UP में ग्रीनफिल्ड तकनीक से तैयार होगा नया एक्सप्रेसवे, 9 घंटे का सफर 3 घंटे में होगा पूरा
Expressway Updates : अब यूपी में जल्द ही एक नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है। ये नया एक्सप्रेसवे ग्रीनफिल्ड तकनीक से तैयार किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यूपी वालों को 9 घंटे का सफर 3 घंटे में पूरा हेा जाएगा। प्राधिकरण की ओर से इस नए एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway)पर काम किया जा रहा है। आइए खबर में जानते हैं कि ये ग्रीनफिल्ड तकनीक से कौन सा एक्सप्रेसवे तैयार किया जाएगा।
HR Breaking News : (Expressway Updates) वैसे तो यूपी की सड़क संपर्क व्यवस्था के विकास के लिए नए- नए कदम उठाए जा रहे हें और अब इसी बीच एक नई परियोजना को लेकर काम चल रहा है।
अब यूपी में एक नया एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना है। इस एक्सप्रेसवे (Expressway Updates) का निर्माण ग्रीनफिल्ड तकनीक से किया जाएगा, जिससे यूपी के औद्योगिक व आर्थिक विकास को नई गति मिल सकेगी। आइए खबर में जानते हैं इस ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेसवे के बारे में।
कौन सा है ये एक्सप्रेसवे
अब इन दिनों यूपी के नोएडा से लखनऊ (Expressway Noida Lucknow)तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए लगभग 45,000 रुपये करोड़ की लागत आ सकती है और यह अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे राजधानी लखनऊ और दिल्ली-एनसीआर के बीच की दूरी को बेहद कम कर देगा।
अभी फिलहाल में नोएडा से लखनऊ (Noida-Lucknow Greenfield Expressway)पहुंचने में सड़क मार्ग में 8 से 9 घंटे का वक्त लगता है, लेकिन इस नए एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद यह समय सिर्फ 3 से 4 घंटे तक रह जाएगा। इससे यात्रियों को राहत मिलने के साथ ही माल ढुलाई और औद्योगिक परिवहन को भी नई दिशा मिलेगी।
शून्य से विकसित किया जाएगा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
बता दें कि यह प्रोजेक्ट (UP Government New Project)एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाएगा, यानी की इसे नई भूमि पर शून्य से विकसित किया जाएगा। बता दें कि इसमें कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं होगा और वाहन बिना रुके तेज गति से आवाजाही कर सकेंगे।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की विशेषताए
इस ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (Greenfield Corridor) में कई विशेषताएं होने वाली है। इसेम स्मार्ट टोलिंग सिस्टम होगा, जिससे वाहन बिना रुके टोल पार करेंगे और सर्विस लेन बनाई जाएगी, ये खासतौर पर लोकल ट्रैफिक के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी।
ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए जाएंगे, जिससे हर प्रमुख जंक्शन पर सुरक्षित क्रॉसिंग हो सकेगी और समर्पित ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर होंगे, जिससे हर समय मॉनिटरिंग और सुरक्षा व्यवस्था होगी। इसके साथ ही इसे इको-फ्रेंडली डिजाइन (Expressway Updates) बनाया जाएगा।
आर्थिक विकास को मिलेगी नई दिशा
जैसे ही यह एक्सप्रेसवे (UP Newe Expressway ) बनकर तैयार हो जाता है तो इससे यूपी के पश्चिमी और केंद्रीय हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी और साथ ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के उद्योगों से जुड़े माल को लखनऊ और आसपास के बाजारों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
इस नए एक्सप्रेसवे (UP Expressway Updates) के निर्माण से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा ओर साथ ही निर्यातक और आपूर्ति श्रृंखला कंपनियों को लॉजिस्टिक्स लागत कम हो सकेगी।
इससे हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से औद्योगिक पार्क और वेयरहाउस हब का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे लखनऊ, कानपुर और आसपास के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान हो सकेगी।
कब तक पूरी होगी यह परियोजना
यूपी सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority) ने इस प्रोजेक्ट का काम तेज गति से पूरा करने का प्लान किया है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report) अभी आखिरी चरण में है और भूमि अधिग्रहण का प्रोसेस भी जलद शुरू हो जाएगा और मकसद है कि यह एक्सप्रेसवे साल2026 तक चालू हो जाए।
रोजगार के नए अवसर होंगे उपलब्ध
जैसे ही इस एक्सप्रेसवे (UP Expressway News)का निर्माण कार्य पूरा होता है तो इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा। इससे निर्माण सामग्री, इंजीनियरिंग सेवाएं, ढांचागत सुविधाएं और स्थानीय संसाधनों की मांग में बढ़ौतरी होगी और साथ ही रास्ते में पड़ने वाले कस्बों और शहरों में रियल एस्टेट और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
सुरक्षा और आधुनिक तकनीक का मेल
इस एक्सप्रेसवे (UP Expressway Updates) पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर CCTV कैमरे, इमरजेंसी कॉल बॉक्स और एम्बुलेंस सर्विस उपलब्ध होगी। हाईवे के प्रत्येक 30-40 किमी पर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट और हर 100 किमी पर फ्यूल स्टेशन और रेस्ट एरिया बनाए जाएंगे। स्मार्ट लाइटिंग और स्वचालित मॉनिटरिंग सिस्टम इसे भारत के सबसे सुरक्षित और आधुनिक एक्सप्रेस वे में शामिल करेंगे।
क्या है ग्रीन कॉरिडोर का लाभ
बता दें कि यह एक्सप्रेसवे इको-फ्रेंडली ग्रीन कॉरिडोर (Eco-friendly Green Corridor) के रूप में भी विकसित किया जाना है और इसकेकिनारों पर लाखों पौधे लगाए जाएंगे और सौर ऊर्जा से इसके कुछ हिस्से रोशन होंगे। इतना ही नहीं वर्षा जल संग्रहण प्रणाली भी बनाई जाएगी ताकि पर्यावरण संरक्षण और भूजल स्तर को इसका फायदा मिल सकें।
रणनीतिक दृष्टि से जरूरी है यह एक्सप्रेसवे
बता दें कि नोएडा से लखनऊ के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी (High-speed connectivity)यूपी के विकास के लिए रणनीतिक दृष्टि से जरूरी है और यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को सीधे तौर पर कनेक्ट करता है। इस एक्सप्रेसवे (UP New Expresway) के निर्माण से राज्य के औद्योगिक गलियारों को नई दिशा मिल सकेगी और पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच आर्थिक असंतुलन घट जाएगा।