NCR में रह रहे इन लोगों को जल्द खाली करने होंगे फ्लैट, मालिकों के नाम नोटिस भेजने शुरू

दिल्ली एनसीआर में फ्लैटों में रहने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है इन फ्लैट्स में रह रहे परिवारों को फ्लैट खाली करने के लिए जिला उपायुक्त ने आदेश दिए है. और फ्लैटोे के मालिकों के नाम नोटिस भेजने शुरु कर दिए है. आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते है.
 

HR Breaking News (ब्यूरो)। सेक्टर 109 स्थित चिंटल पैराडिसो के असुरक्षित टावरों की बैरिकेडिंग की प्रक्रिया शुरू होने को है। गुरुवार को एडीसी की टीम ने वहां का दौरा करने के बाद यह आदेश दिए हैं कि जल्द से जल्द बैरिकेडिंग करवाई जाए। ऐसे में बिल्डर की तरफ से प्रक्रिया शुरू होनी है।

समस्या यह है कि अभी भी असुरक्षित घोषित टावरों में कुछ परिवार रह रहे हैं। इन परिवारों की पीड़ा भी है लेकिन सुरक्षा का सवाल भी। हाल ही में एक बार फिर सोसायटी के असुरक्षित टावर से छज्जा गिरने के बाद प्रशासन ने बिल्डर को बैरिकेडिंग के आदेश दिए हैं।

इन फ्लैट्स में रह रहे परिवारों को फ्लैट खाली करने के लिए कई बार जिला उपायुक्त ने भी आदेश दे दिए लेकिन अभी तक फ्लैट खाली नहीं हुए हैं। ऐसे में अब इस कार्य के नोडल अधिकारी और ड्यूटी मैजिस्ट्रेट डीटीपी एनफोर्समेंट मनीष यादव फ्लैट मालिकों के नाम पर अलग-अलग नोटिस भेजने की तैयारी में हैं।

दो हादसों से बढ़ा डर :

चिंटल में पहले फरवरी 2022 में ड्रॉइंग रूम की छत गिरी और नौ नवंबर को टावर D का छज्जा अचानक गिर गया। इसे में निवासियों में भी डर बढ़ गया और प्रशासन भी अब कोई खतरा नहीं लेने के मूड में है।

ऐसे में फिलहाल अनसेफ एरिया की बैरिकेडिंग करवाने के निर्देश दिए हैं और उसके बाद इसपर विचार होगा कि टावरों को ध्वस्त करवाना है या नहीं, करवाना है तो कैसे।

बैरिकेडिंग पर होगा फैसला :

गुरुवार को एडीसी हितेश कुमार मीणा ने बिल्डर को आदेश दिए कि वे जल्द से जल्द बैरिकेडिंग करवाएं। ऐसे में अब बिल्डर पूरे फेज वन की बैरिकेडिंग करना चाहता है लेकिन निवासी चाहते हैं कि बीच में पड़ रहे पार्क का हिस्सा छोड़ दिया जाए। चिंटल्स इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट जेएन यादव का कहना है कि वह पूरा हिस्सा ही असुरक्षित है तो पार्क को कैसे छोड़ दिया जाए।

उन्होंने ऐसे में एडीसी के आदेशों के खिलाफ उपायुक्त को ईमेल करते हुए कहा है कि वे सीधी बैरिकेडिंग करना चाहते हैं ताकि सुरक्षित फेज टू और असुरक्षित फेज वन की टावरों को अलग किया जा सके। इसपर अभी उपायुक्त का जवाब आना है।

असुरक्षित घोषित किए गए थे टावर :

चिंटल के फेज वन के पांच टावर डी, ई, एफ, जी और एच को आइआइटी दिल्ली द्वारा रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया गया था। इसके बाद इन टावर्स को खाली करवाने के लिए कई बार निर्देश दिए गए जिसके बाद अधिकतर निवासियों ने फ्लैट खाली कर दिए। इससे पहले तीन टावर डी, ई और एफ पूरी तरह खाली हो चुके थे। जी टावर में चार और एच टावर में 15 परिवार अभी भी हैं।


कई बार दिए जा चुके हैं खाली करने के आदेश :


जिला उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने चिंटल पैराडिसो के टावरों को खाली करने के आदेश नौ अक्टूबर को भी दिए थे लेकिन अभी तक लोगों ने पूरी तरह से टावर खाली नहीं किए हैं। आईआईटी, दिल्ली द्वारा जारी स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट में असुरक्षित पाए गए इस टावर को खाली करवाने के कई रिमाइंडर्स के बाद भी कुछ लोगों ने इसे नहीं छोड़ा।

डीसी ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 34 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निवासियों को 15 दिनों के भीतर परिसर खाली करने के आदेश दिए थे। ऐसे में अब एक-एक फ्लैट मालिक को सीधा नोटिस भेजा जाएगा और फ्लैट खाली न करने के आदेशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 व आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।