Oldest Hotel - ये है भारत का सबसे पुराना होटल, 183 साल पहले बनकर हुआ था तैयार

Oldest Hotel - आज देश में लग्जरी और सबसे बड़े होटल मौजूद है। लेकिन आज हम आपको देश के सबसे पुराने होटल के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, ये होटल आज से 183 साल पहले बनकर तैयार हुआ था। आइए नीचे खबर में जाने इस होटल की खिसयत के बारे में...

 
Oldest Hotel - ये है भारत का सबसे पुराना होटल, 183 साल पहले बनकर हुआ था तैयार

HR Breaking News (ब्यूरो)। दुनिया में ऐसे कई होटल हैं, जो काफी पुराने हैं। हालांकि वो समय के साथ बदलते रहते हैं. अपने भारत की ही बात की जाए तो यहां आपको एक से बढ़कर एक पुराने होटल देखने को मिल जाए जो कई दशकों से अपने ग्राहकों की सेवा कर रहा है. यहां कई ऐसे होटल भी आपको देखने को मिल जाएंगे जिन्होंने बदलते वक्त के साथ खुद को बदल लिया और आधुनिक होटल के रुप में तब्दिल हो गए, लेकिन अभी कई सारे होटल ऐसे है जो आज भी परंपरागत तौर तरीकों के लिए जाने जाते है.

जहां कई होटल आजादी के बाद स्थापित हुए और आज तक लोगों को सेवाएं दे रहे हैं तो वहीं कई होटल ऐसे भी जो आजादी के पहले के बने हुए और आज भी अपनी सर्विस दिए जा रहे हैं. आज हम आपको भारत में स्थित एक ऐसे ही होटल का किस्सा बताएंगे जो ना सिर्फ भारत बल्कि एशिया(Oldest hotel in Asia) का सबसे पुराना होटल है.


हम बात कर रहे हैं कोलकाता में स्थित द ललित ग्रेट ईस्टर्न होटल कोलकाता (The Lalit Great Eastern Hotel Kolkata) के बारे में जो ना सिर्फ अपने भारत का एशिया का सबसे पुराना होटल है. इस होटल के इंस्टाग्राम अकांउट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसका निर्माण 1840 में डेविड विल्सन (David Wilson) ने करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि होटल बनाने से पहले विल्सन इस जगह बेकरी का काम किया करते थे.


होटल की शुरुआत 100 कमरों से हुई थी जबकि ग्राउंड फ्लोर पर एक डिपार्टमेंटल स्टोर खोला गया था. इस होटल का जब निर्माण हुआ उस समय इसका नाम ऑकलैंड होटल (Auckland Hotel) था जो जॉर्ज ईडन (George Eden) के सम्मान में रखा गया. कहते हैं ये नाम जॉर्ज ईडन (George Eden) के सम्मान में रखा गया था. जॉर्ज उस समय अर्ल ऑफ ऑकलैंड (Earl of Auckland) थे और भारत के गवर्नर जनरल भी थे.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये देश का पहला होटल था जसमें पहली बार साल 1859 में कोई भारतीय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हुआ था. इस होटल का विस्तार 1860 में किया गया था. साल 1883 में होटल को बिजलीकरण हुआ और तब ये होटल बिजली से जगमगाने वाला भारत का पहला होटल बन गया और फिर साल 1915 में होटल का नाम बदलकर ग्रेट ईस्टर्न होटल कर दिया गया.


इस होटल का जिक्र मशहूर लेखक और कवि रुडयार्ड किपलिंग ने अपनी शॉर्ट स्टोरी सिटी ऑफ ड्रेडफुल नाइट्स में मिलता है. इस होटल को एक समय में लोग पूरब का गहना (c) भी कहते थे. होटल का मैनेजमेंट 1970 के दौरान राज्य सरकार ने अपने हाथों में ले लिया था और साल 2005 में होटल को ललित सूरी हॉसपिटैलिटी ग्रुप को बेच दिया गया.