Uttar Pradesh Land Acquisition : उत्तर प्रदेश में 1234 करोड़ रुपये से होगा भूमि अधिग्रहण, यहां शुरू की जाएगी आवासीय योजना

UP News : यूपी सरकार की ओर से अब प्रदेश में शहरों में आवासीय योजना लाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया गया है। अब जल्द ही यूपी में महत्वपूर्ण आवासीय योजना शुरू होने जा रही है। इस परियोजना के लिए 1234 करोड़ रुपये से भूमि अधिग्रहण (Land acquisition)  किया जाना है। ऐसे में आइए खबर में जानते हैं कि यूपी में ये आवासीय योजना कहां शुरू की जानी है।

 

HR Breaking News (UP News) अब यूपी शहर में कई आवासीय योजनाओं की भी मंजूरी दी जा रही है। सरकार की इस नई आवासीय परियोजना से क्षेत्र में विकास को बढ़ावा तो मिलेगा ही ओर साथ ही स्थानीय लोगों के लिए आवास के अवसर सृजित होंगे। इन नई परियोजनाओं (Uttar Pradesh Land Acquisition ) से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इसके लिए भूमि अधिग्रहण का प्रोसेस पारदर्शी होगा। योजना के तहत भूमि अधिग्रहण पर 1234 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है।

 


किन परियोजनाओं की मिली मंजूरी


दरअसल, आपको बता दें कि प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh district) में भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना कटरा रोड में नई आवासीय योजना लाने के लिए परिषद बोर्ड ने अधिनियम 1965 (Council Board Act 1965)  की धारा 31(1) के मुताबिक आबादी की भूमि छोड़ने पर अपनी सहमति जताई है। गौर करने वाली बात यह है कि दिसंबर 2024 में प्रतापगढ़, गाजीपुर व मऊ की तीन आवासीय योजनाओं को शासन की मंजूरी मिल चुकी है।

 


किसानों की कितनी है भूमि


यूपी आवास एवं विकास परिषद बोर्ड (UP Housing and Development Council Board) की 273वीं बोर्ड बैठक बीते गुरुवार को प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की अध्यक्षता में की गई। जानकारी के लिए बता दें कि प्रतापगढ़ जिले में भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना कटरा रोड के तहसील सदर में ग्राम टेउंगा, भूमियामऊ, बडनपुर, जहनईपुर की भूमि को मिलाकर 13.4478 हेक्टेयर भूमि ग्राम सभा की है ओर 6.6590 हेक्टेयर आबादी के रूप में और कुल 153.6177 हेक्टेयर किसानों की है।


प्रोजेक्ट के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण (proposed land acquisition) पर 1234 करोड़ रुपये लागत आने की संभावना है। स्थल पर कराए गए सर्वे में 11 हेक्टेयर भूमि पर आबादी और लोगों के कब्जे पाए गए हैं। परिषद इस भूमि को छोड़कर और 141 हेक्टेयर पर आवासीय योजना लाने का प्लान कर रहा है।


1300 एकड़ की योजना पर होगा मंथन


परिषद की ओर से बोर्ड में सहारनपुर में आवासीय योजना (Housing Scheme in Saharanpur) लाने का प्रस्ताव रखा गया था। तकरीबन 1300 एकड़ की योजना पर मंथन के बाद बोर्ड सदस्यों ने इस बारे में चर्चा की ओर कहा कि क्या इतनी बड़ी योजना की जरूरत भी है इसके लिए पहले डिमांड सर्वे कराया जाना चाहिए। ऐसे में इस योजना को अब अगली बैठक में रखा जा सकता है।

इन पांच योजनाओं को मिलेगा धन


आवास विकास परिषद की 5 प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत जल्द ही धनराशि मिलने वाली है। परिषद ने इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया है।


योजना                क्षेत्रफल                भूमि अधिग्रहण पर होगा इतना खर्च


मऊ योजना    204 हेक्टेयर    3000 करोड़
गाजीपुर योजना    65 हेक्टेयर    489 करोड़
चित्रकूट योजना    64 हेक्टेयर    557 करोड़
बांदा योजना    136 हेक्टेयर    722 करोड़
प्रतापगढ़     योजना  153 हेक्टेयर    1234 करोड़

कानपुर में थाने के लिए मिलेगी जमीन


परिषद कानपुर कमिश्नरेट (Council Kanpur Commissionerate) के पुलिस थाना बनाने के लिए 2023 में प्रस्ताव मिल गया था। पेमेंट की धनराशि को लेकर मंथन चला, अब 2025 के मुताबिक पेमेंट करने का निर्देश दिया गया। पुलिस कमिश्नरेट ने 2023 की दर पर ही भूमि देने का रिक्वेस्ट किया। बोर्ड ने सरकारी विभाग रिक्वेस्ट (Government Department Request) को स्वीकृत हुए अब 2023 की दर पर परिषद भूमि देगा।

दोषी अभियंताओं से की जाएगी वसूली


बता दें कि आगरा शहर में केंद्र सरकार की ओर से बेसिक सर्विसेज टू अर्बन पुअर (Basic Services to Urban Poor) योजना के तहत जो भवन बने हैं, उन भवनों में अनियमितता सामने आ गई है। बता दें कि 632 में से 360 भवनों का निर्माण पूरा करके अलोट भी किया जा चुका है। छानबीन में भवन में दरारें पाई गई हैं। इस दौरान दोषी सेवानिवृत्त अवर अभियंता एसके भदौरिया से एक करोड़ पांच लाख रुपये की रिकवरी की जाएगी। वहीं, इसी प्रकरण में दोषी पाए गए सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता है, उनकी मृत्यु हो चुकी है।

बीएसयूपी का भवन होगा ध्वस्त 


वहीं, दूसरी ओर सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता का पक्ष सुनने के लिए बोर्ड ने आवास आयुक्त को अधिकृत (Officer of Housing Commissioner) कर लिया है। बोर्ड में यह प्रस्ताव भी लाया गया कि बीएसयूपी के भवन को ध्वस्त कर दिया जाए लेकिन, बोर्ड ने पीडब्ल्यूडी के मानक के मुताबिक इसे यूजलेस घोषित कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद ध्वस्त करके सात करोड़ रुपये नगर विकास विभाग को वापस कर दिए जाएंगे।