43000 करोड़ में बनेगा UP का ये शहर, वर्ल्ड क्लास सुविधाएं, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में होगा विकसित

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर को 43000 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि नए नोएडा में शिकागो जैसा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के साथ ही इंडस्ट्रियल जोन और रेजिडेंशियल जोन भी बनाए जाएंगे जहां हर वो सुविधा उपलब्ध होगी जिसकी लोग अब तक कल्पना ही करते रहे हैं...
 

HR Breaking News, Digital Desk- दिल्ली एनसीआर में बढ़ती भीड़ और भविष्य में उसकी जरूरतों को देखते हुए अब सरकार ने नया नोएडा बसाने की तैयारी शुरू कर दी है. इस नए नोएडा में देश के लोगों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

नए नोएडा में शिकागो जैसा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के साथ ही इंडस्ट्रियल जोन और रेजिडेंशियल जोन भी बनाए जाएंगे जहां हर वो सुविधा उपलब्ध होगी जिसकी लोग अब तक कल्पना ही करते रहे हैं. 

नए नोएडा को बसाने की तैयारियां जोरों पर चल रही है. पिछले 4 साल में 43000 करोड़ रुपए के निवेश और निर्माण कार्य से नोएडा प्राधिकरण पूरी तरह उत्साहित है. दरअसल अब नोएडा के ज्यादातर इलाकों में ना ही आवासीय और ना ही उद्योग लगाने के लिए जगह बची है. लिहाजा अब नोएडा अथॉरिटी का सारा ध्यान एक्सप्रेसवे यानी साउथ नोएडा की तरफ है.

इसी को लेकर जनवरी 2021 में शासन ने गजट जारी किया था. गजट में नए नोएडा क्षेत्र को 'दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र' नाम दिया गया है. यह नया शहर करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा जो पूरी तरह इंटेग्रेटेड सिटी होगा.

तैयार हो रहा न्यू नोएडा का मास्टर प्लान-

नए नोएडा का मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) तैयार कर रहा है. नोएडा प्राधिकरण ने कंसल्टेंट के रूप में इसका चयन किया है. एसपीए अगले महीने से मास्टर प्लान बनाना शुरू करेगा.

न्यू नोएडा के लिए आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की जैसे तमाम बड़े संस्थानों से आवेदन मांगे गए थे, इन सबके बीच में स्कूल आफ प्लैनिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली को यह काम सौंपा गया है. न्यू नोएडा में हर वर्ग के लोगों की जरूरत को ध्यान में रखकर आधुनिक सुविधाओं से लैस नया शहर बसाया जाएगा.

न्यू नोएडा में इंडस्ट्रियल, स्टेट एग्रो, फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी जोन, स्किल डेवलपमेंट नॉलेज जोन, इंडस्ट्रियल जोन, रेजिडेंशियल जोन स्थापित करने की योजना है. दिल्ली-एनसीआर में नए नोएडा प्रोजेक्ट के बाद इंडस्ट्री और रियल स्टेट के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. कोरोना महामारी की वजह से सबकुछ ठप होने पर अरबों रुपए का नुकसान झेल रहे रियल स्टेट को राहत मिलेगी. इसके साथ ही लाखों लोगों के अपने आशियाने का सपना भी साकार हो सकेगा.

नोएडा अथॉरिटी की मानें तो 80 गांवों को मिलाकर एक न्यू नोएडा बनाने का फैसला लिया गया है. यह फैसला नए नोएडा शहर को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से जोड़ेगा. यह ट्रांसपोर्ट हब बोडाकी रेलवे स्टेशन पर बनेगा. इसके साथ ही दुबई और सिंगापुर जैसे पोर्ट की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो भी बनाया जा रहा है. इसी स्टेशन की दूसरी तरफ आईएसबीटी का निर्माण किया जाएगा जहां पास में ही मेट्रो स्टेशन भी बनाया जाएगा.

80 गांवों के जमीन का होगा अधिग्रहण-

इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की 210 वर्ग किलोमीटर जमीन अधिग्रहीत करने की तैयारी शुरू कर दी है. न्यू नोएडा में दो नए रेल कॉरिडोर गुजरेंगे जिससे नोएडा रेल कॉरिडोर का बड़ा हब बन जाएगा.

गौरतलब है कि नए नोएडा में गौतम बुध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों का शामिल किया गया है जिसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. दरअसल दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भारत सरकार की बहुत बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना में भारत और जापान ने मिलकर काम शुरू किया है. यह कोरिडोर 7 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात से होकर महाराष्ट्र तक जाएगा.

दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना में भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है यह 7 राज्यों दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा पूर्वी राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के इंदौर से होकर गुजरेगा.

करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन तमाम गांव को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था, बाद में बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़ कर दो अलग-अलग प्राधिकरण बना दिए गए थे. इस वजह से इन गांवो को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया था.

अब ये 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को दिए जाने का आदेश राज्य सरकार ने दे दिया है. अब इन गांवों को बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में शामिल कर दिया जाएगा. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेशेवरी ने बताया कि ये 80 गांव मिलने से नोएडा में विकास की योजनाएं लागू की जाएंगी. 

बता दें कि नोएडा ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को 5000 करोड़ रुपए का और यमुना प्राधिकरण को करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज़ दे रखा है, इसके बदले में नोएडा प्राधिकरण ने दोनों प्राधिकरण से जमीन की मांग की थी लेकिन दोनों ही प्राधिकरण ने जमीन देने से इंकार कर दिया. इसके बाद नोएडा के विकास के लिए अब सरकार ने ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को सौंप दिया है जिसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है.

4 साल में 40000 करोड़ का निवेश-

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने जानकारी दी है कि पिछले चार साल में नोएडा में इन्वेस्टमेंट और निर्माण कार्यों की बात करें तो यह आंकड़ा 40000 करोड़ को पार कर चुका है. एक रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण ने 2017 से लेकर 2022 तक 43285 करोड़ से ज्यादा का काम किया है. इस काम में जमीन अलॉटमेंट के जरिए हासिल की गई 23285 करोड़ का निवेश भी शामिल है.  अलॉटमेंट के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने 20 लाख 89 हजार 435 स्क्वायर मीटर जमीन अलग-अलग कंपनियों को अलॉट की है जिनमें आइकिया, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, सैमसंग इंडिया, टीसीएस, अदानी ऑनलाइन, और कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं. 

2020-21 की बात करें तो इस दौरान 186 प्लॉट अलॉट किए गए जिनका साइज 446791 स्क्वायर मीटर था. इस दौरान 6226 करोड़ आवंटित की गई थी. इसमें 18050 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है जबकि 2021-22 की बात करें तो 24 प्लॉट अलॉट किए गए है जिनका क्षेत्रफल 351643 स्क्वायर मीटर है. इसकी कीमत 6745 करोड रुपए है और इस निवेश से 52538 लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. इस तरह से नोएडा अथॉरिटी की कुल 867 प्लॉट, 2089435 स्क्वायर मीटर जमीन की कीमत 23285 करोड आंकी गई है. इस निवेश के जरिए 152553 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.


नोएडा को चार साल में 20086 करोड रुपए की सौगात-

इस तरह बीते 4 साल में नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा शहर को 20086 करोड रुपए की सौगातें दी हैं. इनमें से 15552 करोड रुपए के काम पूरे किए जा चुके हैं. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि 3163 करोड़ रुपए का काम अभी भी जारी है. इसके अलावा नोएडा में फिलहाल 1125 करोड़ रुपए का काम प्रस्तावित है जिसे आगे बढ़ाया जा रहा है.