UP News : यूपी के इस छोटे से जिले में हैं 5 रेलवे स्टेशन, चारों दिशाओं के लिए निकलती हैं ट्रेनें

UP Railway Station : उत्तर प्रदेश में प्रगति कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। यहां पर लगातार नए नए रेलवे स्टेशन का निर्माण होने वाला है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूपी के इस छोटे जिले में ही 5 रेलवे स्टेशन (5 New Railway Station in UP) का निर्माण होने वाला है। इस छोटे से जिले से ही चारों दिशाओं ट्रेनें निकल रही है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।

 

HR Breaking News (UP New Station)। उत्तर प्रदेश में यात्रियों को बेहतर यातायात सुविधाएं देने के लिए सरकार तरह तरह के फैसले ले रही है। उत्तरप्रदेश के छोटे से छोटे जिले में रेलवे की सुविधाएं (Facilities In UP Railway Station) प्रदान कर दी गई है।

 

 

बता दें कि यूपी के इस जिले में पांच रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे टेशन से चारों दिशाओं के लिए ट्रेनें रफ्तार भरती हैं। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से यूपी के इस शानदार जिलों के बारे में बताने जा रहे हैं। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।

रोजाना यात्रा करने का मिलेगा मौका

उत्तर प्रदेश का यह मुख्य रेलवे स्टेशन है। हावड़ा-दिल्ली रूट (Howrah-Delhi Route) के दिल्ली-कानपुर खंड पर स्थित रही है। यहां कई दिशाओं से लाइनें आकर मिलती हैं। दिल्ली, गाजियाबाद, टूंडला, आगरा कैंट, इटावा और कानपुर के लिए ट्रेनें जाती हैं। लगभग 65 हजार यात्री रोजाना यात्रा करने का मौका मिल रहा है।

यहां लगभग 55 ट्रेनें रुक जाती है। यहां से दो ट्रेनें बनकर चलने वाली हैं। दो ट्रेनें टर्मिनेट भी होती हैं। महानंदा एक्सप्रेस, लालकिला एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, आनंद विहार कोलकाता एक्सप्रेस, टाटा जम्मूतवी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस (Gomti Express) और कालका मेल प्रमुख रूप से शामिल किा गया है।

यहां पर बनेगा हॉल्ट स्टेशन

हाथरस रोड एक हॉल्ट स्टेशन रहने वाला है जोकि कासगंज वाली लाइन पर पड़ता है। हाथरस रोड (Hathras Road) की बात करें तो इस रेलवे स्टेशन की कुछ अनोखी विशेषताएं भी हैं। यह रेलवे स्टेशन मथुरा-कासगंज मीटर गेज लाइन में बना हुआ था। इसके बाद इसे ब्रॉडगेज में तब्दील कर दिया गया है।

हाथरस जंक्शन में बगल में होते हुए भी यह रेलवे स्टेशन (Railway Station in UP) अपनी अलग पहचान रखता था, इस वजह से आज भी यह हाथरस रोड के नाम से जाना जाता है। ये स्टेशन इस बात की ओर संकेत देता है कि ये रेलवे लाइन आपको हाथरस जंक्शन से जोड़ा जाने वाला है।

अंग्रेजों ने कराया था स्टेशन का निर्माण

18वीं शाताब्दी में अंग्रेजों ने इस स्टेशन का निर्माण करवा था। 47 किलोमीटर लंबी हाथरस रोड मथुरा रेल लाइन 1875 में खोली गई थी। मथुरा-कासगंज रूट पर ही बरेली के लिए ट्रेनों को चलाया जाता है। मथुरा-कासगंज रेल ट्रैक (Mathura-Kasganj Rail Track) 105 किलोमीटर तक लंबा रहने वाला है। इस ट्रैक का दोहरीकरण किया जा रहा है। हाथरस सिटी जंक्शन से 9 किलोमीटर दूर है। पहले यह मीटर गेज लाइन थी। फिर इसे ब्रॉडगेज में बदल दिया गया था। यह स्टेशन शहर की आबादी वाले इलाके में है।

स्टेशन का ये है इतिहास

हाथरस किलारेलवे स्टेशन सिर्फ मालगाड़ियों के लिए यूज किया जाता है। हाथरस सिटी के आसपास सबसे ज्यादा आबादी रही है। यह भी कासगंज वाली लाइन पर ही पड़ता है। 17-18वीं शाताब्दी में जाट शासकों की ओर से हाथरस जंक्शन (Hathras Junction) से एक लाइन हाथरस किला के लिए निकाली गई। यह लाइन हाथरस किले को जोड़ती है। इस ट्रैक का निर्माण किले के निर्माण के दौरान माल ढुलाई के लिए किया गया था। यह आखिरी रेलवे स्टेशन है, इस लाइन को आगे किसी और ट्रैक से नहीं जोड़ा जा रहा है।

फ्रेट कॉरिडोर के तहत होगा निर्माण

न्यू हाथरस रेलवे सटेशन का निर्माण डैडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) के तहत किया जाने वाला है। वैसे यह भारतीय रेलवे का हिस्सा नहीं रहा है। ये रेलवे स्टेशन न्यू हाथरस डीएफसी में स्थित है। यहां कोई भी सवारी गाड़ी नहीं चलती है।