UP News : यूपी में पेपर लीक को लेकर आया नया कानून, 1 करोड़ रुपये जुर्माने के साथ इतने साल की सजा
UP News : हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि योगी सरकार ने पेपर लीक और नक़ल माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने जिस तरफ माफिया, अपराधियों के खिलाफ मुहिम चलाई थी; वैसी ही कार्रवाई अब नकल-पेपर लीक और सॉल्वर गैंग से जुड़े लोगों पर होगी। आइए नीचे खबर में जान लेते है इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी।
HR Breaking News, Digital Desk- NEET और UGC नेट पेपर लीक विवाद के बीच योगी सरकार ने पेपर लीक और नक़ल माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेपर लीक के खिलाफ अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.
इस अध्यादेश के लागू होते ही नक़ल माफियाओं पर कार्रवाई में और तेजी देखने को मिलेगी. दरअसल पेपर लीक मामलों से सरकार के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है. एक तरफ युवाओं में नाराजगी है तो दूसरी तरफ विपक्ष ने भी इस मामले को लेकर जोरदार हमला जारी रखा है.
इसको देखते हुए योगी सरकार ने जिस तरफ माफिया, अपराधियों के खिलाफ मुहिम चलाई थी; वैसी ही कार्रवाई अब नकल-पेपर लीक और सॉल्वर गैंग से जुड़े लोगों पर होगी. अध्यादेश के तहत पेपर लीक में आरोपी पाए जाने पर दो साल से लेकर उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा एक करोड़ का जुर्माना (fine) भी देना पड़ेगा. आज हुई बैठक में पेपर लीक से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी. गौरतलब है कि पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री की तरफ से पेपर लीक को लेकर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए थे.
सरकार कई दिन से कर रही थी तैयारी, पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून-
फ़रवरी में यूपी पुलिस (UP Police) की सिपाही भर्ती परीक्षा और उससे पहले आरओ और एआरओ का पेपर लीक हुआ था. तभी से यह संकेत मिलने लगे थे कि सरकार जल्द ही पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लेकर आ सकती है. अब अध्यादेश के जरिए सरकार पेपर लीक के खिलाफ नया कानून लेकर आ रही है.
पेपर लीक रोकने के लिए नई नीति का भी ऐलान-
बता दें कि योगी सरकार (Yogi Government) ने पेपर लीक रोकने के लिए नई नीति का भी ऐलान कर दिया है. जिसके तहत हर पाली में 2 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए. प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी (agency) के माध्यम से होगी. पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित किया जाएगा. चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएंगे. सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी.