UP News : उत्तर प्रदेश में इस महीने से प्रीपेड होंगे बिजली के मीटर, रिचार्ज कराने पर ही आएगी बिजली

UP News :यूपी में अब बिजली उपभोक्ताओं के लिए नए सिस्टम पर काम किया जा रहा है। अब इस महीने से यूपी में बिजली के मीटर प्रीपेड (electricity meter prepaid) होंगे। इसका फायदा उपभोक्ताओं को ये होगा प्रीपेड बिजली के मीटर के रिचार्ज कराने पर ही ही तुरंत बिजली आएगी। ये कुछ ऐसा ही होगा, जैसे कि मोबाइल में बैलेंस खत्म होते ही कॉल बंद हो जाती है और रिचार्ज करने पर तुरंत रिचार्ज हो जाता है।

 

HR Breaking News (UP News) प्रदेश में अब बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी नया सिस्टम लागू किया जाने वाला है। अपडेट यह आया है कि यूपी में अब स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड मीटरों में तब्दील किया जाएगा। बिजली के मीटर रिचार्ज (electric meter recharge) कराने पर ही बिजली आने लगेगी। यानी एक तरह से तो अब उपभोक्ताओं को बिजली का यूज कराने से पहले मीटर में रिचार्ज कराना होगा। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में।

 

 

प्रीपेड मोड में शिफ्ट करा लें मीटर
 

जानकारी के लिए बता दें कि 25 अक्तूबर तक जिले के सभी स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड सिस्टम (Smart meters prepaid system) में तब्दील कर दिया जाएगा। इस दौरान जिले में तकरीबन 2.88 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से ज्यादातर घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। वैसे तो अब तक 48,565 उपभोक्ताओं के मीटरों को प्रीपेड मोड (prepaid mode) में कन्वर्ट कर दिया गया है।

अधीक्षण अभियंता का कहना है कि विभाग की तरफ से शामली, कैराना, कांधला और जलालाबाद के उपभोक्ताओं को लगातार मैसेज भेज रहे हैं ताकि वे उपभोक्ता समय रहते अपने मीटर को प्रीपेड मोड में शिफ्ट करा लें। उनका कहना है कि विभाग यही कोशिश कर रहा है कि 25 अक्तूबर से पूरे जिले में यह व्यवस्था लागू कर दी जाए।

बिल बकाया की समस्या होगी खत्म 
 

बता दें कि इस नई व्यवस्था के बाद उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग  (consumers consume electricity) करने से पहले मीटर में रिचार्ज कराना जरूरी होगा। ऐसे में जब तक बैलेंस रहेगा, वैसे ही बिजली की आपूर्ति भी मिलती रहेगी और बैलेंस खत्म होने के बाद बिजली की सप्लाई अपने बंद हो जाएगी। सप्लाई बंद होने के बाद उपभोक्ता ऊर्जा निगम की वेबसाइट, मोबाइल एप या नजदीकी बिजली कार्यालय या पावर हाउस के काउंटर पर जाकर रिचार्ज करा सकते हैं।


इसका फायदा यह होगा कि बिल बकाया  (bill due) की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी और बिजली चोरी पर भी रोक लगेगी। विभाग के मुताबिक उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा होगा, क्योंकि वे अपने खर्च और बिजली खपत को खुद मॉनिटर कर सकेंगे।

लोड बढ़ते ही विभाग को मिलेगी सूचना 
 

स्मार्ट मीटरों की तकनीक से यह पता चल सकेगा कि किस फीडर या ट्रांसफार्मर पर लोड सबसे अधिक है। इससे ओवरलोडिंग और फॉल्ट जैसी समस्याओं का तुरंत ही समाधान हो जाएगा। विभागीय अधिकारी सिस्टम (departmental officer system) पर ही कि कौन-सा मीटर ज्यादा लोड दिखा रहा है या बिजली खपत असामान्य है। यब सब देख सकेंगे ओर आसानी से इसका समाधान निकाल सकेंगे। 

प्रीपेड सिस्टम के फायदे
 

अगर प्रीपेड सिस्टम (prepaid system kya hai) लग जाता है तो प्रीपेड मीटर में रीडिंग घटाने या बढ़ाने जैसी कोई गुंजाइश ही नहीं रहेगी। या यूं कहलें की मीटर पूरी तरह से टैंपर प्रूफ रहेगा। ऐसे में बिजली की खपत और भुगतान का प्रोसेस पूरी तरह पारदर्शी होगा।

विभाग खोलेगा नया हेल्पलाइन सेंटर 
 

दरअसल, आपको बता दें कि बिजली उपभोक्ताओं (electricity consumers) को सुविधा देने के लिए विभाग की ओर से जल्द ही जिले में नया हेल्पलाइन सेंटर खुलने जा रहा है। इस हेल्पलाइन सेंटर में उपभोक्ताओं की सभी शिकायतें दर्ज होंगी। हालांकि इसका सुपरविजन विभाग करेगा, लेकिन जो कॉल रिसीव करने और शिकायत दर्ज करने का काम होगा, वो निजी एजेंसी के जरिए होगा।

स्मार्ट मीटरों को करा लें प्रीपेड मोड में अपडेट 
 

उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर (consumer helpline number) पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। उपभोक्ता 1912 पर कॉल कर अपनी समस्याएं जैसे नया कनेक्शन, बिल संशोधन, मीटर दिक्कत, नाम परिवर्तन या सप्लाई बाधित होने की शिकायत करा सकेंगे। गांव-शहरी दोनों क्षेत्रों में उपभोक्ताओं से रिक्वेस्ट की गई है कि वे समय रहते अपने स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड मोड में अपडेट कर लें। अगर वो ऐसा कर लेते हैं तो उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।