UP के शाहजहांपुर, बरेली और बदायूं को मिली करोड़ों की सौगात, इन प्रोजेक्ट पर काम होगा शुरू
UP News - यूपी के शाहजहांपुर, बरेली और बदायूं को करोड़ों की सौगात मिली है। जिसके चलते अब जल्द ही इन प्रोजेक्टस पर काम शुरू होगा... प्रोजेक्टस से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े।
HR Breaking News, Digital Desk- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने बीते दिनों मंडल के 25 साल के विकास का प्लान का प्रस्तुतिकरण अफसरों ने दिया। अब सभी इसको तैयार करने में जुट गए हैं। इसमें आसपास के जिलों को भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण अन्य शहरों का भी लाभ अपने मंडल को मिलेगा।
नैनीताल, दुधवा का पर्यटन मंडल के विकास को समृद्ध करेगा। इसके साथ ही रामपुर, उत्तराखंड के नजदीक के शहरों को भी योजना में जोड़ा जाएगा। मंडल के जिलों को इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री, एग्रो बेस प्रोडक्ट, वाइल्ड लाइफ की दिशा में मजबूत किया जाएगा, जिससे यहां पर्यटन बढ़ेगा।
बरेली में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर रहेगा जोर-
बरेली पहले से ही मेडिकल और एजुकेशन हब के रूप में पहचान रखता है। नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसके साथ ही यहां रामगंगा नगर आवासीय योजना, ग्रेटर बरेली योजना, कल्चरल एंड स्पोर्ट्स सेंटर, बीडीए भवन का निर्माण, सड़कों का निर्माण हो रहा है। भविष्य में यहां एरोसिटी, रियल एस्टेट, टूरिज्म, लॉजिस्टिक हब, हैंडीक्राफ्ट हब, डेयरी उत्पाद की संभावनाएं हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट आसपास के जिले को लोगों को यहां के लिए आकर्षित करेगा।
शाहजहांपुर को बनाया जाएगा इंडस्ट्रियल हब-
शाहजहांपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज, सीवरेज स्कीम, आरओबी का निर्माण, नगर निगम भवन निर्माण, वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण, नगर निगम प्रेक्षागृह का निर्माण समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। भविष्य में जिले को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय, बीज प्रोसेसिंग यूनिट, कोआपरेटिव, डेरी, बायोगैस, बस स्टैंड, लॉजेस्टिक हब, माल व रिसोर्ट, मेडिकल कॉलेज आगे की योजना में शामिल है।
विधानसभा क्षेत्र बनेंगे पर्यटन स्थल-
पर्यटन को बढ़ावा देने के दावों को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है। अब प्रत्येक विधानसभा स्तर पर एक पर्यटन स्थल विकसित किया जाएगा, जिसको विकसित करने का कार्य मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना से किया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बरेली व मुरादाबाद मंडल बृज पाल सिंह ने बताया है कि इस योजना में एक पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए सांसद लोकसभा एवं राज्यसभा, विधायक (विधान सभा विधान परिषद) के अतिरिक्त कोई भी प्रतिष्ठित एवं सक्षम व्यक्ति, सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी, गैर सरकारी संस्था, संगठन इसके लिए प्रस्ताव दे सकता है। परियोजना लागत 25 लाख रुपये से पांच करोड़ तक रखी जा सकती है।
बदायूं को मिलेगी नई पहचान-
एग्रो प्रोडक्ट के लिए होगी बदायूं में 646 करोड़ से सरकारी मेडिकल कॉलेज, 412 करोड़ से महिला पीएसी बटालियन, 10.53 करोड़ से दमकल स्टेशन, 20.97 करोड़ रुपये से सरकारी पॉलिटेक्निक होना है। भविष्य में इसे एग्रो प्रोडक्ट के रूप में पहचान दिलाने की तैयारी है। 25 साल के प्लान में यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रेल कनेक्टिविटी, मेंथा इंडस्ट्री, अमरूद व आलू प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी रूपरेखा बनाई जा रही है। मेंथा का काम यहां बढ़ाया जाएगा।
तैयार किया जा रहा 25 साल के विकास का प्लान-
लखनऊ में 26 मई को दो दिवसीय रीजनल प्लानिंग कांक्लेव में बरेली मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने मंडल में 25 साल की विकास की योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की थी। उन्होंने बरेली, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर जिलों की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक जरूरतों के साथ ही ट्रिलियन इकोनॉमी की ओर बढ़ते अवसर के बारे में भी बताया।
नजदीक के पर्यटन स्थलों से बरेली की सुधरेगी अर्थव्यवस्था-
बरेली के साथ आसपास के पर्यटन स्थलों को जोड़ने से यहां की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। एक घंटे की दूरी पर रामपुर की रजा लाइब्रेरी, तीन घंटे की दूरी पर नैनीताल। इतना ही करीब रामनगर का जिम कार्बेट पार्क और लखीमपुर खीरी का दुधवा पार्क। पीलीभीत का टाइगर रिजर्व तो मात्र एक घंटे में पहुंचा जा सकता है। एयरपोर्ट होने के कारण यहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। पर्यटक बढ़ने से उनके लिए आसपास के पर्यटन स्थलों पर टूर का पैकेज भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए टैक्सी सर्विसेज भी शुरू होगी।
पीलीभीत में ईको टूरिज्म की संभावना अधिक-
पीलीभीत में 284 करोड़ से मेडिकल कॉलेज, 25. 66 करोड़ से ट्रांजिट होस्टल, 47 करोड़ से दो आरओबी, 10.94 करोड़ से एआरटीओ ऑफिस का निर्माण, 9.20 करोड़ से पॉलिटेक्निक निर्माण होना है। यहां ईको टूरिज्म, टाइगर रिजर्व, टूरिज्म गेस्ट हाउस, होटल, रिसोर्ट, मॉल, मल्टीप्लेक्स, रेलवे-रोड, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बांसुरी व लकड़ी का कार्य को बढ़ावा देने के लिए प्रयास होंगे।