UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत प्रदेश के इन शहरों में विकसित की जाएंगी नई टाउनशिप, 1832 करोड़ रुपये देगी सरकार

New township in UP : उत्तर प्रदेश में लगातार नई नई टाउनशिप को विकसित किया जा रहा है। अब यहां पर एक और नई टाउनशिप को बसाने की तैयारी हो रही है। यूपी समेत राजधानी के कई शहरों को विकसित (UP Devlopment) किये जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए सरकार 1832 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। 

 

HR Breaking News (township in UP) यूपी में लगातार नई-नई टाउनशिप को विकास विकसित किया जा रहा है। टाउनशिप के बनने की वजह से राज्य में रहने की व्यवस्था सम हो रही है। अब यहां पर एक और नए शहर (New City in UP) को विकसित किया जाएगा। सरकार को यह कदम उठाने के लिए 1832 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। आइए जानते हैं इस बारे में।

 

 

सरकार पर आएगा इतना भार 

उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ समेत चार शहरों में नई टाउनशिप को बसाने के लिए तैयारी शुरू कर रही है। इस टाउनशिप के विकास के लिए सरकार पर 1832.51 करोड़ रुपये देने वाली है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण (Chief Minister Urban Extension) नए शहर के लिए किस्त जल्द ही दी जाएगी। 

वित्त मंत्री ने दी जानकारी 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आवास एवं शहरी परियोजन विभाग से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। वित्त मंत्री (Finance Minister Of India) ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य मंत्री शहरी विस्तारिकरण नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाएगी। 

कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति

कैबिनेट ने 1832.5 एक करोड़ रुपए देने के लिए सवकृति प्रदान कर दी है। इसमें 970 करोड़ रुपए पहली किस्त जारी की जाने की मंजूरी भी मिल गई है। इसमें से 750 करोड़ रुपये लखनऊ को जबकि 100-100 करोड़ रुपए अयोध्या में रामपुर विकास प्राधिकरण (Rampur Development Authority) को दिए जाएंगे। बागपत-खेकड़ा-बड़ौत विकास प्राधिकरण को भी 20 करोड़ रुपए सीड कैपिटल के तौर पर दिये जाएगें।

इतने समय के लिए दी जाएगी राशि 

ऐसे में नगरीय क्षेत्र के सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवास सुविधा भी उपलब्ध होगी। योगी सरकार की मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना (New City in UP) की वजह से राज्य में एक नई पहल आएगी। योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन में आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने की तैयारी की गई है।