्री में डैम बनाया जाना बेहद गौरव की बात है। वेदों की रचना इसी नदी के किनारे हुई थी। किसी कारणवश यह नदी विलुप्त हो गई थी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सरकार बनाते ही सरस्वती के पुनरूद्धार के लिए काम शुरू किया। आज हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस सपने को साकार किया है। आज यह ऐतिहासिक पल है, यह भगीरथी प्रयास से कम नहीं है।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, अंबाला के सांसद श्री रत्नलाल कटारिया, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, केंद्रीय जल मिशन के अध्यक्ष आरके सिन्हा, हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के एडवाइजर श्री अमित झा, एसीएस श्री अनुराग रस्तोगी , हिमाचल तथा हरियाणा के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।