UP News : यूपी के इन 15 जिलों में अब कैमरे से कटेंगे चालान, वाहन चालक हो जाएं सावधान
UP Traffic E-challans News : ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस के नियम हर रोज सख्त होते जा रहे है। खासकर उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों को लेकर काफी बदलाव किए गए है। आपको बता दे की अब यूपी के इन 15 जिलों में कैमरे से चालान कटेंगे, आइए खबर में जानते है वाहन चालकों को लेकर जारी हुए इस अपडेट के बारे में विस्तार से।
HR Breaking News :(Traffic E-challans News) सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस अपने नियमों में समय-समय पर बदलाव कर रही है। ट्रैफिक चालान से बचने के लिए लोग तरह-तरह तरीके अपनाते रहते है लेकिन अब अगर ट्रैफिक नियमों को तोड़ा तो चकमा देने का फॉर्मूला भी काम नहीं आएगा। आपको बता दे की उत्तर प्रदेश (UP News) के 15 जिलों में ट्रैफिक नियम और सख्त होने वाले हैं। ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने और बढ़ते सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए यहां तीसरी आंख से वाहनों पर निगरानी रखी जाएगी। कई बड़े शहरों में तो यह व्यवस्था पहले से थी लेकिन अब छोटे शहरों में भी यह लागू होगा।
यूपी के इन 15 जिलों में शुरू होगा ITMS- (UP News)
हरदोई, बांदा, बस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी, प्रतापगढ़, गाजियाबाद, सुलतानपुर, कानपुर देहात, उन्नाव और एटा जिले में जल्दी ही इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यान ने साल 2021 में निर्देश दिए थे कि 57 शहरों और सभी नगर निगमों में आईटीएमएस को शुरू किया जाए।
इन बड़े शहरों में है पहले से लागू-
अभी उत्तर प्रदेश के 17 जिले ऐसे हैं, जहां इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) काम कर रहा है। लखनऊ, कानपुर, नोएडा, वाराणसी, आगरा में सबसे पहले इसकी शुरुआत हुई। इसके बाद गोरखपुर, मेरठ, बरेली, शाहजहांपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, झांसी, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मथुरा और अयोध्या में यह सिस्टम शुरू हो चुका है।
इस नए सिस्टम से होंगे ये बदलाव-(new traffic rules)
ITMS सिस्टम के आने से शहरों के मुख्य चौराहों पर ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली की शुरुआत (Introduction of Automatic Signal System)हो जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि सीसीटीवी से वाहनों की नंबर प्लेट को ट्रैस कर लिया जाएगा और ई-चालान सीधे वाहन स्वामी के घर भेज दिया जाएगा। यही नहीं ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा मिलेगा। किसी विरोध प्रदर्शन या किसी वजह से कहीं जाम लगता है तो ट्रैफिक डायवर्ट हो सकेगा। यही नहीं मेडिकल इमरजेंसी में भी आटोमेटिक साउंड सिस्टम(automatic sound system) से मार्ग को ग्रीन कोरिडोर बनाया जा सकेगा।